मौनी पंचमी: शिव की आराधना करने से दूर हो जाएंगे शारीरिक और मानसिक कष्ट

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मौनी पंचमी:   शिव की आराधना करने से दूर हो जाएंगे शारीरिक और मानसिक कष्ट

श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मौनी पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस साल यह 28 जुलाई को है। सुहागिन महिलाएं इस दिन व्रत रखती है। झारखंड के देवघर के शिव मंदिर में शर्वनी मेला लगया जाता है। इस दिन नागों की विशेष पूजा होती हैं। नाग देवता को सूखे फल, खीर आदि चढ़ा उनकी पूजा की जाती है। इस तिथि के देवता शेषनाग हैं इसलिए इस दिन भोलेनाथ के साथ-साथ शेषनाग की भी पूजा की जाती है।

क्यों रखा जाता है मौन व्रत

मौनी पंचमी को शिव पूजा और मौनव्रत रखने के पीछे यही मूल संदेश है कि मौन मानसिक, वैचारिक और शारीरिक हिंसा पर लगाम लगाने का काम करता है। मौन व्रत व्यक्ति को मानसिक रूप से संयम और धैर्य रखना सीखाता है साथ ही वह शारीरिक ऊर्जा के नुकसान से भी बचने में सफलता दिलाता है। मान्यता है मौन पंचमी के दिन भगवान शिव और नाग देवता की पूजन करने से मनुष्य के जीवन में आ रहे कष्ट नष्ट हो जाते हैं।

मौनी पंचमी का महत्व

मौनी पंचमी के दिन शिव के दक्षिणामूर्ति स्वरूप की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस रूप में शिव को ज्ञान, ध्यान, योग और विद्या का जगतगुरु माना गया है। मान्यता है कि इस रूप में शिव की पूजा करने से बुद्धि तथा ज्ञान में बढ़ोत्तरी होती है। जिससे व्यक्ति जीवन में सफलता पाता है। इस दिन पंचामृत और पानी से शिव का अभिषेक किया जाता है। हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं के लिए यह दिन महत्तवपूर्ण है।

श्रावण महीना