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शनि गोचर 2025: ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है क्योंकि वे हमारे कर्मों का फल देते हैं। जब भी शनि किसी राशि में गोचर करते हैं, तो उसके प्रभाव से जीवन में कई बदलाव आते हैं। शनि की धीमी गति के कारण यह प्रभाव लंबे समय तक रहता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, 29 मार्च 2025 को शनि देव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे और 3 जून 2027 तक मीन राशि में ही रहेंगे। इस गोचर का हर राशि पर अलग-अलग प्रभाव पड़ सकता है।
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शनि गोचर का सामान्य प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि के मीन राशि में गोचर से कुछ राशियों को शुभ प्रभाव मिलेगा, जबकि कुछ राशियों को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यह गोचर वित्तीय स्थिति, मानसिक तनाव, प्राकृतिक आपदाओं और सामाजिक संघर्षों का संकेत भी दे सकता है।
शनि गोचर से किसे मिलेगा लाभ
वृषभ राशि (Taurus)
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि का मीन राशि में गोचर वृषभ राशि के लिए शुभ संकेत है। शनि के एकादश भाव में उदय होने से वृषभ जातकों को धन की प्राप्ति हो सकती है। इसके साथ ही धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी और शिक्षा में सफलता मिलने के योग हैं। यह समय नए आय स्रोतों के लिए भी उपयुक्त रहेगा।
मिथुन राशि (Gemini)
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि का गोचर बहुत लाभकारी हो सकता है। शनि के दशम भाव में उदय होने से करियर में तरक्की के नए अवसर मिल सकते हैं। व्यापारी वर्ग के लिए यह समय व्यवसाय में विस्तार और लाभ का संकेत है।
तुला राशि (Libra)
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तुला राशि के जातकों के लिए शनि का गोचर शुभ रहेगा। शनि के छठे भाव में गोचर से आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए यह समय प्रगति और तरक्की का है, और उच्च अधिकारियों से अच्छे संबंध बन सकते हैं।
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प्राकृतिक आपदाएं
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि के मीन राशि में गोचर से प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बढ़ सकता है। शनि के मीन राशि में आने के बाद भूकंप, बारिश, बाढ़, सूखा जैसी घटनाएं बढ़ सकती हैं। साथ ही, गृहयुद्ध और युद्ध जैसी घटनाओं का भी खतरा बन सकता है, जैसा कि 1995 में हुआ था जब शनि ने मीन राशि में गोचर किया था।
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बाकि राशियों पर इसका प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि के मीन राशि में गोचर से हर राशि पर अलग-अलग प्रभाव पड़ सकता है। जैसे
मेष राशि (Aries)
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि की साढ़े साती का प्रथम चरण होगा। आर्थिक समस्याएं और आमदनी में कमी का सामना करना पड़ सकता है।
वृषभ राशि (Taurus)
इस दौरान वृषभ जातकों को अच्छा आर्थिक लाभ मिल सकता है। उच्च शिक्षा में सफलता की संभावना भी बनी रहती है।
मिथुन राशि (Gemini)
करियर में उन्नति के अवसर और व्यापार में वृद्धि हो सकती है। सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।
कर्क राशि (Cancer)
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, पारिवारिक जीवन में तनाव बढ़ सकता है, लेकिन कार्यक्षेत्र में भी अवसरों का सामना होगा।
सिंह राशि (Leo)
शनि की ढैया का असर रहेगा। वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है। ध्यान और संयम की आवश्यकता है।
कन्या राशि (Virgo)
इस दौरान कामकाजी जीवन में उन्नति के मौके मिल सकते हैं, लेकिन मानसिक तनाव भी रहेगा।
तुला राशि (Libra)
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, करियर में सकारात्मक बदलाव आएंगे, उच्च अधिकारियों से अच्छे संबंध बनेंगे। विदेश यात्रा के योग बन सकते हैं।
वृश्चिक राशि (Scorpio)
शनि का प्रभाव व्यापार और निजी जीवन में संघर्ष पैदा कर सकता है। धैर्य रखें।
धनु राशि (Sagittarius)
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि की ढैया का असर रहेगा, और आपको मानसिक शांति बनाए रखने की आवश्यकता होगी।
मकर राशि (Capricorn)
इस दौरान आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और कामकाजी जीवन में सफलता मिल सकती है।
कुंभ राशि (Aquarius)
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है।
मीन राशि (Pisces)
शनि का मीन राशि में गोचर आपके जीवन में बदलाव ला सकता है। नया करियर विकल्प मिल सकता है, लेकिन मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
शनि की ढैया और साढ़ेसाती क्या है
शनि की ढैया और शनि की साढ़ेसाती दोनों ही ज्योतिष के महत्वपूर्ण अवधारणाएं हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि की ढैया तब होती है जब शनि ग्रह कुंभ या मीन राशि में होते हुए व्यक्ति की राशि के 12वें घर में गोचर करते हैं, जिससे व्यक्ति को 2.5 साल तक मानसिक तनाव, संघर्ष और जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि की साढ़ेसाती तब होती है जब शनि ग्रह चंद्रमा की राशि के पहले, दूसरे और तीसरे घर में गोचर करता है, जो सात साल तक चलता है और इस दौरान व्यक्ति को जीवन में समस्याएं, मानसिक तनाव और कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन यह समय व्यक्ति को अपने कर्मों का फल देता है और उसे अपने कार्यों में धैर्य और स्थिरता की आवश्यकता होती है। दोनों ही अवस्थाओं में व्यक्ति को धैर्य और मेहनत से काम करने की जरूरत होती है, ताकि शनि के प्रभाव को सकारात्मक दिशा में बदला जा सके।
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