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UX राइटिंग एक ऐसा काम है जिसमें आप डिजिटल प्रोडक्ट्स के लिए सही और समझने वाले शब्द लिखते हैं। इसका मतलब सिर्फ शब्द लिखना नहीं होता, बल्कि ये भी सुनिश्चित करना होता है कि यूजर्स को ऐप या वेबसाइट पर जो लिखा हो, वो समझ में आए और यूज में आसान हो।
UX राइटर्स को यूजर्स की जरूरतों और प्रॉब्लम्स को समझना पड़ता है। वे टीम के साथ मिलकर काम करते हैं, जैसे डिजाइनर्स और डेवलपर्स, ताकि कंटेंट पूरी तरह से प्रोडक्ट के डिजाइन और पर्पस से मेल खाता हो।
वे माइक्रोकॉपी लिखते हैं, जो यूजर्स को सही दिशा दिखाते हैं और उन्हें आगे बढ़ने में मदद करते हैं। इसके अलावा, UX राइटर्स को कंटेंट की टोन को सही रखना होता है, ताकि यह सभी जगह एक जैसा लगे।
वे यह भी ध्यान रखते हैं कि कंटेंट सभी लोगों के लिए, चाहे वे किसी भी स्थिति में हों, आसानी से समझ में आए। तो ऐसे में अगर आप लिखने के शौकीन हैं और चाहते हैं कि आपका काम लोगों की मदद करे, तो UX राइटिंग आपके लिए एक बेहतरीन करियर हो सकता है। आइए जानें इस राइटिंग के बारे में...
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📱 UX राइटिंग क्या है
UX राइटिंग (User Experience Writing) डिजिटल प्रोडक्ट्स जैसे ऐप्स और वेबसाइट्स के लिए शब्द लिखने का काम है। इसका मकसद यूजर की जर्नी को आसान, क्लियर और हेल्पफुल बनाना है।
इसमें बटन्स के टेक्स्ट, एरर मैसेज और इंस्ट्रक्शन्स जैसी छोटी-छोटी चीजें लिखी जाती हैं, ताकि यूजर को प्रोडक्ट यूज करने में कोई कंफ्यूजन न हो और उन्हें लगे कि प्रोडक्ट उनसे सीधे बात कर रहा है। ये सब यूजर के एक्सपीरियंस को सुपर स्मूथ बनाने के लिए होता है। जैसे,
- बटन टेक्स्ट: "साइन अप," "बाय नाउ," "नेक्स्ट"
- एरर मैसेजेस: "ऊप्स! समथिंग वेंट रॉन्ग," "इनकरेक्ट पासवर्ड"
- ऑनबोर्डिंग इंस्ट्रक्शन्स: जब आप पहली बार कोई ऐप खोलते हैं, तो जो स्टेप-बाय-स्टेप गाइड मिलती है।
- पॉप-अप मैसेजेस: "अलाओ नोटिफिकेशन्स?", "योर ऑर्डर इज कन्फर्म्ड!"
- फॉर्म्स के लेबल्स: "एंटर योर नेम," "ईमेल एड्रेस"
ये सारे वर्ड्स UX राइटर लिखता है। इनका मेन एम होता है कि यूजर को प्रोडक्ट यूज करते टाइम कंफ्यूजन ना हो, फ्रस्ट्रेशन ना हो और उसका ओवरऑल एक्सपीरियंस स्मूथ, इजी और प्लीजेंट हो।
गोल ये है कि वर्ड्स इतने क्लियर और हेल्पफुल हों कि यूजर को लगे कि प्रोडक्ट उससे डायरेक्टली बात कर रहा है। UX राइटिंग, ट्रेडिशनल कॉपीराइटिंग से थोड़ा अलग है।
कॉपीराइटिंग का फोकस सेल्स और मार्केटिंग पे होता है, जबकि UX राइटिंग का फोकस यूजर की हेल्प करने और उनका एक्सपीरियंस बेहतर बनाने पे होता है।
🧑💻 UX राइटर क्या-क्या करता है
UX राइटर का काम सिर्फ कीबोर्ड पर टाइपिंग करना नहीं होता, ये एक बहुत ही स्ट्रेटेजिक और क्रिएटिव जॉब है। इसमें बहुत कुछ होता है, जैसे:
🕵️♀️ यूजर रिसर्च और अंडरस्टैंडिंग
- UX राइटर्स का सबसे पहला काम होता है अपने यूज़र्स को अच्छे से समझना। उन्हें जानना होता है कि लोगों की जरूरतें क्या हैं, उन्हें किस तरह की प्रॉब्लम आती है और वे आपस में या ऑनलाइन किस तरह की भाषा यूज करते हैं।
- इसके लिए वे यूजर रिसर्च सेशन्स में शामिल होते हैं, जहां वे लोगों से बात करते हैं, उनके रिएक्शन देखते हैं। फिर वे मिले हुए डेटा को एनालाइज करते हैं और यूजर परसोना बनाते हैं।
- ये एक तरह से हमारे 'टारगेट यूजर' का प्रोफाइल होता है, जिसमें उसकी उम्र, पसंद-नापसंद और आदतों जैसी चीजें होती हैं। इन सब का गोल बस एक ही है: जो भी लिखें, वो यूजर को रिलेटेबल लगे और उसे आसानी से समझ में आ जाए।
🧠 कंटेंट स्ट्रैटेजी डेवलप करना
- सिर्फ वर्ड्स लिख देना काफी नहीं है, उन वर्ड्स के पीछे एक पूरा मास्टरप्लान होता है जिसे कंटेंट स्ट्रैटेजी कहते हैं। UX राइटर ये तय करते हैं कि प्रोडक्ट की ओवरऑल टोन ऑफ वॉइस क्या होगी।
- क्या प्रोडक्ट बहुत फ्रेंडली बात करेगा, या प्रोफेशनल लगेगा, या एकदम कैज़ुअल? ये सब पहले से तय होता है। साथ ही, उन्हें कंसिस्टेंसी भी मेंटेन करनी होती है।
- इसका मतलब है कि पूरे प्रोडक्ट में एक ही मैसेज या एक ही तरह की बात अलग-अलग स्क्रीन्स पर अलग-अलग तरीक़े से नहीं दिखनी चाहिए। सब जगह एक जैसी फीलिंग आनी चाहिए।
✍️ माइक्रोकॉपी लिखना
- ये UX राइटर का मेन काम है। इसमें उन्हें क्लियर, कंसाइज और हेल्पफुल माइक्रोकॉपी लिखनी होती है। वर्ड्स ऐसे होने चाहिए जो यूजर को नेक्स्ट स्टेप पर जाने के लिए गाइड करें, जैसे GPS रास्ता दिखाता है।
- लिखने के बाद, वे इसे टेस्ट भी करते हैं (जैसे A/B टेस्टिंग)। इसमें वे दो अलग-अलग वर्जन दिखाते हैं यूजर्स को और देखते हैं कि कौन सा बेहतर काम कर रहा है।
- यूजर से फीडबैक लेते हैं और फिर उस हिसाब से बदलाव करते हैं ताकि वह और भी बेहतर बन सके। ये एक नेवर-एंडिंग प्रोसेस है।
📚 कंटेंट गाइडलाइंस बनाना
- जब प्रोडक्ट की टोन और स्टाइल एक बार फाइनल हो जाती है, तो UX राइटर कुछ कंटेंट गाइडलाइंस और स्टाइल गाइड्स बनाते हैं। ये डॉक्यूमेंट्स एक तरह से शब्दों का संविधान होते हैं।
- ये डिजाइनर्स और डेवलपर्स को हेल्प करते हैं कि वे फ्यूचर में भी जब कोई नया फीचर या अपडेट बनाएं, तो हर जगह एक ही तरह की कंसिस्टेंट लैंग्वेज यूज करें। इससे पूरे प्रोडक्ट में यूनीफॉर्मिटी बनी रहती है।
♿ अक्सेसिबिलिटी का ध्यान रखना
- एक UX राइटर ये भी देखता है कि जो कंटेंट वो लिख रहा है, वो सबके लिए अक्सेसिबल हो। इसका मतलब है कि उसे कोई भी यूज कर सके, चाहे वो विजुअली इम्पेयर्ड हों, या उन्हें सोचने या समझने में दिक्कत हो।
- इसके लिए वे सिंपल लैंग्वेज यूज करते हैं और ऐसा टेक्स्ट लिखते हैं जो स्क्रीन रीडर्स के लिए कम्पेटिबल हो। यानी, हर किसी को ये डिजिटल एक्सपीरियंस आसान लगना चाहिए।
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🛠️ UX राइटिंग के लिए क्या स्किल्स चाहिए
अगर आपको UX राइटिंग में अपना करियर बनाना है, तो कुछ खास स्किल्स हैं जो आपके पास होनी चाहिए। अगर नहीं भी हैं, तो आप इन्हें आराम से डेवलप कर सकते हैं।
📝 एक्सीलेंट राइटिंग स्किल्स
- आपको ऐसी भाषा लिखनी आनी चाहिए जो क्लियर हो, कंसाइज हो, करेक्ट हो और कम्पेलिंग हो।
- आपकी ग्रामर और स्पेलिंग में तो जीरो एरर होने चाहिए।
- हिंदी और इंग्लिश दोनों लैंग्वेजेस पर अच्छी पकड़ बहुत जरूरी है।
🧩 प्रॉब्लम-सॉल्विंग स्किल्स
- UX राइटिंग सिर्फ शब्द लिखना नहीं, बल्कि यूजर की प्रॉब्लम्स को शब्दों से सॉल्व करना है।
- अगर कोई जानकारी बहुत कॉम्प्लेक्स है, तो उसे एकदम सिंपल तरीके से समझाना आना चाहिए।
- ये किसी पहेली को सुलझाने जैसा है, लेकिन शब्दों से।
📊 रिसर्च स्किल्स
- यूजर्स को गहराई से समझने के लिए रिसर्च करना आना चाहिए।
- इसमें डेटा एनालाइज करना और यूजर्स के साथ इंटरव्यू कंडक्ट करना भी शामिल है।
- जितनी अच्छी रिसर्च, उतनी बेहतर राइटिंग। टेक इंडस्ट्री बहुत फास्ट-पेस्ड है। यहां चीजें बहुत तेजी से बदलती हैं।
- आपको नए टूल्स, ट्रेंड्स और यूजर फीडबैक के हिसाब से खुद को अडाप्ट करना आना चाहिए।
🗣️ कोलैबोरेशन और कम्युनिकेशन स्किल्स
- आपको डिजाइनर्स, डेवलपर्स और प्रोडक्ट मैनेजर्स के साथ इफेक्टिवली कम्युनिकेट करना आना चाहिए।
- अपने आइडियाज को क्लियरली एक्सप्लेन करना आना चाहिए ताकि सबको समझ आए कि आप क्या कहना चाहते हैं।
- अच्छी बातचीत ही अच्छे प्रोडक्ट की नीव है।
🎨 बेसिक अंडरस्टैंडिंग ऑफ UX/UI डिजाइन
- आपको ये पता होना चाहिए कि डिजाइन कैसे काम करता है, यूजर फ्लोज क्या होते हैं यानी यूजर एक स्क्रीन से दूसरी स्क्रीन पर कैसे जाता है।
- ये समझना जरूरी है कि आपके लिखे हुए वर्ड्स डिजाइन के साथ कैसे इंटरैक्ट करते हैं।
- फिग्मा और स्केच जैसे डिजाइन टूल्स की बेसिक अंडरस्टैंडिंग होना भी हेल्पफुल रहेगा।
🤔 क्यूरियोसिटी
- आपको हमेशा ये एक्सप्लोर करते रहना चाहिए कि यूजर्स डिजिटल प्रोडक्ट्स के साथ कैसे इंटरैक्ट करते हैं और आप उनके एक्सपीरियंस को और बेहतर कैसे बना सकते हैं।
- ये एक तरह से लगातार सीखने और जानने की भूख है।
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🎓 UX राइटिंग की पढ़ाई कैसे कर सकते हैं
🌐 ऑनलाइन कोर्सेस और सर्टिफिकेशन्स
ये सबसे पॉपुलर और आसान ऑप्शन है। कई इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म्स और इंडियन इंस्टिट्यूट्स ऑनलाइन कोर्सेस ऑफर करते हैं।
- कोर्सेरा (Coursera): यहां गूगल UX डिजाइन प्रोफेशनल सर्टिफिकेट (Google UX Design Professional Certificate) मिलता है, जिसमें UX राइटिंग का भी एक मॉड्यूल होता है।
- यूडेमी, एडएक्स, लिंक्डइन लर्निंग: इन पर आपको UX राइटिंग के कई स्पेसिफिक कोर्सेस मिल जाएंगे।
- UX राइटर्स कलेक्टिव (UX Writers Collective): ये प्लेटफॉर्म तो स्पेशली UX राइटिंग कोर्सेस के लिए ही बना है।
- कंटेंट डिजाइन लंदन (Content Design London): इनके भी कोर्सेस काफी पॉपुलर हैं।
- इंडियन प्लेटफॉर्म्स/इंस्टिट्यूट्स: कुछ डिजिटल मार्केटिंग अकेडमीज या UX डिजाइन इंस्टिट्यूट्स भी अब UX राइटिंग के शॉर्ट-टर्म कोर्सेस ऑफर कर रहे हैं। जैसे: अपग्रेड (UpGrad), सिम्पलीलर्न (Simplilearn) इनके लेटेस्ट ऑफरिंग्स चेक करते रहना, ये अपडेट होते रहते हैं।
✍️ UX डिजाइन या कंटेंट राइटिंग बैकग्राउंड
- जिन लोगों ने UX डिजाइन या कंटेंट राइटिंग / जर्नलिज्म / मास कम्युनिकेशन में कोई डिग्री या डिप्लोमा किया है, वे UX राइटिंग में ट्रांजिशन कर सकते हैं।
- आपको बस अपनी पुरानी स्किल्स को UX प्रिंसिपल्स के साथ अलाइन करना होता है।
🎨 वर्कशॉप्स और बूटकैंप्स
- ये इंटेन्सिव शॉर्ट-टर्म प्रोग्राम्स होते हैं जो स्पेसिफिक स्किल्स पर फोकस करते हैं।
- कुछ डिजाइन स्कूल्स और प्राइवेट इंस्टिट्यूट्स UX राइटिंग वर्कशॉप्स भी कंडक्ट करते हैं।
UX डिजाइन के लिए बेस्ट कॉलेजेस
अगर आप प्रॉपर डिग्री चाहते हैं, तो इन कॉलेजेस से UX डिजाइन की पढ़ाई कर सकते हैं, जहां से आपको UX राइटिंग की भी अच्छी फाउंडेशन मिलेगी:
- नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाइन (NID), अहमदाबाद (UX/Interaction Design Programs)
- IIT बॉम्बे (IDC School of Design)
- CEPT यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद
- सृष्टि इंस्टिट्यूट ऑफ आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी, बेंगलुरु
- सिम्बायोसिस इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाइन (SID), पुणे
- प्रो टिप: सबसे जरूरी है अपना पोर्टफोलियो बनाना। कोर्सेस करने के बाद मॉक प्रोजेक्ट्स पर काम करें। जैसे, किसी ऐप या वेबसाइट की माइक्रोकॉपी को सुधारने का प्लान बनाकर दिखाएं।
💼 UX राइटिंग में कौन-कौन सी जॉब्स हैं
UX राइटिंग फील्ड में अभी बहुत स्कोप है, खासकर इंडिया में, क्योंकि यहां डिजिटल प्रोडक्ट्स की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। यहां कुछ कॉमन जॉब रोल्स और उनकी एक्सपेक्टेड सैलरीज हैं:
🚀 एसोसिएट UX राइटर / जूनियर UX राइटर
- काम: ये सीनियर राइटर्स की हेल्प करते हैं, बेसिक माइक्रोकॉपी लिखते हैं और कंटेंट ऑडिट्स करते हैं यानी, ये देखते हैं कि कंटेंट कहां सही है और कहां सुधार की जरूरत है।
- सैलरी: लगभग 4 से 7 लाख रुपए।
✍️ UX राइटर
- काम: ये एंड-टू-एंड UX कंटेंट क्रिएशन करते हैं। डिजाइन और प्रोडक्ट टीम्स के साथ मिलकर काम करते हैं और कंटेंट गाइडलाइंस को फॉलो करते हैं।
- सैलरी: लगभग 7 से 15 लाख रुपए।
🌟 सीनियर UX राइटर / लीड UX राइटर
- काम: ये कॉम्प्लेक्स प्रोजेक्ट्स हैंडल करते हैं, कंटेंट स्ट्रैटेजी बनाते हैं, जूनियर राइटर्स को मेंटर करते हैं और ये देखते हैं कि प्रोडक्ट का विजन कंटेंट के साथ सही बैठ रहा है या नहीं।
- सैलरी: लगभग 15 से 25 लाख रुपए।
🧠 कंटेंट डिजाइनर / प्रोडक्ट कंटेंट स्ट्रैटेजिस्ट
- काम: ये रोल UX राइटर से थोड़ा बड़ा होता है। ये पूरी प्रोडक्ट कंटेंट स्ट्रैटेजी बनाते हैं, यूजर फ्लोज डिजाइन करते हैं और बिजनेस गोल्स को कंटेंट से जोड़ते हैं। अक्सर इसमें लीडरशिप का रोल भी होता है।
- सैलरी: लगभग 20 से 35 लाख रुपए।
👑 हेड ऑफ कंटेंट / डायरेक्टर ऑफ कंटेंट स्ट्रैटेजी
- काम: ये पूरी कंटेंट टीम को मैनेज करते हैं, कंपनी-वाइड कंटेंट स्ट्रैटेजी की लीडरशिप करते हैं और कंटेंट को ओवरऑल बिजनेस स्ट्रैटेजी के साथ अलाइन करते हैं। ये एक टॉप-टियर रोल है।
- सैलरी: 30 से 50 लाख रुपए।
कंपनी
बड़ी MNCs (मल्टीनेशनल कंपनीज) और बिग टेक कंपनीज (जैसे गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्विगी, जोमैटो) अक्सर ज्यादा सैलरी देती हैं। स्टार्टअप्स भी अच्छे पैकेजेज देते हैं, खासकर अगर वे वेल-फंडेड हों।
- लोकेशन: बेंगलुरु, दिल्ली-NCR, मुंबई, हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में सैलरीज जनरली हायर होती हैं।
- पोर्टफोलियो: एक स्ट्रॉन्ग पोर्टफोलियो हमेशा आपको बेटर ऑपर्च्युनिटीज दिलाता है।
- स्किल्स: जितनी ज्यादा डाइवर्स स्किल्स होंगी जैसे UX रिसर्च, बेसिक कोडिंग, मल्टीपल लैंग्वेजेस, उतनी ही सैलरी बढ़ सकती है।
तो UX राइटिंग उन लोगों के लिए एक कमाल का और रिवॉर्डिंग करियर है जिन्हें शब्दों से प्यार है और जो लोगों की हेल्प करना चाहते हैं। अगर आपको लगता है कि आपके शब्दों में जादू है और आप डिजिटल एक्सपीरियंसेज को बेहतर बना सकते हैं, तो ये फील्ड आपका वेट कर रही है।
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