सावन का महीना शुरु हो चुका है। सावन का पहला सोमवार भी बीत चुका है अब सावन के दूसरे सोमवार का शिव भक्तों को इंतजार है। भगवान शिव का हर भक्त पहले से ही सावन के सोमवार की तैयारियां शुरु कर देता है। ताकि वह अच्छे से पूजा-पाठ कर सकें। सावन में सोमवान का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं सावन का दूसरा सोमवार कब है।
ग्रहण योग बनेगा
सावन का दूसरा सोमवार 2 अगस्त 2021 को है। इस दिन नवमी तिथि और कृत्तिका नक्षत्र रहेगा। सोमवार को चंद्रमा वृषभ राशि में प्रवेश करेगा, जहां राहु पहले से ही विराजमान है। राहु और चंद्रमा से इस दिन ग्रहण योग बनेगा।
नवमी तिथि का महत्व
2 अगस्त को श्रावण यानि सावन मास की कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि रहेगी। हिंदू धर्म में नवमी की तिथि का विशेष महत्व माना जाता है। नवमी की तिथि का संबंध भगवान राम से भी है। भगवान राम का जन्म इसी तिथि में हुआ था। नवमी तिथि में माँ सिद्धिदात्री का भी पूजन किया जाता है। सावन का दूसरा सोमवार नवमी की तिथि पर पड़ रहा है। इसलिए इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष फल मिलेगा।
बुधादित्य योग
सावन के दूसरे सोमवार को कृत्तिका नक्षत्र भी ब7न रहा है। इस नक्षत्र को 27 नक्षत्रों में तीसरा नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र का स्वामी सूर्य और राशि के स्वामी शुक्र है। 02 अगस्त को सूर्य कर्क राशि में बुध ग्रह के साथ बुधादित्य योग बना रहे हैं।
शिव का अभिषेक करें
इस नक्षत्र में शिव का अभिषेक करना चाहिए। इस दिन भगवान शिव का गंगा जल के साथ अभिषेक करना चाहिए। इस दिन भगवान शिव को चंदन, अक्षत, बेलपत्र धतूरा या आक के फूल चढ़ाए जाने चाहिए। इसके साथ ही घी, शक्कर गेहूं के आटे से बने प्रसाद का भोग लगाना चाहिए। इसके बाद धूप दीप से आरती करें।