ओपन बुक एग्जाम का ट्रायल करेगा CBSE, 9वीं से 12वीं के बच्चे देंगे पेपर

CBSE अब 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए ओपन बुक एग्जाम का ट्रायल करने जा रहा है। कुछ स्कूलों में अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और जीव विज्ञान के लिए कुछ स्कूलों में ओपन बुक टेस्ट कराए जाएंगे। स्टूडेंट्स परीक्षा में नोट्स और किताबें साथ ले जा सकते हैं।

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Rahul Garhwal
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NEW DELHI. CBSE अब 9वीं से 12वीं तक के लिए ओपन बुक एग्‍जाम (cbse open book exam) का ट्रायल लेने जा रहा है। इसी साल कुछ स्कूलों में नवंबर में 9वीं और 10वीं क्लास के अंग्रेजी, गणित, विज्ञान के ओपन बुक एग्जाम होंगे। वहीं कक्षा 11 और 12 के लिए अंग्रेजी, गणित और जीव विज्ञान के लिए कुछ स्कूलों में ओपन बुक टेस्ट कराने की तैयारी है।

कैसे होता है ओपन बुक एग्जाम ?

स्टूडेंट्स ओपन बुक एग्‍जाम में किताबें, नोट्स और अन्य स्टडी मटेरियल अपने साथ ले जा सकते हैं। छात्रा परीक्षा में इनकी मदद से सवालों के जवाब लिख सकते हैं।

ज्यादा मुश्किल होता है ओपन बुक एग्जाम 

ओपन बुक एग्जाम सामान्य परीक्षा से ज्यादा मुश्किल होता है। इसमें याद रखने की क्षमता का आकलन नहीं किया जाता, बल्कि किसी सब्जेक्ट या टॉपिक की समझ और प्रैक्टिकल नॉलेज को परखा जाता है। कॉपी चेक करने वाले किताब से देखकर लिखे जवाबों को नंबर नहीं देते, बल्कि उन जवाबों को नंबर देते हैं जिसमें स्टूडेंट ने अपनी इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया हो। बुक में लिखे जवाब जैसे के तैसे उतारने पर नंबर नहीं मिलेंगे, बल्कि समझ-बूझकर लिखे जवाबों को नंबर मिलेंगे।

इसी साल से शुरू होगा ओपन बुक एग्जाम

CBSE इसी साल से नवंबर-दिसंबर में ओपन बुक एग्जाम का ट्रायल करेगा। इसके बाद ही तय होगा कि इसे 9वीं से 12वीं क्लास के लिए सभी स्कूलों में लागू करना चाहिए या नहीं। ओपन बुक एग्जाम में स्टूडेंट्स की थिंकिंग स्किल्स, एप्लीकेशन, एनालिसिस, क्रिटिकल और क्रिएटिव थिंकिंग के साथ-साथ प्रॉब्लम सॉल्विंग क्षमता का टेस्ट लिया जाएगा।

दिल्ली यूनिवर्सिटी बनाएगी फॉर्मेट

CBSE के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी फॉर्मेट बनाएगी। दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कोरोना महामारी के दौरान ओपन बुक टेस्ट की शुरुआत की थी। इससे एजुकेशन कैलेंडर बिगड़ गया था। CBSE गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में ओपन बुक एग्जाम के लिए खास किताबें तैयार करने पर भी विचार किया गया है।

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ओपन बुक एग्जाम का विरोध कर चुके हैं स्‍टूडेंट्स

ओपन बुक एग्जाम के खिलाफ दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनका कहना था कि ये उन लोगों के लिए पक्षपात होगा जिनके पास इंटरनेट और बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है। हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को फाइनल ईयर वाले स्टूडेंट्स का ओपन बुक एग्जाम लेने की परमिशन दी थी। रेगुलर स्टूडेंट्स शीट अपलोड करने के लिए 1 अतिरिक्त घंटा और दिव्यांग छात्रों को परीक्षा के लिए 6 घंटे का समय दिया गया था।

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