पहली बार रखने वाले हैं सावन सोमवार का व्रत, तो पहले जान लें इसके सही नियम

सावन सोमवार का व्रत भगवान शिव की विशेष कृपा पाने का अवसर होता है, जो 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस व्रत में शुद्धता, पूजा सामग्री, और उचित आहार का पालन करना जरूरी होता है।

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Kaushiki
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सावन का महीना हिंदू धर्म में सबसे ज्यादा महत्व रखता है, खासकर भगवान शिव की पूजा के लिए। इस समय सावन सोमवार का व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी विशेष कृपा पाने का एक महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है। 

यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए शुभ होता है जो जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना करते हैं। इस साल सावन मास 11 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह 9 अगस्त तक चलेगा। 

ऐसे में अगर आप पहली बार सावन सोमवार का व्रत रखने जा रहे हैं तो  इसके लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है। आइए जानें सावन सोमवार का व्रत रखने के क्या-क्या नियम है।

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सावन सोमवार के व्रत का महत्व

सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, इस महीने में देवी पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। 

तभी से यह मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से मनचाहा वर मिलता है और शिवजी की विषेश कृपा होती है। खासकर सावन सोमवार का व्रत और भी अधिक महत्व रखता है क्योंकि यह दिन महादेव को विशेष रूप से समर्पित होता है। इस बार सावन के सभी सोमवारों की तिथि है:

पहला सावन सोमवार- 14 जुलाई
दूसरा सावन सोमवार- 21 जुलाई
तीसरा सावन सोमवार- 28 जुलाई
चौथा सावन सोमवार- 4 अगस्त 

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व्रत के नियम

सावन सोमवार का व्रत पूरी श्रद्धा और विधिपूर्वक किया जाना चाहिए। इस व्रत के कुछ विशेष नियम हैं जिन्हें ध्यान में रखना जरूरी है:

स्नान और पूजा

व्रत रखने वाले व्यक्ति को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और फिर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। पूजा में शमी के फूल, बेलपत्र और चंदन का प्रयोग करें।

जल अभिषेक

शिवलिंग पर जल चढ़ाना बहुत शुभ होता है। इस दिन शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।

पूजा सामग्री

सावन सोमवार की पूजा में बेलपत्र, शमी का फूल, दूध, घी, शहद और चंदन का इस्तेमाल करना चाहिए। इन वस्तुओं का विशेष महत्व है।

शुद्धता का ध्यान रखें

व्रत के दौरान शुद्धता का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करें और किसी का अपमान न करें।

व्रत कथा सुनें

सावन सोमवार के दिन व्रत कथा सुनना बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह कथा विशेष रूप से सावन के व्रत के लाभ और महिमा को समझने में मदद करती है।

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सावन सोमवार व्रत में क्या खा सकते हैं

सावन सोमवार का व्रत रखने के दौरान कुछ खास आहार का सेवन करना चाहिए:

फल और दूध

व्रत में आप फल जैसे केले, सेब, पपीता, अनार, नारियल पानी और दूध का सेवन कर सकते हैं।

साबूदाना खिचड़ी और खीर

साबूदाना खिचड़ी या खीर व्रत के समय खाए जा सकते हैं। यह व्रत के मुताबिक हल्का और पौष्टिक होता है।

सिंघाड़े या कुट्टू के आटे की पूड़ी

सिंघाड़े या कुट्टू के आटे से बनी पूड़ी भी व्रत के समय खाई जा सकती है। ध्यान रखें कि व्रत का खाना नमक से ही बना हो।

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व्रत में दान-पुण्य का महत्व

सावन सोमवार के दिन दान-पुण्य करना महादेव को प्रसन्न करने का एक प्रमुख तरीका है। इस दिन सफेद और हरी वस्तुओं का दान करने से महादेव की कृपा प्राप्त होती है। व्रत के दौरान दान का विशेष महत्व होता है और इसे अपनी श्रद्धा मुताबिक किया जा सकता है।

पूजा के शुभ मुहूर्त

सावन सोमवार का व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। पंचांग के मुताबिक, सावन सोमवार के व्रत की पूजा के लिए कुछ शुभ मुहूर्त होते हैं जिनका पालन करना चाहिए:

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:16 से 5:04 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:05 से 12:58 बजे तक
  • अमृत काल: दोपहर 12:01 से 1:39 बजे तक
  • प्रदोष काल: शाम 5:38 से 7:22 बजे तक
  • इन मुहूर्तों में पूजा करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।

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