/sootr/media/media_files/2025/12/11/cbse-board-exam-2026-six-major-changes-2025-12-11-13-30-18.jpg)
CBSE Board Exam 2026 की परीक्षा 17 फरवरी, 2026 से शुरू होने जा रही है। इसमें 10वीं की परीक्षाएं लगभग 10 मार्च तक होंगी। 12वीं की परीक्षाएं लगभग 9 अप्रैल तक चलेंगी।
ऐसे में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने बोर्ड परीक्षा 2026 के लिए इस साल कई बड़े बदलाव किए। इन बदलावों का मेन ऑब्जेक्टिव रटने की आदत को खत्म करना है।
अब फोकस छात्रों की समझ और एप्लीकेशन पर ज्यादा रहेगा। ये सारे नए रूल्स एजुकेशन नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के अकॉर्डिंग बनाएं गए हैं।
इन बदलावों को सभी स्टूडेंट्स और पेरेंट्स को ध्यान से समझना बहुत जरूरी है। आइए जानें CBSE के उन सभी नए एजुकेशन रूल्स को...
दो बार बोर्ड परीक्षा देने का मौका मिलेगा
छात्रों को अब साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा। पहली परीक्षा फरवरी में होगी, जो कंपल्सरी मेन परीक्षा होगी। दूसरी परीक्षा मई में होगी, जो ऑप्शनल और इंप्रूवमेंट परीक्षा के रूप में काम करेगी।
छात्र अधिकतम तीन विषयों में अपने नंबर सुधारने के लिए दोबारा परीक्षा दे सकते हैं। दोनों परीक्षाओं में से जिस विषय में सबसे अच्छे अंक होंगे, वही रिजल्ट में जोड़े जाएंगे। यदि कोई छात्र तीन से ज्यादा विषयों में फेल होता है, तो वह मई की इंप्रूवमेंट परीक्षा के लिए एलिजिबल नहीं होगा।
ये खबर भी पढ़ें...
CBSE ने किया बड़ा बदलाव, 6th से 8th तक कौशल शिक्षा अनिवार्य, अब करके सीखेंगे बच्चे
नया पेपर पैटर्न: 50% प्रश्न होंगे कम्पेटेन्सी बेस्ड
दसवीं और बारहवीं दोनों कक्षाओं के लिए पेपर पैटर्न पूरी तरह बदल गया है। प्रश्न पत्र में अब 50% सवाल कम्पेटेन्सी बेस्ड होंगे। इन सवालों में मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन (MCQ), केस-स्टडी और सोर्स-बेस्ड क्वेश्चन शामिल होंगे।
इससे छात्रों को कॉन्सेप्ट्स को रटने के बजाय गहराई से समझना होगा। इसके अलावा, 20% प्रश्न ऑब्जेक्टिव (MCQ) होंगे। बचे हुए 30% प्रश्न शॉर्ट या लॉन्ग आंसर टाइप के होंगे।
साइंस और सोशल साइंस पेपर
साइंस और सोशल साइंस के पेपर की स्ट्रक्चर बदल दी गई है। साइंस का पेपर तीन सेक्शन में बंटा होगा: बायोलॉजी, केमिस्ट्री और फिजिक्स। सोशल साइंस का पेपर चार सेक्शन में बंटा होगा: हिस्ट्री, जियोग्राफी, पॉलिटिकल साइंस, और इकोनॉमिक्स।
सबसे जरूरी नियम ये है कि छात्रों को अपनी आंसर शीट में भी इन्हीं सेक्शन्स को बनाना होगा। यदि किसी छात्र ने एक सेक्शन का जवाब दूसरे सेक्शन में लिखा, तो उस उत्तर की जांच बिल्कुल नहीं की जाएगी। बोर्ड ने साफ कर दिया है कि यह गलती रिवैल्यूएशन या वेरिफिकेशन में भी नहीं सुधारी जाएगी।
ये खबर भी पढ़ें...
CBSE Christmas Vacation: सीबीएसई ने जारी किया नया शेड्यूल, क्रिसमस पर नहीं मिलेगी ज्यादा छुट्टियां
9-पॉइंट ग्रेडिंग सिस्टम होगा लागू
रिजल्ट की ग्रेडिंग के लिए 2026 से 9-पॉइंट ग्रेडिंग स्केल लागू किया जाएगा। छात्रों को उनके प्रेजेंटेशन के आधार पर A1 से लेकर E तक 9 अलग-अलग ग्रेड (Big decision of CBSE) दिए जाएंगे। ये नया सिस्टम (सीबीएसई गाइडलाइन) छात्रों के ओवरऑल प्रेजेंटेशन पर ज्यादा ध्यान देगा।
9वीं-10वीं में 75% अटेंडेंस कंपल्सरी
कक्षा नौवीं और दसवीं के छात्रों के लिए 75% अटेंडेंस कंपल्सरी कर दी गई है। जिन छात्रों की अटेंडेंस 75% से कम होगी (CBSE 75% उपस्थिति), वे बोर्ड परीक्षा देने के पात्र नहीं माने जाएंगे। ये नियम छात्रों की रेगुलरिटी और स्कूल में एक्टिव पार्टिसिपेशन को सुनिश्चित करेगा।
11वीं कक्षा में प्रोविजनल एडमिशन
छात्र फरवरी के मेन एग्जाम के नंबर के आधार पर ही 11वीं कक्षा में प्रोविजनल एडमिशन ले सकते हैं। मई में हुए इंप्रूवमेंट एग्जाम के रिजल्ट आने के बाद ही उनका एडमिशन कन्फर्म किया जाएगा। ये छात्रों को समय बचाने और अपनी आगे की पढ़ाई तुरंत शुरू करने में मदद करेगा।
ये खबर भी पढ़ें...
Career in Blogging: ब्लॉगिंग और यूट्यूब से कैसे कमाएं पैसा, यहां जानें इसके सीक्रेट ट्रिक्स
CBSE 10वीं बोर्ड मैथ सैंपल पेपर से 80 नंबर लाने की तैयारी का ये है स्मार्ट प्लान
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us