भोपाल. प्रदेश के 65 हजार से ज्यादा मेधावी स्टूडेंटस को 3 साल बाद भी न तो लैपटॉप मिला है न ही उसकी राशी। प्रदेश में सत्ता प्ररिवर्तन होने से उक्त मामला अधर में लटक गया। 2019 में हायर सेकंडरी परीक्षा में 75 फीसदी या उससे ज्यादा अंक लाने वाले स्टूडेंट्स को सरकार ने लैपटॉप देने की बात कही थी। इसके लिए स्टूडेंट्स के बैंक अकाउंट में 25 हजार रूपए डाले जाने थे, जो आज तक स्टूडेंटस के अकाउंट में नहीं पहुंची।
सत्ता परिवर्तन में अटका मामला
2020 के छात्रों के बैंक अकाउंट में 25 हजार रूपए सरकार ने डाल दिए हैं, लेकिन 2019 के स्टूडेंट्स इससे वंचित रह गए। इसके पीछे कारण प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का होना है। हालंकि प्रदेश सरकार ने उन स्टूडेंट्स को भी लैपटॉप देने पर विचार करने की बात कही थी। इसके लिए जिला स्तर पर स्टूडेंट्स की संख्या जुटाने का काम शुरू हुआ था, लेकिन फिलहाल स्टूडेंट्स को प्रदेश सरकार से अब भी उम्मीद है कि उन्हे लैपटॉप या उसके लिए राशी जरूर मिलेगी। इसका वे बेसब्री से इंतजार भी कर रहे है।
बच्चों के हाथ लगी निराशा
प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी, जब मेधावी स्टूडेंट्स को लैपटॉप के लिए 25 हजार रूपए की राशि बैंक खाते में पहुंचाई जानी थी। इसके लिए योजना बनाई जा रही थी, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बीच यह मामला अधर में लटक गया और वर्तमान सरकार ने भी इस दिशा में कोई कारगार कदम नहीं उठाया। जब 2020 में मेधावी स्टूडेंट्स को लैपटॉप के लिए राशी देने के लिए घोषणआ की गई तो 2019 के स्टूडेंट्स ने भी चक्कर लगाना शुरू कर दिए, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
स्टूडेंट्स को आज भी है लैपटॉप मिलने की आस
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि किसी भी छात्र के साथ अन्याय नहीं होगा। छात्रों को उनका हक मिलेगा। स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री इंदर सिंह परमार के निर्देश पर प्रदेशभर के मेधावी विद्यार्थियों की जानकारी जुटाने की कार्रवाई शुरू हुई थी। जिला स्तर पर अफसरों को इसका डाटा एकत्र करने को कहा गया था, लेकिन इसके बाद मामला जानकारी एकत्र करने तक ही सिमटकर रह गया। मेधावी छात्र-छात्राएं अब भी उक्त योजना का लाभ मिलने की उम्मीद सरकार से लगाए है।