Bhopal. आर्थिक रूप से कमजोर यानी EWS वर्ग के अभ्यर्थियों ने उच्च माध्यमिक शिक्षक यानी वर्ग 1 की भर्ती के लिए फिर मोर्चा खोल दिया है। EWS वर्ग के अभ्यर्थी लंबे समय से मांग करते आ रहे हैं कि सेकंड काउंसलिंग में जो भर्ती हो रही है वह पहली काउंसलिंग में रिक्त रहे 1039 पदों पर की जाए, पर लोक शिक्षण संचालनालय ने सेकंड काउंसलिंग में नए पदों का पेच फंसा दिया है, जिससे EWS वर्ग के अभ्यर्थी अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं।
पहले समझिए क्या है पूरा मामला
15 हजार पदों के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 में आयोजित की। 2019 में इन पदों पर नियुक्ति शुरू हुई। सभी 15 हजार पदों की स्वीकृति वित्त विभाग 2018 में ही दे चुका है, पर कटआफ हाई होने से 5935 पद रिक्त रह गए। प्रथम काउंसलिंग में EWS वर्ग का कटआफ 60 प्रतिशत यानी 90 नंबर था, इतने नंबर अर्जित नहीं होने से EWS वर्ग के 1039 पद रिक्त रह गए। बाद में शासन ने EWS वर्ग का कटआफ 60 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत यानी 75 नंबर कर दिया। जिसका राजपत्र में 26 जुलाई 2022 को प्रकाशन भी किया गया। अब स्कूल शिक्षा विभाग द्वितीय काउंसलिंग करा रहा है, पर इनमें प्रथम काउंसलिंग के रिक्त 1039 पद शामिल नहीं किए गए।
EWS वर्ग को ऐसे हो रहा नुकसान
द्वितीय काउंसलिंग के अंतर्गत विभाग 2750 पदों पर नियुक्ति कर रहा है। इन पदों को नवीन पद कहा गया है, जिससे 10 प्रतिशत के हिसाब से EWS वर्ग के पास सिर्फ 275 पद ही आएंगे। जबकि विभाग प्रथम काउंसलिंग के बाद रिक्त रहे 5935 पदों पर भर्ती करता तो EWS वर्ग के 1039 पदों पर नियुक्ति होती, जिससे अधिक अभ्यर्थियों को फायदा होगा। अभ्यर्थियों का आरोप है कि जनजातीय कार्य विभाग ने द्वितीय काउंसलिंग में प्रथम चरण में शेष रह गए पदों पर ही पदपूर्ति की, मतलब प्रथम काउंसलिंग के बाद EWS वर्ग के जो पद रिक्त रह गए उन पर भर्ती की, लेकिन लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा ऐसा ना कर दोहरे मापदंड को अपनाया जा है।
सीएम ने कहा था, EWS वर्ग को भी पूरा न्याय मिलेगा
छिंदवाड़ा के सौंसर में 19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि EWS वर्ग के अभ्यर्थियों ने मुझे आवेदन दिया है। चिंता मत करना, उनको भी पूरा न्याय मिलेगा, पर इसके बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने से EWS वर्ग के अभ्यर्थी अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं। इस पूरे मामले को लेकर अब तक राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेशचंद्र शर्मा, विधायक आशीष गोविंद शर्मा, आलोक चतुर्वेदी, भूपेंद्र मरावी, गोपीलाल जाटव, राकेशगिरी गोस्वामी, दिनेशराय मुनमुन भी मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं।
विभाग के तर्कों पर EWS संघ का जवाब
भारतीय ईडब्ल्यूएस संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरज तिवारी ने कहा कि यदि नए पदों पर भर्ती हो रही है तो पूरी प्रक्रिया जैसे विज्ञापन जारी होना, लिखित परीक्षा होना, यह सब किया जाना चाहिए था। एक तरफ आप पुरानी परीक्षा के आधार पर भर्ती कर रहे हो और दूसरी ओर नए पद बता रहे हो। यह गलत है। विभाग की ओर से एक तर्क यह भी दिया जा रहा है कि जीएडी के नियमानुसार EWS वर्ग के बैकलाग के पदों को कैरीफारवर्ड नहीं किया जाता। इस पर धीरज तिवारी ने कहा कि जीएडी के नियम सभी विभागों के लिए एक समान होंगे। जनजातीय कार्यविभाग ने बैकलाग के पदों पर नियुक्ति की। लोक शिक्षण संचालनालय को बताना चाहिए कि ये कैसे हुआ।
सवाल युवाओं के भविष्य का और अधिकारियों का ऐसा रवैया
द सूत्र ने पूरे मामले में पक्ष जानने के लिए लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त अभय वर्मा से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। व्हॉट्सएप मैसेज भी किया जिसे देखने के बाद भी आयुक्त ने रिप्लाई नहीं किया। जाहिर सी बात है बेरोजगार अभ्यर्थियों के भविष्य से जुड़े इस बेहद गंभीर मसले पर रिप्लाई करना उन्होंने उचित नहीं समझा। वहीं अभ्यर्थियों का कहना है कि शासन की दोहरी नीति का वह लगातार विरोध करते आए हैं, जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी करेंगे।