Agra. सीबीएसई स्कूलों में विद्यार्थियों को जूता निर्माण पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। केंद्रीय पादुका प्रशिक्षण संस्थान, आगरा (CFTI) के सहयोग से पाठ्यक्रम को चार स्तर पर तैयार किया जा रहा है। 45 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। पाठ्यक्रम तैयार होने के बाद इसे सीबीएसई को भेजा जाएगा। हरी झंडी मिलते ही कक्षा छह से 12वीं तक के छात्र कौशल शिक्षा के तहत इस पाठ्यक्रम को पढ़ेंगे।
23 विशेष पाठ्यक्रम तैयार
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कौशल शिक्षा के तहत 23 विशेष पाठ्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं। इसमें जूता निर्माण को भी शामिल किया गया है। आगरा को जूता निर्माण का पाठ्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी मिली है। अगले तीन माह में पाठ्यक्रम पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद इसे सीबीएसई को अंतिम निर्णय के लिए सौंप दिया जाएगा।
वजह : दक्ष होंगे बच्चे, जरूरत होने पर कर सकेंगे स्वरोजगार
बीते साल जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल में आयोजित स्किल एक्सपो में सीबीएसई के निदेशक डॉ. विश्वजीत साहा ने CFTI (सेंट्रल फुटवियर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट-केंद्रीय पादुका प्रशिक्षण संस्थान) के साथ मिलकर जूता निर्माण पर पाठ्यक्रम बनाने की योजना तैयार की। इसकी जिम्मेदारी जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य पुनीत वशिष्ठ को दी गई। पाठ्यक्रम को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि छात्र अगर 12वीं के बाद किसी कारण आगे शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते हैं, तब भी वे इतने दक्ष होंगे कि स्वरोजगार कर सकें।
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रुचि का रखा जाएगा ध्यान
CFTI के निदेशक सनातन साहू ने बताया कि सीबीएसई के निदेशक के प्रस्ताव के बाद चार स्तरीय कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। पहले स्तर पर स्कूलों में एक-डेढ़ घंटे का सेमिनार या वर्कशाप कराई जाएगी। एक हफ्ते तक कटिंग से लेकर पेस्टिंग तक की जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण के बाद जो छात्र इस विषय में भविष्य तलाशने की चाह रखते होंगे, उन्हें उनके ही स्कूल में एक महीने तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। इसके बाद जो छात्र चाहेंगे, उन्हें छह महीने, एक साल या दो साल का पाठ्यक्रम भी कराया जाएगा।