देवी आराधना: गुप्त नवरात्रि आज से शुरू, जानें घट स्थापना का शुभ मुहूर्त

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देवी आराधना: गुप्त नवरात्रि आज से शुरू,  जानें घट स्थापना का शुभ मुहूर्त

वर्ष में कुल मिलाकर चार नवरात्रि आती है। मुख्य रूप से चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के बारे में सभी जानते हैं। लेकिन इसके अलावा दो और भी नवरात्रि हैं जिनमें विशेष कामनाओं की सिद्धि होती है। इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्रि कहते हैं। गुप्त नवरात्रि इस बार 11 जुलाई यानी आज से शुरू हो रही है। आइए, जानते हैं क्या है गुप्त नवरात्रि का महत्व और घट स्थापना का शुभ मुहूर्त।

11 से 18 जुलाई तक गुप्त नवरात्रि

चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के बारे में सभी को पता है लेकिन इनके अलावा, माघ गुप्त नवरात्रि और आषाढ़ गुप्त नवरात्रि भी आती हैं। इनके बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी है। आषाढ़ मास में पड़ने वाली नवरात्रि को आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कहते हैं। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि शुरू होती है। इस बार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 11 जुलाई, रविवार से शुरू होकर 18 जुलाई, रविवार को समाप्त होगी।

गुप्त नवरात्रि का महत्व

नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा गुप्त तरीके से की जाएगी। इसमें विशेष तरह की इच्छापूर्ति तथा सिद्धि प्राप्त करने के लिए पूजा और अनुष्ठान किया जाता है। गुप्त नवरात्रि में तंत्र-मंत्र और सिद्धि प्राप्त करने का विषेश महत्व होता है। इस दौरान तांत्रिक, साधक या अघोरी तंत्र-मंत्र और सिद्धि प्राप्त करने के लिए मां दुर्गा की पूजा करते हैं। हर इंसान गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा अराधना कर सकते हैं। मां की पूजा करने से आपके जीवन के सभी संकटों का नाश होगा।

गुप्त नवरात्रि की स्थापना का मुहूर्त

गुप्त नवरात्रि के दौरान पूजा करते समय विशेष बातों का ध्यान रखें। सुबह और शाम नियमित रूप से मां दुर्गा की पूजा गुप्त रूप से करें। गुप्त नवरात्रि में गुप्त रूप से मां दुर्गा और उनके रूपों की अराधना की जाती है। 11 जुलाई दिन रविवार को घट स्थापना का शुभ मुहूर्त- सुबह 5:31 मिनट से सुबह 7:47 मिनट तक रहेगा।

ऐसे करें पूजा

गुप्त नवरात्रि के दौरान घट स्थापना उसी तरह की जाती है जिस तरह से चैत्र और शारदीय नवरात्रि में होती है। सुबह-शाम की पूजा में मां को लौंग और बताशे का भोग लगाना चाहिए। इसके बाद मां को श्रृंगार का सामान जरूर चढाएं। सुबह और शाम दोनों समय पर दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करें। 'ॐ दुं दुर्गायै नमः' मंत्र का जाप करें। इससे आपके जीवन की सारी समस्याएं दूर होगी।

तंत्र-मंत्र वाली नवरात्रि