नई दिल्ली. CBSE और CISCE की कक्षा 10वीं और 12वीं की टर्म-1 बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली है। लेकिन इससे पहले सीबीएसई और CISCE के स्टूडेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है। छह याचिकाकर्ताओं की मांग है कि टर्म- 1 परीक्षा देने के लिए हाइब्रिड मोड का ऑप्शन हो। यानी ऑफलाइन मोड के साथ ऑनलाइन तरीके से भी पेपर देने का विकल्प दिया जाए। ताकि स्टूडेंट्स और पेरेंट्स अपनी सुविधानुसार कोई एक विकल्प चुन सकें।
कोरोना का खतरा गया नहीं
छात्रों की मांग है कि जैसा कि देश में फिर से कोरोना (Corona) के मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए ऑनलाइन मोड में परीक्षा देने का विकल्प होना चाहिए। इस याचिका को एडवोकेट सुमंत नुकाला ने दायर किया है। सुखपाल सिंह तूर, एजुकेशन एक्टिविस्ट व फाउंडर एनसीआर पेरेंट्स एसोसिएशन ने बताया की जबसे CBSE ने 10वीं और 12वीं के टर्म 1 की परीक्षा ऑफलाइन लेने की घोषणा की है तब से छात्र-अभिभावक गहरे सदमे में है। कोरोना अभी गया नहीं है। ये बयान आज ही हमारे देश के स्वास्थ्य मंत्री जी ने दिया है। अभी छात्रों का वैक्सीनशन भी नहीं हुआ है इसलिए अभी सावधानी बरतने की जरूरत है।
उन्होंने बताया कि CBSE व ICSE बोर्ड, एग्जाम सिर्फ ऑफलाइन ले रहे हैं जबकि ये निर्णय उनको पेरेंट्स के ऊपर छोड़ देना चाहिए। इसके लिए बोर्ड, शिक्षा मंत्री व अन्य सभी सम्बंधित विभागों को ईमेल, फोन कॉल, ट्विटर आदि से निरंतर अवगत कराया गया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। ऐसे में अब छात्रों-पेरेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
1 दिसंबर से शुरू हो रही परीक्षा
गौरतलब है कि प्रमुख विषयों के लिए सीबीएसई बोर्ड परीक्षा टर्म 1 दिसंबर 2021 में शुरू होगी। जबकि माइनर सब्जेक्ट्स के लिए सीबीएसई एग्जाम (CBSE Exam) 16 नवंबर 2021 से शुरू हो रहे हैं। वहीं, आईसीएसई क्लास 10 एग्जाम 22 नवंबर 2021 और आईएससी एग्जाम 15 नवंबर 2021 से शुरू हो रहे हैं। अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद साफ होगा कि ऑनलाइन एग्जाम का विकल्प मिलेगा और परीक्षा की तारीख आगे बढ़ेगी या सभी बच्चों को ऑफलाइन परीक्षा ही देनी होगी।