जगतजननी माता दुर्गा और उनके 9 दिव्य रूपों की आराधना का महापर्व नवरात्रि शुरू हो रही है। प्रचलित परंपरा के अनुसार, दुर्गा पूजा की शुरुआत घट-स्थापना या कलश स्थापना से होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब नवरात्रि गुरुवार से शुरू होती है तो माता रानी ( Mata Rani ) पालकी में आती हैं। आइए अब जानते हैं घट स्थापना का शुभ मुहूर्त...
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन यानी 3 अक्टूबर को घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:15 बजे से 7:22 बजे तक है, जो कुल 1 घंटा 07 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा, घट स्थापना ( Ghatasthapana ) अभिजीत मुहूर्त में भी की जा सकती है, जो सुबह 11:46 बजे से 12:33 बजे तक है।
घट स्थापना की विधि
- नवरात्रि के पहले दिन व्रत का संकल्प (Sankalp) लेने के बाद मिट्टी की वेदी में जौं बोया जाता है और कलश (Kalash) को इस वेदी पर स्थापित किया जाता है।
- पहले भगवान गणेश की पूजा करें और फिर कलश को गंगाजल से शुद्ध की गई जगह पर रखें।
- कलश में सात प्रकार के अनाज, सिक्के, फूल, और आम के पत्ते रखें।
- कुल देवी ( Kul Devi ) की तस्वीर या नारियल स्थापित करें।
- दुर्गा सप्तशती ( Durga Saptashati ) का पाठ करें और अखंड ज्योति ( Akhand Jyoti ) प्रज्वलित करें।
- अंत में मां दुर्गा की आरती करें और प्रसाद बांटें।
माता रानी का वाहन और उसके संकेत
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवरात्रि का प्रारंभ जब रविवार या सोमवार के दिन से होता है तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। यदि नवरात्रि, गुरुवार या शुक्रवार से शुरू हों तो माता रानी पालकी में आती हैं। वहीं, नवरात्रि की शुरुआत अगर मंगलवार या शनिवार से होती है तो मां घोड़े पर सवार होकर आती हैं। नवरात्रि अगर बुधवार से शुरू हो तो माता रानी नौका में सवार होकर आती हैं। इस बार गुरुवार से आरंभ होने के कारण उनका वाहन पालकी होगा जो ज्योतिष शास्त्र में कम लाभकारी माना जाता है।
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