संजय गुप्ता, INDORE. राज्य सेवा परीक्षा 2019 के नए रिजल्ट के बाद पात्र घोषित किए गए करीब 2700 उम्मीदवारों की अप्रैल महीने में विशेष मेन्स होने जा रही है। लेकिन 18 फरवरी को हाईकोर्ट द्वारा 87-13 फॉर्मूले को लेकर लगी याचिका पर दिए गए फैसले के बिंदु 5.3 में मेरिट उम्मीदवारों के एक कैटेगरी से दूसरी कैटेगरी में शिफ्ट होने को लेकर आदेश में कहा गया है कि ये प्री स्तर पर नहीं हो सकता है, क्योंकि ये स्तर योग्यता मापने का नहीं है, इसलिए इस स्तर पर उम्मीदवार जो जिस कैटेगरी का है उसी के लिए चयनित होगा। जैसे एसटी का है तो एसटी कैटेगरी में ही मैन्स के लिए चयनित होगा। इस फैसले के बाद अब 34 महिला उम्मीदवारों ने पीएससी के 13 जनवरी 2023 को दिए गए फैसले को चुनौती दी है जिसमें उन्हें इंटरव्यू के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
क्यों किया था बाहर, ये है पूरा पेचीदा मसला
राज्य सेवा परीक्षा 2019 जब हुई तब इसमें रोस्टर के नए नियम लागू हुए थे जिसमें था कि जो उम्मीदवार जिस कैटेगरी में है, उसी में ही चयनित होगा और इसी दौरान परीक्षा में पहली बार ओबीसी का आरक्षण 27 फीसदी हुआ। नए रोस्टर नियम को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगी साथ ही ओबीसी आरक्षण को लेकर। रोस्टर नियम पर फैसला 7 अप्रैल 2022 को आया जिसमें हाईकोर्ट ने इन नियम को शून्य करार दिया। लेकिन इस नियम को दरकिनार करने से पहले ही रोस्टर नियमों के तहत दिसंबर 2020 में पहले प्री का रिजल्ट आया, जिसमें करीब 8900 उम्मीदवार मेन्स के लिए क्वालीफाई हुए और फिर दिसंबर 2021 में इनकी पीएससी ने राज्य सेवा परीक्षा 2019 की मेन्स आयोजित कर दिसंबर 2021 में मेन्स का रिजल्ट घोषित कर 1918 उम्मीदवार इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई घोषित किए।
फिर हाईकोर्ट का आया नया आदेश
अप्रैल 2022 में रोस्टर नियम खारिज होने और ओबीसी आरक्षण को लेकर 87-13 फॉर्मूला आने के बाद पीएससी ने 10 अक्टूबर 2020 को राज्य सेवा परीक्षा 2019 के प्री और मेन्स के पुराने रिजल्ट शून्य घोषित कर दिए और फिर से मेन्स कराने का आदेश दिया। इसके खिलाफ पूर्व में पास हो चुके 1918 उम्मीदवार में से 140 हाईकोर्ट चले गए, तब हाईकोर्ट ने 21 दिसंबर 2022 को आदेश दिया कि नए फॉर्मूले से जो रिजल्ट बनता है, इसमें जो नए योग्य उम्मीदवार पात्र आते हैं, केवल उन्हीं की स्पेशल मेन्स की जाए, जो पहले दे चुके उनकी जरूरत नहीं है। फिर से सभी की मेन्स कराने का आदेश रद्द किया जाता है।
इस आदेश के बाद बना नया रिजल्ट और हो गए बाहर
इस आदेश के बाद पीएससी ने नए सिरे से रिजल्ट बनाया, जिसमें पदों की तुलना में महिला उम्मीदवारों के लिए जो प्री में पास करने का कटऑफ पहले 142 अंक (71 सवाल) थे, वे बढ़कर 144 अंक (72 सवाल) हो गए। इसके चलते 308 ऐसे उम्मीदवार सामने आए जो नए फॉर्मूले से रिजल्ट बनने पर मेन्स के लिए ही क्वालीफाई नहीं थे लेकिन वे मेन्स दे चुके थे, इन्हें पीएससी ने अयोग्य घोषित किया और साथ ही 34 महिला उम्मीदवार वे निकली जो प्री के साथ ही पूर्व में हो चुकी मेन्स भी पास कर चुकी है और दिसंबर 2021 के रिजल्ट के तहत इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई हो चुकी है, लेकिन वे नए फॉर्मूले और नियमों के तहत क्वालीफाई नहीं हैं। इन सभी रिसफल के बाद पीएससी ने 13 जनवरी को 34 उम्मीदवारों की सूची जारी कर इन्हें इंटरव्यू की अगली प्रक्रिया के लिए अयोग्य घोषित कर दिया।
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अब किस आधार पर ये 34 उम्मीदवार दे रहीं चुनौती
हाईकोर्ट के नए आदेश कि मेरिट होल्डर उम्मीदवारों का प्री स्तर पर माइग्रेशन नहीं होगा और वे अपनी ही कैटेगरी में रहेगा। इस पर आधार पर महिला उम्मीदवारों ने नए रिजल्ट और पीएससी के 13 जनवरी के आदेश को चुनौती दी है। क्योंकि बिना माइग्रेशन वाले आधार पर ही पीएससी का दिसंबर 2021 की मेन्स का रिजल्ट बना था, जिसमें ये महिला उम्मीदवार क्वालीफाई हुई थी और यही बात हाईकोर्ट ने 18 फरवरी को दिए गए अपने नए आदेश के बिंदु 5.3 में कही है। पीएससी का राज्य सेवा परीक्षा 2019 की मेन्स का 10 अक्टूबर 2022 को बना नया रिजल्ट तो हर कैटेगरी में मेरिट होल्डर उम्मीदवारों के माइग्रेशन यानी एक कैटेगरी से दूसरी कैटेगरी में जाने के आधार पर ही बना हुआ है। ऐसे में इन 34 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई होने की नई उम्मीद नजर आई है।