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BHOPAL. मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षक अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर मैदान में उतर गए हैं। नियमितीकरण और वेतनवृद्धि की मांग को लेकर 12 अक्टूबर, बुधवार को प्रदेशभर से हजारों अतिथि शिक्षक राजधानी भोपाल पहुंचे और यहां नीलम पार्क में अपनी मांगों के समर्थन में सभा की। बता दें कि करीब 32 महीने पहले इन्ही अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन को लेकर सिंधिया और कमलनाथ के बीच ऐसी खटास पैदा हुई कि वह खत्म नहीं हो सकी और प्रदेश में सत्ता परिवर्तन तक हो गया।
अतिथि शिक्षकों के लिए सड़क पर उतर रहे थे सिंधिया, गिर गई थी कमलनाथ सरकार
बता दें कि 14 फरवरी 2020 को टीकमगढ़ जिले में कुडीला गांव में एक सभा को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों की मांग के समर्थन में सड़क पर उतरने की बात कही थी। जिसकी प्रतिक्रिया देते हुए एक दिन बाद ही 15 फरवरी 2020 को तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि... तो वो (ज्योतिरादित्य सिंधिया) उतर जाएं। इसके बाद दोनो के बीच की दूरी कम नहीं हुई। सिंधिया ने अपने समर्थक विधायकों के साथ बगावत कर दी और 20 मार्च 2020 को सरकार गिर गई और शिवराज सरकार वापस सत्ता में आ गई। हालांकि अतिथि शिक्षकों की स्थिति आज भी वही है। न तो पूर्व में रही कांग्रेस सरकार और न ही वर्तमान की बीजेपी सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान दिया है। आजाद स्कूल अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष केसी पवार ने कहा कि सिंधिया जी तो मंत्री बनकर केंद्र में बैठ गए और अतिथि शिक्षक आज भी सड़कों पर है। 12 अक्टूबर को हमारा शक्ति प्रदर्शन था, सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो प्रदेश के 70 हजार अतिथि शिक्षकों को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना पड़ेगा।
पूर्व मंत्री मरकाम को उल्टे पैर लौटना पड़ा
भोपाल के नीलम पार्क में इक्ट्ठा हुए हजारों अतिथि शिक्षकों के बीच बुधवार दोपहर 12.30 बजे कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री ओमकार सिंह मरकाम पहुंच गए, हालांकि वहां से उन्हें उल्टे पैर ही लौटना पड़ा। एक वर्ग मंच से उनका भाषण करवाना चाह रहा था, लेकिन अतिथि शिक्षकों के विरोध के चलते उन्होंने मंच से बिना कुछ बोले ही लौटना पड़ा। मंच से उतरते ही ओमकार मरकाम को अतिथि शिक्षकों ने घेर लिया। अतिथि शिक्षकों का कहना था कि 15 महीने में इनकी सरकार ने भी हमारे लिए कुछ नहीं किया। आजाद अतिथि शिक्षक संघ के कोषाध्यक्ष सादिक खान ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 90 दिन में हमारी मांग को पूरा करने के लिए कहा था, पर फिर वे मुकर गए और हमें सड़क पर मरने के लिए छोड़ गए। अब हमें इनकी कोई जरूरत नहीं है। वहीं ओमकार सिंह मरकाम का कहना था कि वे अतिथि शिक्षकों के साथ है। सरकार से इस विषय में बात करेंगे और जरूरत पड़ी तो अतिथि शिक्षकों के समर्थन में आंदोलन भी करेंगे।
विभागीय परीक्षा और वेतन वृद्धि प्रमुख मांग
आजाद अध्यापक संघ की महासचिव प्रीतमा जोशी ने कहा कि सीएम ने खुद विभागीय परीक्षा कराकर नियमित करने की बात कही थी, सरकार उसे पूरा करे। अनुभव के आधार पर विभागीय परीक्षा कराकर उसमें 25 नंबर अतिथियों के लिए आरक्षित हो और जल्द से जल्द हमें नियमित किया जाए। वहीं अतिथि शिक्षक राजेश ठाकरे ने कहा कि अतिथि शिक्षक को बहुत ही अल्प वेतन 5 से 9 हजार रूपए तक दिया जाता है...इसे तत्काल दोगुना किया जाना चाहिए।
अतिथियों का शक्ति प्रदर्शन.. पर सरकार के विरोध में नहीं
2023 में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है। जैसे-जैसे चुनावी साल नजदीक आ रहा है, प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं। चुनावी साल की आड़ में संगठन अपनी-अपनी मांग मनवाने के लिए जतन कर रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को हजारों अतिथि शिक्षक भोपाल के नीलम पार्क पहुंचे। अतिथियों ने एक बार फिर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया पर मंच से वक्ता बार-बार बोलते रहे कि वे सरकार के विरोध में नहीं है...सरकार के साथ हैं और सरकार को साथ लेकर ही अपनी मांगें पूरी करवाएंगे।
संगठन के बीच ही दो विचारधारा के लोग
अतिथि शिक्षकों की सभी में दो अलग-अलग विचारधारा के लोग देखने को मिले। मंच पर मौजूद वक्ता भले ही बार-बार सरकार के साथ होने की बात कर रहे हो, लेकिन मंच के नीचे मौजूद कुछ अतिथियों का मानना था कि इतनी बड़ी संख्या में अतिथि इकट्ठा हुए हैं, इसलिए शक्ति प्रदर्शन करते हुए सड़क पर उतरना चाहिए। कुछ ने कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम को अतिथि शिक्षकों के समर्थन में मंच तक पहुंचाया तो कुछ ने सभा स्थल पर उनकी मौजूदगी भर से घोर आपत्ति जताई। कुल मिलाकर सभा स्थल पर ही अतिथि शिक्षक संघ में कई विचारधाराएं देखने को मिली।