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Latest Religious News:भारतीय ज्योतिष शास्त्र और वास्तु विज्ञान में समय का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि सूर्यास्त के बाद का समय यानी संध्याकाल बहुत ही संवेदनशील होता है। ये वह समय है जब दिन की ऊर्जा रात की ऊर्जा में बदलती है।
इस समय किए गए कुछ काम हमारी आर्थिक स्थिति और भाग्य को प्रभावित कर सकते हैं। सनातन धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, संध्याकाल को माता लक्ष्मी के घर में प्रवेश का समय भी माना जाता है।
इसलिए, कुछ कार्यों को इस समय वर्जित किया गया है। इन उपायों को अपनाने से घर में धन-धान्य और सकारात्मकता बनी रहती है। आइए, जानते हैं ज्योतिष और वास्तु के मुताबिक सूर्यास्त के बाद आपको कौन से काम भूलकर भी नहीं करने चाहिए। इनके पीछे क्या कारण है।
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किसी को भी हल्दी न दें
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, हल्दी को हमारे शास्त्रों में शुभता, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना गया है। यह सिर्फ एक मसाला नहीं, बल्कि धार्मिक अनुष्ठानों का एक अभिन्न अंग है।
हल्दी का सीधा संबंध गुरु ग्रह से होता है। इसे धन, ज्ञान और वैवाहिक जीवन का कारक माना जाता है। इसका संबंध मंगल ग्रह से भी जोड़कर देखा जाता है।
ऐसा माना जाता है कि सूर्यास्त के बाद किसी दूसरे व्यक्ति को हल्दी या हल्दी से बनी कोई भी वस्तु देने से घर की शुभ ऊर्जा और गुरु की कृपा घट जाती है।
ज्योतिष के मुताबिक, ऐसा करने से माता लक्ष्मी नाराज़ हो सकती हैं, जिससे आपके घर में आर्थिक तंगी और बुरे भाग्य का वास हो सकता है। यह आपके मान-सम्मान और ज्ञान को भी प्रभावित कर सकता है।
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ये सफेद वस्तुएं किसी को न दें
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, दूध, दही, चावल और चीनी जैसी सफेद वस्तुओं को शांत ऊर्जा और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इन सफेद वस्तुओं का सीधा संबंध चंद्रमा और शुक्र ग्रह से माना जाता है।
चंद्रमा मन और सुख-शांति का प्रतीक है। जबकि शुक्र ग्रह धन, वैभव और भौतिक सुखों का कारक है। सूर्यास्त के समय शुक्र और चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं को घर से बाहर भेजना शुभ नहीं माना जाता है।
ऐसा करने से ये ग्रह कमजोर होते हैं। ज्योतिष शास्त्र कहता है कि संध्याकाल में इन सफेद वस्तुओं को उधार या दान में देने से आपका भाग्य कमजोर होता है। यह आपके घर की आर्थिक समस्याओं को बढ़ा सकता है। क्योंकि आप अपने घर की सुख-समृद्धि को किसी और को दे रहे होते हैं।
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सूर्यास्त के बाद झाड़ू न लगाएं
वास्तु शास्त्र में झाड़ू को बहुत ही पवित्र माना गया है। इसे केवल कूड़ा हटाने का साधन नहीं, बल्कि धन की देवी माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है। वास्तु के अनुसार, झाड़ू लगाना घर की नकारात्मकता को बाहर निकालने की प्रक्रिया है।
शाम के समय या संध्याकाल में झाड़ू लगाने से घर की वह सकारात्मक ऊर्जा भी कूड़े के साथ बाहर चली जाती है, जो माता लक्ष्मी के आगमन के लिए जरूरी होती है।
ऐसा करने से धन की हानि होती है और घर में दरिद्रता का वास हो सकता है। इसीलिए शास्त्रों में कहा गया है कि शाम होने के बाद घर को साफ करने का काम नहीं करना चाहिए, यह अशुभ माना जाता है।
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संध्याकाल में दही का सेवन न करें
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, दही खाने-पीने की एक ऐसी चीज है, जिसका संबंध शीतल चंद्रमा और शुक्र ग्रह दोनों से होता है। धार्मिक दृष्टि से दही को शुभता से जोड़ा जाता है, लेकिन शाम का समय इसके सेवन के लिए वर्जित माना गया है।
ज्योतिष और आयुर्वेद दोनों ही मानते हैं कि रात में दही खाने से कफ बढ़ सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। ज्योतिष में, कमजोर स्वास्थ्य अक्सर कमजोर भाग्य को भी दर्शाता है।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, वास्तुटिप्स में शाम के समय दही का सेवन करने से शुक्र और चंद्रमा की ऊर्जा का सही संतुलन बिगड़ सकता है। यह नियम सिर्फ स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि आर्थिक स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है। शुभ चीजों का सेवन सही समय पर ही करना चाहिए।
तो ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, इन ज्योतिषीय और वास्तु नियमों का पालन करके आप अपने घर में सकारात्मकता बनाए रख सकते हैं। माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं, जिससे आर्थिक स्थिरता हमेशा बनी रहेगी।
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डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। धार्मिक अपडेट | Hindu News
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