MP के ये कलेक्टर आदिवासी लड़कियों को कॉम्पिटीटिव एग्जाम की तैयारी करवा रहे

author-image
sootr editor
एडिट
New Update
MP के ये कलेक्टर आदिवासी लड़कियों को कॉम्पिटीटिव एग्जाम की तैयारी करवा रहे

रतलाम. आदिवासी वर्ग को मुख्य धारा में लाने के लिए जहां सरकार कई प्रकार कके तमाम प्रयास कर रही है। वहीं दूसरी ओर एक कलेक्टर भी इस वर्ग की बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए नई पहल शुरू कि है। रतलाम के कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने ओजस्विनी अभियान की शुरुआत की, जिसमे महिला अधिकारी आदिवासी वर्ग की बेटियों की मदद कर रही है। इसके लिए कलेक्टर ने शहर के करीब 20 कोचिंग संचालकों के साथ बैठक की है, जिसमे इस वर्ग की 275 बेटियों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करवाई जाएगी।



आमतौर पर आदिवासी वर्ग की बेटियां अधिक पढ़ाई लिखाई नहीं करती। इनका विवाह जल्दी करा दिया जाता है। जब युग बदल रहा है तो न सिर्फ इस वर्ग ने खुद को शिक्षा से जोड़ा है, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं वाली परीक्षाओं के लिए भी खुद को तैयार करना शुरू कर दिया है। इस काम में कलेक्टर ने आगे आकर मदद करना शुरू की है, इसके लिए ओजस्विनी अभियान की शुरुआत की, जिसमे महिला अधिकारी आदिवासी वर्ग की बेटियों की मदद कर रही है। इसके लिए कलेक्टर ने शहर के करीब 20 कोचिंग संचालकों के साथ बैठक की है, जिसमे इस वर्ग की 275 बेटियों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करवाई जाएगी। जिसमें पीएससी या यूपीएससी ही नहीं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी करवाई जाएगी। इसमे नर्सिंग, पटवारी, पुलिस, व्यापम, बैंक, रेलवे सहित अन्य परीक्षाएं शामिल है।





परिक्षा की तैयारी के लिए होस्टल की व्यवस्था



योजना में जिले के 8 ऐसे आदिवासी वर्ग के होस्टल का चयन किया गया है, जिनमे रहकर कक्षा 9 से 12वीं तक की बेटियां पढ़ाई कर रही है। इसमे रतलाम शहर के 7 तो एक होस्टल सैलाना का चयनीत किया गया है। योजना अंतर्गत बेटियों की काउंसलिंग जिले की 8 अलग-अलग विभागों में काम करने वाली महिला अधिकारियों ने की है। इसके बाद बेटियों को इस बात के लिए तैयार किया गया है कि वे कक्षा 12वीं या कॉलेज की पढ़ाई के बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करें।





ये टीम करेगी परिक्षा के लिए तैयार



महिला अधिकारियों से जुड़ी टीम में अपर कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ जमुना भिड़े, ग्रामीण एसडीएम कृतिका भिमावत, ग्रामीण नायब तहसीलदार रूपाली जैन, आदिम जाती कल्याण विभाग की पारुल व्यास जैन, जिला खनिज अधिकारी आकांक्षा पटेल, तहसीलदार शहर अनिका चिकोटिया के अलावा महिला व बाल विकास विभाग की सहायक संचालक अंकिता पंड्या, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की रश्मि तिवारी शामिल है। इस दल में इसी माह जिला कमांडेट रोशनी बिलवाल व सैलाना एसडीओपी शीला सुराना को भी शामिल किया जाएगा।



पूरी हो चुकी है काउंसलिंग 



पूरे मामले में कॉर्डिनेटर करने वाली अंकिता पंड्या व पारूल व्यास जैन ने बताया योजना के पहले चरण में बेटियों के साथ काउंसलिंग हो गई है। अब इसके आगे उनकी पढ़ाई या कोचिंग इसी माह से शुरू की जाएगी। इसके लिए कोचिंग संचालकों से बैठक कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने की है। बेटियों से शुल्क नहीं लिया जाएगा, लेकिन इस राशि को प्रशासन देगा।





पिछड़े वर्ग को आगे लाना उद्देश्य



ओजस्विनी का मतलब होता है, ओज से भरा हुआ। आदिवासी वर्ग की बेटियों को समाज में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिले, इसके लिए योजना बनाई गई। इस पर काम शुरू कर दिया गया है। जल्दी ही इनकी कोचिंग शुरू कर दी जाएगी।



 



एमपी MP प्रतियोगी परीक्षा कोचिंग coaching tribal girls collector कलेक्टर competitive exams kumar purushottam आदिवासी बालिकाएं कुमार पुरुषोत्तम