जुलाई का महीना धार्मिक दृष्टि से बेहद खास माना जाता है, क्योंकि इस महीने से चातुर्मास का शुरू हो रहा है। देवता इस महीने में सोने चले जाते है। इस महीने कुछ प्रमुख व्रत त्योहार हैं। जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए...
योगिनी एकादशी
आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहते हैं। इस व्रत की महिमा से व्रती को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत इस लोक में भोग और परलोक में मुक्ति देने वाला है। भगवान कृष्ण ने स्वयं कहा है कि योगिनी एकादशी का व्रत करने पर 88 हजार ब्रह्माणों को भोजन कराने के बराबर फल मिलता है। इस साल यह व्रत 5 जुलाई सोमवार को है।
प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी को रखा जाता है। इस व्रत को रखने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। वहीं जो लोग यह सुख प्राप्त कर चुके हैं उनकी संतान को बेहतर स्वास्थ्य और लंबी उम्र की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा होती है। इस साल 7 जुलाई को आप प्रदोष व्रत रख सकती है।
मासिक शिवरात्रि
हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। यह भगवान शिव को सर्मपित है। इस दिन उपवास रखकर सब प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस व्रत से भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह 8 जुलाई को है।
बकरीद
मुसलमानों के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है बकरीद। इसे मीठी ईद के ठीक दो महीने बाद मनाया जाता है। यह कुर्बानी को याद रखने और सलामी देना का त्योहार है। इस्लामिक कैलेंडर में इस ईद–उल-अजहा के नाम से जाना जाता है। इस साल संभवत: 21 जुलाई को ईद मनाई जाएगी, क्योंकि ईद की तारीख चांद का दीदार करने के बाद तय होती है।
गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को यह त्योहार मनाया जाता है। इस दिन गुरु पूजा का विधान है। इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसी दिन महाभारत के रचयिता महिर्ष वेदव्यास का जन्मदिन है। उनके सम्मान में गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस साल 23 जुलाई को मनाया जाएगा।