शिव की अराधना के लिए सावन का महीना बहुत खास माना जाता है। इस साल 25 जुलाई से सावन शुरू होगा। इससे पहले आषाढ़ महीने के कृष्णपक्ष के आखिरी 3 दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए विशेष हैं। इन दिनों में प्रदोष, शिवरात्रि और अमावस्या का संयोग बन रहा है।
शिव पुराण के अनुसार
शिव पुराण के मुताबिक इन दिनों में दूध और गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें, दिनभर व्रत रखकर भगवान की विशेष पूजा करें। ऐसा करने से हर तरह की परेशानियां दूर होती हैं साथ ही उम्र भी बढ़ती है।
3 दिन दान करनी बेहद शुभ
आषाढ़ महीने के प्रदोष, शिव चतुर्दशी और अमावस्या पर सुबह जल्दी उठकर नहाने के बाद जल और दूध से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करना चाहिए। इसके बाद शिवलिंग पर मदार, धतूरा और बेलपत्र चढ़ाएं और मौसमी फलों का भोग लगाएं। इन तीन दिनों में सत्तू, आम और दूध का दान करना बेहद शुभ होगा। इन चीजों का दान करने से शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं।
शिव पूजा के 3 विशेष दिन
7 जुलाई को प्रदोष है। इस दिन व्रत रखें और शाम को सूर्यास्त के समय शिव की अराधना करें । इस दिन शिवलिंग पर बिल्वपत्र और सफेद फूलों की माला चढ़ाएं। साथ ही घी का दीपक लगाएं। 8 जुलाई को शिव चतुर्दशी है। इस दिन मासिक शिवरात्रि व्रत भी किया जाता है। इस तिथि पर भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा होती है। इस दिन देवी पार्वती को सौभाग्य सामग्री यानी 16 श्रंगार चढ़ाए जाते हैं। 9 जुलाई को आषाढ़ अमावस्या है। इस दिन आषाढ़ कृष्णपक्ष का आखिरी दिन होगा। अमावस्या पर प्रदोष काल यानी दिन के खत्म होने और रात की शुरुआत के पहले के समय पर भगवान शिव का अभिषेक और महामृत्युंजय मंत्र के साथ विशेष पूजा करनी चाहिए।