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डिग्री और डिप्लोमा कोर्स दोनों ही शिक्षा के इम्पोर्टेन्ट ऑप्शन हैं, लेकिन हर छात्र के लिए ये दोनों ऑप्शन अलग-अलग होते हैं। डिग्री कोर्स आम तौर पर तीन से चार साल का होता है और इसमें डीप और डिटेल्ड नॉलेज मिलती है। वहीं, डिप्लोमा कोर्स एक से दो साल का छोटा कोर्स होता है, जो छात्रों को किसी स्पेशल स्किल्स की ट्रेनिंग देता है और जल्दी नौकरी पाने का मौका देता है।
दोनों के अपने-अपने फायदे हैं जो आपके करियर के गोल्स और इंटरेस्ट पर निर्भर करता है कि आपको कौन सा कोर्स चुनना चाहिए। इस आर्टिकल में हम डिग्री कोर्स और डिप्लोमा कोर्स की तुलना करेंगे। जिससे आप समझदारी से डिग्री और डिप्लोमा के बीच करियर को चुन पाएंगे।
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डिग्री कोर्स क्या होता है
डिग्री कोर्स आम तौर पर तीन से चार साल का होता है, जो छात्रों को डीप और डिटेल्ड नॉलेज देने में मदद करता है। इसमें छात्रों को किसी स्पेशल फील्ड में थ्योरेटिकल और प्रैक्टिकल नॉलेज दिया जाता है। डिग्री कोर्स को पूरा करने के बाद छात्रों को यूनिवर्सिटी से डिग्री दी जाती है, जैसे बीए, बीकॉम, बीटेक, एमबीए।
डिग्री कोर्स की प्रॉपर्टीज
टाइम: डिग्री कोर्स आम तौर पर 3 से 4 साल का होता है।
ऑब्जेक्टिव: छात्रों को किसी खास क्षेत्र में गहरा ज्ञान और विशेषज्ञता देना।
रिकग्निशन: डिग्री कोर्स की डिग्री पूरे विश्व में मान्यता प्राप्त होती है।
करियर अपॉर्चुनिटी: डिग्री कोर्स पूरा करने के बाद छात्र बड़े और रेपुटेड इंस्टीटूशन्स में नौकरी के लिए योग्य होते हैं।
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डिग्री कोर्स का प्रोसेस
सिलेक्शन: छात्र को अपनी रुचि और स्कोर के आधार पर कॉलेज और कोर्स का चयन करना होता है।
एप्लीकेशन: कॉलेज या विश्वविद्यालय में आवेदन करना और प्रवेश परीक्षा (अगर कोई हो) पास करना।
पढ़ाई: तीन से चार साल तक लगातार पढ़ाई करना, जिसमें थ्योरेटिकल और एक्सपेरिमेंटल दोनों तरह की जानकारी दी जाती है।
फाइनल रिजल्ट: कोर्स के अंत में परीक्षा होती है, जिसके बाद डिग्री मिलती है।
डिप्लोमा कोर्स क्या होता है
डिप्लोमा कोर्स एक छोटा और स्पेसिफिक कोर्स होता है जो आमतौर पर एक से दो साल का होता है। यह कोर्स छात्रों को किसी खास स्किल में स्पेशलाइजेशन देता है और उन कौशलों को वर्कप्लेस पर तुरंत लागू किया जा सकता है। डिप्लोमा कोर्स का ऑब्जेक्टिव छात्रों को एम्प्लॉयबल बनाना होता है, ताकि वे जल्दी नौकरी ले सकें।
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डिप्लोमा कोर्स की प्रॉपर्टीज
टाइम: डिप्लोमा कोर्स आमतौर पर 1 से 2 साल का होता है।
ऑब्जेक्टिव: छात्रों को स्पेशल स्किल्स और टेक्निकल नॉलेज देना।
रिकग्निशन: डिप्लोमा कोर्स की डिग्री डिग्री के मुकाबले कम मान्यता प्राप्त (Recognized) होती है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में यह बहुत काम आती है।
करियर के मौके: डिप्लोमा कोर्स में तुरंत नौकरी मिलने के अवसर होते हैं, लेकिन यह नौकरी के स्तर पर डिग्री से थोड़ी अलग हो सकती है।
डिप्लोमा कोर्स का प्रोसेस
सलेक्शन: छात्र को अपनी रुचि और भविष्य की योजना के आधार पर कोर्स और संस्थान का चयन करना होता है।
एप्लीकेशन: कॉलेज या संस्थान में आवेदन करना और प्रवेश परीक्षा (अगर कोई हो) पास करना।
पढ़ाई: एक से दो साल तक स्पेसिफिक स्किल्स पर ध्यान केंद्रित करना।
फाइनल रिजल्ट: कोर्स समाप्त करने के बाद छात्र को डिप्लोमा दिया जाता है।
किसे चुनना सही रहेगा
यह सवाल काफी हद तक आपके फ्यूचर ओब्जेक्टिव, इंटरेस्ट और करियर की दिशा पर निर्भर करता है।
डिग्री कोर्स चुनें अगर
- आप किसी स्पेसिफिक एरिया में डीप नॉलेज करना चाहते हैं।
- आप लंबे समय तक एक अच्छी नौकरी करना चाहते हैं और आपकी मानसिकता उच्च शिक्षा (mindset higher education)
- और नौकरी के अवसरों को ध्यान में रखते हुए हो।
- आप चाहते हैं कि आपकी डिग्री की मान्यता पूरी दुनिया में हो।
डिप्लोमा कोर्स चुनें अगर
- आप जल्दी से नौकरी करना चाहते हैं और स्किल बेस्ड काम में रुचि रखते हैं।
- आपके पास समय कम है और आप एम्प्लॉयमेंट करने में रुचि रखते हैं।
- आप टेक्निकल और प्रोफेशनल फील्ड्स में काम करना चाहते हैं, जैसे कि कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, फैशन डिजाइनिंग, होटल मैनेजमेंट।
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