दिल्ली यून‍िवर्स‍िटी ने बंद किया यह कोर्स: अगले सेशन से नहीं होंगे ए़डमिशन

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दिल्ली यून‍िवर्स‍िटी ने बंद किया यह कोर्स: अगले सेशन से नहीं होंगे ए़डमिशन

करियर डेस्क. दिल्ली यून‍िवर्स‍िटी (DU) में दशकों से चल रहा एक कोर्स बंद होने जा रहा है। यूनिवर्सिटी ने बड़ा फैसला लेते हुए नोटिस जारी कर बताया कि अगले एकेडिमिक सेशन से   सभी एमफिल कोर्स (M.Phil Course) को बंद कर दिया जाएगा। दिल्ली यून‍िवर्स‍िटी ने स्पष्ट किया है कि अब अगले शैक्षणिक सत्र (Next Academic Session) से एमफिल में एडमिशन नहीं होंगे। नई शिक्षा नीति (NEP) के प्रावधानों के अनुसार केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Union Ministry Of Education) भी चाहता है कि विभिन्न विश्वविद्यालय एमफिल पाठ्यक्रम को समाप्त कर दिया जाए।



डीयू ने जारी किया नोटिस: एमफिल (M.Phil) रिसर्च से जुड़ा हुआ पाठ्यक्रम है। एमफिल एक अल्पकालिक शोध डिग्री (Short Term Research Degree) है। दिल्ली यून‍िवर्स‍िटी की रिसर्च काउंसिल ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि अगले शैक्षणिक वर्ष यानी 2022-23 से एमफिल पाठ्यक्रम बंद कर दिया जाएगा। काउंसिल के चेयरमैन के मुताबिक यह फैसला यून‍िवर्स‍िटी की एग्जिक्यूटिव काउंसिल द्वारा पारित किया जा चुका है और नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के मद्देनजर एमफिल पाठ्यक्रम को बंद किया जा रहा है। दिल्ली यून‍िवर्स‍िटी के इस सर्कुलर से साफ है कि एनईपी के तहत अब एमफिल बंद कर दिया जाएगा 



एमफिल का कोर्स दशकों से चल रहा था: दिल्ली विश्वविद्यालय एकेडमिक काउंसिल के सदस्य रहे प्रोफेसर देव कुमार ने इस विषय पर कहा कि डीयू (DU), जेएनयू (JNU) और जामिया (Jamia) जैसे कुछ गिने-चुने देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में एम फिल का कोर्स दशकों से चल रहा था। इस कोर्स ने अपनी प्रतिष्ठा, गुणवत्ता और मूल्य को स्थापित और साबित किया है। 



क्या है एक्सपर्टट की राय: शिक्षाविदों का मानना है कि एमफिल वाले छात्रों ने पीएचडी में बेहतर प्रदर्शन किया है। इस डिग्री को सिस्टम की किसी जैविक आवश्यकता के कारण नहीं बल्कि नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के कारण बंद किया जा रहा है।


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