क्या है GIS Short Degree और इसकी क्यों जरूरत है, जानें भारत में ये कोर्स करने के 5 बड़े कारण

भारत में GIS (Geographic Information System) में शार्ट टर्म डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स बहुत पॉपुलर हैं। ये 6 महीने से 1 साल तक के होते हैं। ISRO (IIRS) और कई सरकारी संस्थान इन्हें कराते हैं, जो शानदार करियर ऑप्शन देते हैं।

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Kaushiki
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GIS (Geographic Information System) आज के जमाने का एक पावरफुल टूल है, जो जियो-स्पाटिअल डाटा को मैनेज करता है। आसान भाषा में कहें तो, ये मैप्स और डाटा को मिलाकर शानदार एनालिसिस करता है। आज अर्बन प्लानिंग से लेकर डिजास्टर मैनेजमेंट तक हर फील्ड में GIS एक्सपर्ट्स की भारी डिमांड है।

इसीलिए, भारत में अब कई शार्ट टर्म डिग्री या सर्टिफिकेट कोर्स उपलब्ध हैं। ये कोर्स आपकी करियर ग्रोथ को तेज करते हैं। आप कुछ ही महीनों में अच्छी जॉब  मार्केट में एंट्री पा सकते हैं।

ISRO और IGNOU जैसे सरकारी संस्थान इसमें सबसे रिलाएबल ट्रेनिंग देते हैं। इसीलिए आप इसमें शार्ट टर्म डिग्री या डिप्लोमा करके तुरंत अच्छी नौकरी पा सकते हैं। आइए इसके बारे में जानें...

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भारत में GIS शॉर्ट डिग्री या डिप्लोमा के ऑप्शन

अगर आप कम समय में GIS एक्सपर्ट बनना चाहते हैं, तो भारत में कई शानदार विकल्प मौजूद हैं। ये कोर्स आमतौर पर 6 महीने से लेकर 1 साल तक के होते हैं।

सरकारी संस्थान और उनके कोर्स

सरकारी संस्थानों से ट्रेनिंग लेना बहुत क्रेडिबल माना जाता है। यहाँ फीस भी अक्सर कम होती है।

  • ISRO (IIRS), देहरादून:

    IIRS (Indian Institute of Remote Sensing), ISRO के तहत काम करता है।

    ये Post Graduate Diploma in Remote Sensing and GIS जैसे कोर्स कराते हैं।

    यह Diploma लगभग 10.5 महीने का होता है और कई विषयों में specialization मिलती है।

    यह सबसे टॉप-रेटेड और भरोसेमंद कोर्स में से एक है।

  • National Power Training Institute (NPTI):

    ये Post Graduate Certificate Course in GIS & Remote Sensing ऑफर करते हैं।

    इसकी अवधि लगभग 26 हफ्ते (6 महीने) की होती है।

    यह कोर्स खासकर पॉवर इंडस्ट्री और अन्य सरकारी क्षेत्रों के लिए फायदेमंद है।

  • Geological Survey of India Training Institute (GSITI):

    GSI भी GIS के फंडामेंटल्स पर शॉर्ट टर्म कोर्स आयोजित करता है।

    ये कोर्स 45 दिन (करीब 1.5 महीने) तक के हो सकते हैं।

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एडवांस्ड डिप्लोमा और प्राइवेट ट्रेनिंग

कई निजी संस्थान (career guidance) और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी बेहतरीन एडवांस्ड डिप्लोमा देते हैं।

  • Advanced Diploma in GIS:

    कई संस्थान 6 महीने का Advanced Diploma in Geographic Information System कराते हैं।

    इनमें GIS Fundamentals, Remote Sensing, Python Programming, और Spatial Analysis सिखाया जाता है।

    इन प्रोग्राम्स में इंडस्ट्री इंटर्नशिप भी शामिल होती है, जो बहुत जरूरी है।

  • Software Certification (Esri India):

    GIS सॉफ्टवेयर की सबसे बड़ी कंपनी Esri इंडिया भी ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन देती है।

    इनके कोर्स ArcGIS Pro जैसे इंडस्ट्री-स्टैण्डर्ड टूल्स पर केंद्रित होते हैं।

    ये Instructor-Led Course 3 दिन से लेकर कुछ हफ्तों तक के होते हैं।

  • NPTEL/SWAYAM Courses:

    IITs के प्रोफेसर Geographic Information Systems पर 12 हफ्ते के फ्री ऑनलाइन कोर्स कराते हैं।

    आप ऑप्शनल एग्जाम देकर सर्टिफिकेट भी ले सकते हैं, जो बहुत मान्य होता है।

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क्यों चुनें GIS में शॉर्ट कोर्स

  • जॉब के मौके: GIS Professional की डिमांड इंडिया में बहुत तेजी से बढ़ी है।

  • कम समय: आप 6 महीने से 1 साल में एक High-Demand Skill सीख जाते हैं।

  • इंडस्ट्री रेडीनेस: इन कोर्स में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और रियल-वर्ल्ड प्रोजेक्ट पर जोर होता है।

  • करियर अपग्रेड: पहले से काम कर रहे प्रोफेशनल्स भी अपनी स्किल बढ़ाने के लिए ये कोर्स करते हैं।

  • इन कोर्स की फीस, अवधि और पात्रता संस्थान के हिसाब से अलग-अलग होती है।

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सीखे जाने वाले मेन स्किल्स

ये शॉर्ट टर्म कोर्स (new career options) आपको स्पेशियल डेटा एनालिसिस सिखाते हैं। आप मैप प्रोजेक्शन, डिजिटाइजेशन और इमेज इंटरप्रिटेशन जैसी स्किल्स सीखते हैं।

रियल-लाइफ डेटासेट पर हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग दी जाती है। जीआईएस सर्टिफिकेट कोर्स के बाद करियर की राहें खुल जाती हैं। यह शॉर्ट डिग्री आपको तुरंत जॉब मार्केट के लिए तैयार करती है। इसमें करियर स्कोप और जॉब रोल्स

जॉब रोल्स (Job Roles): 

आप एक GIS Technician, GIS Analyst, रिमोट सेंसिंग स्पेशलिस्ट या कार्टोग्राफिक असिस्टेंट के तौर पर काम कर सकते हैं।

  • सेक्टर: 

    इन प्रोफेशनल्स की मांग अर्बन प्लानिंग, एग्रीकल्चर, वॉटर रिसोर्स मैनेजमेंट, डिजास्टर मैनेजमेंट और सिविल इंजीनियरिंग में होती है।

  • वेब GIS: 

    वेब GIS डेवलपर की डिमांड भी तेजी से बढ़ रही है, जो मैप्स को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर इंटीग्रेट करते हैं।

इस फील्ड (career opportunity) में आगे बढ़ने के लिए लगातार नई टेक्नोलॉजी सीखते रहना जरूरी है। एक शॉर्ट कोर्स आपको इस जियोस्पेशियल करियर की दुनिया में एंट्री दिला सकता है।

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