BHOPAL. सूर्य ग्रहण को ना सिर्फ ज्योतिषीय और खगोलीय बल्कि धार्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। जब कभी भी सूर्य ग्रहण की घटना घटित होती है, तो इसका प्रभाव पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव पर पड़ता है। इस समय खंड में पृथ्वी पर ऐसा समय भी होता है। जब प्रकृति एक अलग रूप में ही दिखाई देती है। इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगने जा रहा है, जिसकी अवधि सुबह 7 बजकर 4 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। हालांकि, यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देगा। इसलिए इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा, लेकिन इस बार का सूर्य ग्रहण बेहद खास रहने वाला है क्योंकि इस बार 3 तरह के सूर्य ग्रहण दिखने वाले हैं। जिन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हाइब्रिड सूर्य ग्रहण का नाम दिया गया है।
मेष राशि पर पड़ रहा सूर्य ग्रहण
ज्योतिष के मुताबिक सूर्य ग्रहण मेष राशि और अश्वनी नक्षत्र में पड़ रहा है। यह सूर्य ग्रहण भारतवर्ष में तो अदृश्य है इसलिए भारत में इसका सूतक पातक आदि देखने को नहीं मिलेगा। परंतु बाकी स्थानों पर ऑस्ट्रेलिया, लेटिन अमेरिका आदि देशों में जहां ये दिखाई दे रहा है। परिणामस्वरूप भौगोलीय घटनाओं का प्रभाव पूरी धरती के ऊपर ही दिखेगा। इस ग्रहण के प्रभाव से रूस और यूक्रेन में युद्ध और बढ़ सकता है। अलग-अलग क्षेत्रों में झड़प या युद्ध की संभावनाएं देखने को मिलेगी। इसके अलावा, संक्रामक रोग दोबारा से दिखाई देगा।
राजनेताओं के बीच होगा विवाद
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण राजनेताओं में आपसी विवाद की स्थिति उत्पन्न कर रहा है। अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन आदि जो एक ग्रुप के हैं, उनमें आपस में विवाद की स्थिति अगले 6 महीने में सूर्य ग्रहण के प्रभाव से देखने को मिलेगी। परंतु भारत के ऊपर इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव बुरा नहीं देखने को मिलेगा। भारत के लोगों को तो अपने भगवान की कृपा ऐसी प्राप्त है कि इस ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव भारत के शत्रुओं पराजित कर देगा। उनकी परेशानियां बढ़ती हुई दिखाई दे रही है।
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सूर्य ग्रहण की अवधि
सूर्य ग्रहण सुबह 7 बजकर 4 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर खत्म होगा। इस सूर्य ग्रहण की अवधि 5 घंटे 24 मिनट की होगी। इस सूर्य ग्रहण के दो दिन बाद देवगुरु बृहस्पति का गोचर होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल नहीं माना जाएगा। लेकिन इस सूर्य ग्रहण का असर सभी राशियों पर पड़ेगा।
कहां कहां दिखेगा ये सूर्य ग्रहण
यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, सिंगापुर, थाइलैंड, कंबोडिया, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत महासागर जैसी जगहों पर दिखाई देगा।