संजय गुप्ता, INDORE. मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2021 और राज्य वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2021 के 20 अक्टूबर को घोषित किए रिजल्ट पर उठ रही उंगलियों को लेकर अब जाकर आयोग ने स्पष्टीकरण जारी किया है। हालांकि इस सफाई के साथ ही अब आयोग ने इस रिजल्ट को लेकर भी हाईकोर्ट में केविएट दायर कर दी है, इसके पहले वो साल 2019 की परीक्षाओं के जारी रिजल्ट को लेकर भी केविएट दायर कर चुका है। उधर अभ्यर्थियों की ओर से भी हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की जा चुकी है, जिस पर दिवाली बाद हाईकोर्ट में सुनवाई संभव है। इन सभी के बीच में नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (एनईवाययू) ने मांग की है कि यदि पीएससी का रिजल्ट सही है और उन्होंने नियमों का पालन किया है तो फिर हमारी मांग होगी कि वो प्रत्येक वर्ग में चयनित महिला अभ्यर्थियों की लिस्ट भी जारी कर दें।
पीएससी ने जारी किया एक पन्ने का स्पष्टीकरण
- महिलाओं एवं भूतपूर्व सैनिकों का प्रत्येक वर्टिकल वर्ग (अनारक्षित/अ.जा./अ.अ.जा./अ.पि.वर्ग/ई.डब्ल्यू.एस.) में हॉरिजेन्टल आरक्षण होता है।
इसलिए हो रहा विवाद
आयोग द्वारा जारी किए गए रिजल्ट में हर वर्ग में मेल और फीमेल के लिए कटऑफ एक ही रहा है। जबकि इसके पहले राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2019 के जारी हुए संशोधित रिजल्ट में दोनों के कटऑफ अलग-अलग ही थे। ऐसे में अभ्यर्थियों ने इस रिजल्ट पर ही सवाल खड़े कर आरोप लगाए थे कि पीएससी खुद ही अपने रिजल्ट को बार-बार चैलेंज करने का मौका दे रहा है और ऐसा लग रहा है कि सरकार चाहती ही नहीं कि भर्ती हो।