BHOPAL. आज यानी 8 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। भारत में यह चंद्र ग्रहण आंशिक होगा, लेकिन देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर भागों में चंद्रोदय के समय पूर्ण चंद्र ग्रहण देखा जा सकेगा। 8 नवंबर को सुबह से ही ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा। भारत में ग्रहण लगने के कारण इसका सूतक काल मान्य होगा। सूतक में शुभ कार्य और सभी तरह के धार्मिक अनुष्ठान बंद रहते हैं। इस दौरान सभी मंदिरों के पट बंद हो जाते हैं। ग्रहण की समाप्ति के साथ ही सूतक खत्म हो जाता है। इसके बाद पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करते हुए और स्नान करके मंदिरों में पूजा की जाती है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण पर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। जानें, चंद्र ग्रहण की सभी खास बातें...
उज्जैन की जीवाजी वेधशाला के सुपरिंटेंडेंट डॉ. राजेंद्र गुप्त के मुताबिक, चंद्र ग्रहण देश के पूर्वी भाग कोलकाता, कोहिमा, पटना, पुरी, रांची, ईटानगर के आसपास के शहरों में पूर्ण चंद्र ग्रहण और शेष भारत में आंशिक चंद्र ग्रहण दिखेगा। जहां पूर्ण ग्रहण होगा, वहां चंद्रमा लाल दिखेगा। शाम 4.23 बजे से अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखने लगेगा। 6.19 बजे ग्रहण खत्म होगा। इसके बाद उपछाया चंद्र ग्रहण शुरू होगा और ये 7.26 बजे तक रहेगा।
क्यों होता है चंद्र ग्रहण?
पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा बिल्कुल सीध में होते हैं। चंद्र ग्रहण तब होता है, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है। इस दौरान जब हम धरती से चांद देखते हैं तो वह हमें काला नजर आता है। इसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है.
सूतक काल
चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण से पहले के समय को सूतक काल कहा जाता है। चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे तो सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले लग जाता है। धार्मिक कार्यों में ग्रहण के दौरान सूतक काल का काफी महत्व बताया गया है।
आपके शहर में चंद्र ग्रहण का समय
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चंद्र ग्रहण में क्या करें
ग्रहण शुरू होने से पहले यानी सूतक काल प्रभावी होने पर पहले से ही खाने-पीने की चीजों में पहले से तोड़े गए तुलसी के पत्ते को डालकर रखना चाहिए।
ग्रहण के दौरान अपने इष्ट देवी-देवताओं के नाम का जाप करें। ग्रहण के दौरान इसके असर को कम करने के लिए मंत्रों का जाप करना चाहिए।
ग्रहण खत्म होने पर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।
चंद्र ग्रहण के दौरान ये ना करें
ग्रहण के दौरान कभी भी कोई शुभ काम या देवी-देवताओं की पूजा नहीं करनी चाहिए।
ग्रहण के दौरान ना ही भोजन पकाना चाहिए और ना ही कुछ खाना-पीना चाहिए।
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं का ग्रहण नहीं देखना चाहिए और ना ही घर से बाहर जाना चाहिए।
ग्रहण के दौरान तुलसी समेत अन्य पेड़-पौधों नहीं छूना चाहिए।
चंद्रग्रहण के दौरान इन मंत्रों का जाप करें
- ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः