जानें शिवलिंग पर जल चढ़ाने के सही तरीके, इन बातों का रखें विशेष ध्यान

सावन के महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाना भगवान शिव को प्रसन्न करने का महत्वपूर्ण तरीका है। शास्त्रों के अनुसार, सही विधि और नियमों का पालन करके पूजा का सही फल प्राप्त किया जा सकता है।

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Kaushiki
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Method of offering water to Shivalinga
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हिंदू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है और इस दौरान शिवलिंग पर जल चढ़ाना विशेष महत्व रखता है। शिव पुराण में कहा गया है कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

हालांकि, कई लोग शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय कई बार गलती कर बैठते हैं, जिससे पूजा का फल नहीं मिलता। तो ऐसे में आइए शास्त्रों के मुताबिक, आज हम जानेंगे कि सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सही तरीका और नियम क्या हैं।

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शिवलिंग पर जल चढ़ाने की सही विधि

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बैठकर जल चढ़ाएं

  • शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय हमेशा बैठकर जल अर्पित करें।
  • शास्त्रों के मुताबिक, खड़े होकर जल चढ़ाना गलत माना जाता है और इससे पूजा का फल नहीं मिलता।
  • शांत मन से बैठकर धीरे-धीरे जल चढ़ाना चाहिए।

जल चढ़ाने की दिशा

  • शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय यह सुनिश्चित करें कि आपका मुख उत्तर दिशा की ओर हो।
  • यदि आपका मुख पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर होगा तो यह पूजा के लाभ को कम कर सकता है।

सही पात्र का चयन

  • शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए तांबे का पात्र सबसे अच्छा माना जाता है।
  • कांसे या चांदी के पात्र से भी अभिषेक करना शुभ माना जाता है, लेकिन स्टील या अन्य धातु के बर्तनों से जल चढ़ाना अशुभ है।

जल चढ़ाने का सही ढंग

shivling par jal chadhane ka sahi time or niyam What is the right time to  pour water on Shivling sawa 2023 shiv ji puja rules - India TV Hindi

  • सबसे पहले जलहरी के दाईं ओर जल चढ़ाएं, जो भगवान गणेश जी का स्थान है।
  • फिर बाईं ओर जल चढ़ाएं, यह भगवान कार्तिकेय का स्थान माना जाता है।
  • जलहरी के बीच में जल चढ़ाएं, जो शिव की पुत्री अशोक सुंदरी का स्थान है।
  • फिर जलहरी के गोलाकार हिस्से में जल चढ़ाएं, यह माता पार्वती का स्थान माना जाता है।
  • अंत में, धीरे-धीरे जल चढ़ाएं और ध्यान रखें कि यह धीरे-धीरे हो।

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शिवलिंग पर जल चढ़ाने का मंत्र

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शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय मंत्रों का जप करना अत्यंत शुभ और फलदायी होता है। इन मंत्र का जाप करें:

  • ऊं नम: शिवाय
  • यह मंत्र भगवान शिव की साधना का प्रमुख मंत्र है।
  • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
  • उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
  • यह महामृत्युञ्जय मंत्र है, जिसे शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय जपना चाहिए। यह मंत्र मृत्यु के भय से मुक्ति प्रदान करता है और जीवन में सुख-शांति लाता है।

सावन का महत्व

सावन का महीना विशेष रूप से भगवान शिव के पूजन का महीना है। इस दौरान विशेष रूप से शिवलिंग पर जल चढ़ाना और रुद्राभिषेक करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।

सावन में भगवान शिव की पूजा से न केवल समृद्धि और सुख प्राप्त होते हैं, बल्कि मानसिक शांति और स्थिरता भी मिलती है। यह व्रत जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति पाने का एक उत्तम साधन है। 

जल चढ़ाने के अन्य फायदे

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  • संतान सुख: शिवलिंग पर जल चढ़ाने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
  • दुखों से मुक्ति: जीवन की सारी परेशानियां और कष्ट दूर होते हैं।
  • वैवाहिक जीवन में सुख: यह व्रत विशेष रूप से वैवाहिक जीवन में शांति और समृद्धि लाता है।

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