BHOPAL. मध्यप्रदेश में सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए शिक्षा विभाग स्कूली छात्रों के सिलेब्स में अब यातायात नियमों का पाठ शामिल करने जा रहा है। यह पाठ छटवीं से बाहरहवीं कक्षा में शामिल किया जाएगा। इस अध्याय में छात्रों को रेड, ग्रीन और येलो सिग्नल के साथ, देश व प्रदेश में यातायात नियमों को तोड़ने से होने वाली दुर्घटनाओं के आंकड़े, नियम व दंड की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही केंद्र सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 112 व 108 की जानकारी भी पाठ में शामिल रहेगी। यह निर्णय परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा ने बीते दिनों विभिन्न विभागों के बीच हुई बैठक में लिया गया है।
पाठ्यक्रम में ये टॉपिक शामिल होंगे
प्रदेश में यातायात दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से छटवीं से बारहवीं तक के छात्रों के पाठ्यक्रम में यातायात नियम को शामिल किया जा रहा है। इस पाठ्यक्रम में यातायात दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण जैसे- वाहन चलाने के नियम, वाहन रोकते समय संकेतों को देखना, किस वाहन में कितने लोग कर सकते हैं, यात्रा, स्कूल, अस्पताल, चौराहों आदि के समीप वाहन की गति, किस उम्र में चला सकते हैं कौन सा वाहन आदि टॉपिक को शामिल किया जाएगा।
दुर्घटना होने पर एंबुलेंस तुरंत पहुंचे
परिवहन आयुक्त संजय झा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को सभी एंबुलेंस में जीपीएस लगाने की कार्ययोजना बनानी चाहिए। प्रदेश में संचालित निजी एवं शासकीय चिकित्सालयों में अनुबंधित एंबुलेंस की जानकारी तैयार की जाएगी, जिससे दुर्घटनाओं के समय तुरंत एंबुलेंस उपलब्ध हो सके। वहीं केंद्र सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 112 और 108 को एकीकृत करने का सुझाव भी उन्होंने दिया।
नियम तोड़ने वाले पर तुरंत हो कार्रवाई
परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा ने बैठक में कहा कि यातायात नियमों को तोड़ने वालों पर तुरंत कार्रवाई होना चाहिए। इसके लिए पुलिस विभाग एवं इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम द्वारा संचालित कैमरों, स्पीड कैमरों एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की सहायता से नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई की जाए और उनसे सख्ती से अर्थदंड वसूला जाए।
ब्लैक स्पॉट को करें चिन्हित
प्रदेश में वह जिले जहां सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती है और किन क्षेत्रों में होती है ऐसे स्थानों को ब्लैक स्पॉट की श्रेणी में शामिल कर उनको चिन्हित करना चाहिए। ताकि उन स्पॉर्ट में खामियों को दूर किया जा सके। ब्लैक स्पॉर्ट खत्म करने के लिए राज्य सड़क सुरक्षा निधि से बजट प्रदान करने की योजना बनाने के लिए भी उन्होंने जोर दिया।