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आज के समय में बहुत से बच्चे और बड़े ऐसे हैं जिन्हें बोलने, सुनने या समझने में दिक्कत होती है। ऐसे लोगों की मदद करने के लिए स्पीच थेरेपी एक जरूरी और अच्छा करियर बन गया है। यह सिर्फ एक मेडिकल फील्ड नहीं है, बल्कि लोगों की जिंदगी बदलने का मौका भी देता है।
तो ऐसे में अगर आपको हेल्थ सेक्टर में काम करना पसंद है, दूसरों की मदद करने में खुशी मिलती है और नई तकनीकें सीखने का शौक है, तो स्पीच थेरेपी आपके लिए एक बढ़िया विकल्प हो सकता है।
स्पीच थेरेपिस्ट न केवल फिजिकल डिसेबिलिटीज बल्कि स्ट्रोक या मानसिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों की जिंदगी को फिर से सामान्य बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
इस फील्ड में प्रोफेशनल डिग्रियों के साथ अच्छी सैलरी, भारत और विदेश दोनों में करियर ग्रोथ की संभावना है। चलिए जानते हैं इस फील्ड से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जैसे- कोर्स, कॉलेज, योग्यता और करियर के मौके।
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📘🧠 स्पीच थेरेपी क्या है
स्पीच थेरेपी एक हेल्थकेयर फील्ड है जिसमें बोलने, सुनने और समझने से जुड़ी समस्याओं का इलाज किया जाता है। इसमें काम करने वाले प्रोफेशनल्स को स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजिस्ट या स्पीच थेरेपिस्ट कहा जाता है।
ये ऐसे लोगों की मदद करते हैं जिन्हें बचपन से ही बोलने में समस्या होती है, या फिर किसी दुर्घटना या स्ट्रोक के बाद बोलने-समझने की क्षमता कम हो जाती है।
जैसे, अगर किसी बच्चे को बोलने में देर हो रही है या कोई बुजुर्ग स्ट्रोक के बाद बोल नहीं पा रहे हैं। तो ऐसे मामलों में स्पीच थेरेपिस्ट उन्हें सही तरह से बोलना और समझना सिखाते हैं। ये काम बेहद सेंसिटिव होता है और इसमें पेशेंस और एम्पथी की जरूरत होती है।
👩⚕️ स्पीच थेरेपिस्ट किन लोगों का इलाज करते हैं
बच्चे जिन्हें बोलना सीखने में देरी हो रही है 👶
हकलाने वाले या उच्चारण में परेशानी वाले व्यक्ति 🗣️
स्ट्रोक के बाद बोलने की क्षमता खो चुके मरीज 🧓
आटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी और न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से ग्रसित लोग 🧠
बहरेपन या सुनने की समस्याओं वाले लोग 👂
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🧠🎓 एबिलिटी
अगर आप इस फील्ड में आना चाहते हैं, तो
आपको 12वीं कक्षा साइंस स्ट्रीम (खासकर बायोलॉजी) से पास करनी होगी।
इसके बाद आप BASLP (Bachelor in Audiology & Speech Language Pathology) जैसे अंडरग्रेजुएट कोर्स कर सकते हैं।
कुछ टॉप संस्थानों में प्रवेश के लिए NEET स्कोर जरूरी होता है।
लेकिन बहुत जगहों पर मेरिट या संस्थान के अपने टेस्ट के आधार पर एडमिशन होता है।
12वीं के बाद आपको एक क्लिनिकल ट्रेनिंग से गुजरना होता है ताकि आप असली मरीजों के साथ काम करने का अनुभव ले सकें।
🧠📘 कौन-कौन से कोर्स उपलब्ध हैं
स्पीच थेरेपी में कई लेवल्स पर कोर्स उपलब्ध हैं। जैसे-
सबसे पहले है BASLP (Bachelor of Audiology and Speech Language Pathology), जो चार साल का प्रोग्राम है और इसमें क्लिनिकल ट्रेनिंग भी शामिल होती है।
इसके बाद आप MASLP (Master of Audiology and Speech Language Pathology) यानी मास्टर्स कर सकते हैं, जो आपकी विशेषज्ञता और सैलरी दोनों बढ़ाता है।
अगर आप जल्दी से फील्ड में आना चाहते हैं, तो DHLS (Diploma in Hearing, Language and Speech) जैसे एक साल के कोर्स भी उपलब्ध हैं।
इसके अलावा कुछ संस्थान PGCAVT (PG Certificate Course in Auditory Verbal Therapy) 6 महीने का पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स भी कराते हैं, जो विशेष प्रकार की थेरेपी सिखाते हैं।
🏫🎓 कहां से करें ये कोर्स
भारत में कई प्रतिष्ठित संस्थान स्पीच थेरेपी कोर्स कराते हैं। जैसे
AIIMS, Delhi
PGIMER, Chandigarh
All India Institute of Speech and Hearing, Mysore
Bombay University, Mumbai
TN Medical College, Mumbai
Institute of Speech and Hearing, Bangalore
Indian Institute of Health Education, Patna
इन संस्थानों से डिग्री लेने का फायदा ये है कि यहां पढ़ाई के साथ-साथ क्लिनिकल एक्सपोजर भी बहुत अच्छा होता है, जिससे बाद में आपको नौकरी पाने में आसानी होती है।
साथ ही, कई प्राइवेट इंस्टीट्यूट भी हैं जो UGC और RCI (Rehabilitation Council of India) से मान्यता प्राप्त हैं।
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🎓💼 नौकरी और करियर के मौके
स्पीच थेरेपी में डिग्री पूरी करने के बाद आपके पास करियर के कई रास्ते खुलते हैं। आप सरकारी और निजी दोनों सेक्टरों में काम कर सकते हैं।
सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों, NGO, स्पेशल स्कूल्स, रिहैबिलिटेशन सेंटर्स और न्यूरोलॉजिकल क्लिनिक में स्पीच थेरेपिस्ट की जरूरत होती है।
इसके अलावा, आप खुद का क्लिनिक खोलकर इंडिपेंडेंट प्रैक्टिस भी कर सकते हैं, जहां आप बच्चों, बुजुर्गों या किसी भी मरीज का इलाज कर सकते हैं।
रिसर्च और टीचिंग में रुचि रखने वालों के लिए भी MASLP और PhD के बाद बहुत मौके होते हैं। आप मेडिकल कॉलेजों में लेक्चरर या ट्रेनर के रूप में अपॉइंटमेंट ले सकते हैं।
💰🧠 सैलरी कितनी मिलती है
स्पीच थेरेपिस्ट की सैलरी आपके अनुभव, लोकेशन और संस्थान पर निर्भर करती है।
सरकारी अस्पतालों में शुरुआती वेतन 5 हजार रुपए से 20 हजार रुपए तक हो सकता है।
प्राइवेट सेक्टर में 15 हजार रुपए से 30 हजार रुपए प्रति माह तक सैलरी मिलती है।
कुछ एक्सपर्ट थेरेपिस्ट जो खुद की क्लिनिक चलाते हैं, 50 हजार रुपए या उससे अधिक भी कमा सकते हैं।
विदेशों में यह करियर और भी फायदेमंद है अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में औसतन $52,000 से $80,000 ( लगभग 43 लाख से 66 लाख रुपए) पर ईयर तक कमाई होती है।
🧾 भारत में स्पीच थेरेपी लाइसेंसिंग के नियम
भारत में स्पीच थेरेपी की प्रैक्टिस करने के लिए आपके पास Rehabilitation Council of India (RCI) से मान्यता प्राप्त डिग्री का होना जरूरी है।
केवल वही छात्र जो RCI से मान्यता प्राप्त कोर्स (जैसे BASLP या MASLP) पूरा करते हैं, वे RCI में रजिस्ट्रेशन के पात्र होते हैं। बिना इस रजिस्ट्रेशन के आप न तो सरकारी नौकरी पा सकते हैं और न ही स्वतंत्र क्लिनिक चला सकते हैं।
यह रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करता है कि, आप एथिकल और प्रोफेशनल स्टैंडर्ड्स के मुताबिक इलाज करें। यह कदम मरीजों की सेफ्टी और हाई क्वालिटी की हेल्थकेयर सेवा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।
🌍 विदेश में स्पीच थेरेपी की प्रैक्टिस कैसे करें
अगर आप विदेश में स्पीच थेरेपी की प्रैक्टिस करना चाहते हैं, तो सबसे पहले उस देश की मान्यता डिग्री या सर्टिफिकेट जरूरी होता है। आमतौर पर भारत की BASLP या MASLP डिग्री को सीधे मान्यता नहीं मिलती, इसलिए आपको वहां की लाइसेंसिंग परीक्षा पास करनी पड़ सकती है।
अमेरिका में ASHA (American Speech-Language-Hearing Association) से सर्टिफिकेशन जरूरी होता है। ऑस्ट्रेलिया में Speech Pathology Australia, और कनाडा में CASLPA (Canadian Association of Speech-Language Pathologists and Audiologists) से मान्यता लेनी होती है। इसके साथ ही अच्छी इंग्लिश लैंग्वेज प्रोफिसिएंसी (IELTS/TOEFL) भी जरूरी होती है।
स्पीच थेरेपी एक सेंसिटिव, रिस्पेक्टफुल और स्किल-बेस्ड करियर है, जिसमें आप लोगों की बोलने-सुनने की समस्याओं का इलाज कर सकते हैं। यह फील्ड सेवा, सैलरी और ग्लोबल अवसरों के साथ एक उज्जवल भविष्य का रास्ता खोलती है।
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