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सावन का महीना हर शिव भक्त के लिए विशेष महत्व रखता है, खासकर सावन के सोमवार। इस दिन भगवान शिव की पूजा करना बहुत ही ज्यादा फलदायी माना जाता है।
कल 11 जुलाइ से सावन का पावन महीना शुरु होने जा रहा है। इस महीने का पहला सोमवार 14 जुलाई 2025 को है। यह दिन भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति प्रकट करने का एक विशेष अवसर है।
ऐसे में सावन सोमवार के दिन विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान शिव की कृपा मिलती है और भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। आइए जानें इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में...
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सावन सोमवार का महत्व
सावन माह में विशेष रूप से सोमवार को भगवान शिव की पूजा का महत्व बहुत बढ़ जाता है। शिव भक्त इस दिन उपवास रखते हैं और भगवान शिव का विशेष पूजन करते हैं।
इस दिन व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। श्रद्धालु इस दिन शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं, बेलपत्र चढ़ाते हैं, और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करते हैं।
इसके अलावा, यह व्रत विशेष रूप से मानसिक शांति और जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि सावन के सोमवार की पूजा से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
सावन के पहले सोमवार के शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक, सावन के पहले सोमवार को पूजा करने के लिए चार प्रमुख शुभ मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं:
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ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:16 बजे से 5:04 बजे तक
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अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:05 बजे से 12:58 बजे तक
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अमृत काल: दोपहर 12:01 बजे से 1:39 बजे तक
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प्रदोष काल: शाम 5:38 बजे से 7:22 बजे तक
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इनमें से सबसे उत्तम समय प्रदोष काल माना जाता है, जो शाम के समय होता है। इस समय पूजा करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है।
पूजा विधि
सोमवार के दिन पूजा विधि को सही तरीके से करना आवश्यक है ताकि शिवजी की कृपा प्राप्त हो सके:
- स्नान और शुद्धता: सबसे पहले जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें। हल्के रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।
- पूजा स्थान की शुद्धता: पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल से शुद्ध करें।
- शिवलिंग का अभिषेक: शिवलिंग को पहले गंगाजल से स्नान कराएं, फिर दूध और पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से अभिषेक करें।
- चढ़ावा अर्पित करें: बेलपत्र, धतूरा, सफेद फूल, फल, मिठाई, दीपक, चावल, और गंगाजल अर्पित करें।
- मंत्र जाप और पाठ: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें और यदि संभव हो तो शिव चालीसा, रुद्राष्टक या महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें।
- आरती: पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती करें और उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें।
- व्रत का पारण: व्रत का पारण मंगलवार की सुबह स्नान और पूजा के बाद सात्विक भोजन के साथ करें। इस दिन दान देना भी शुभ माना जाता है।
इस विधि से सावन सोमवार की पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
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व्रत में क्या खाना चाहिए
सावन सोमवार व्रत में सात्विक और हल्का भोजन करना चाहिए। इसमें फल जैसे केला, सेब, पपीता, साबूदाना खिचड़ी, सिंघाड़े की पूड़ी, मखाने, मूंगफली और कुट्टू के आटे से बने पकवान खा सकते हैं।
दही, शहद और घी का सेवन भी किया जा सकता है। इस दौरान पानी और नारियल पानी पीना चाहिए, और मसालेदार व तले हुए भोजन से बचना चाहिए। व्रत में केवल व्रत के अनुसार नमक का सेवन करें।
यह शुद्ध और सात्विक भोजन से आत्मिक शांति मिलती है। आप सिंघाड़े के आटे से बनी पूड़ी, मूंगफली, और मखाने का सेवन कर सकते हैं। ध्यान रखें कि व्रत का खाना केवल व्रत के नमक से ही बनाना चाहिए।
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