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Internship: आज के कॉम्पिटिटिव करियर मार्किट में सक्सेस पाने के लिए केवल किताबों से पढ़ाई करना सफिशिएंट नहीं है। जब तक आप अपने सीखे हुए नॉलेज को असली दुनिया में नहीं आजमाते, तब तक आपको अपनी पूरी सफलता नहीं मिल सकती। इसलिए, इंटर्नशिप छात्रों के लिए बहुत जरूरी हो गई है। यह आपको न सिर्फ प्रोफेशनल दुनिया में कदम रखने का मौका देती है, बल्कि आपकी स्किल्स को भी बेहतर बनाती है।
इंटर्नशिप से आप असली वर्किंग एनवायरनमेंट में काम करते हुए नए एक्सपीरियंस हासिल करते हैं, जो आपके भविष्य को मजबूत बनाता है। इससे छात्रों को प्रोफेशनल एक्सपीरियंस मिलता है, जिससे वे ज्यादा कॉन्फिडेंस बनते हैं और उनकी नौकरी पाने की पॉसिबिलिटीज भी बढ़ जाती हैं। तो आइए जानते हैं कि इंटर्नशिप क्यों सभी छात्रों के लिए जरूरी है और ये आपके करियर को कैसे बेटर बना सकता है।
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इंटर्नशिप क्या है
इंटर्नशिप एक प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस है, जो छात्रों को किसी स्पेशल प्रोफेशनल एरिया में काम करने का मौका देती है। इसमें छात्र अपने एजुकेशन फील्ड से एक्चुअल वर्क रिलेटेड एक्सपीरियंस सीखते हैं, जिससे उनका करियर डेवलपमेंट होता है। इसके माध्यम से छात्र वर्कप्लेस के एनवायरनमेंट को समझते हैं और उनके पास नए अपॉर्चुनिटी के लिए रास्ते खुलते हैं।
इंटर्नशिप के टाइप्स
इंटर्नशिप के कई टाइप्स होते हैं जो छात्रों को डिफरेंट एरियाज में एक्सपीरियंस गेन करने का मौका देते हैं। कुछ मेजर इंटर्नशिप हैं
- मेडिकल (Medical Internship)
- अकाउंटिंग (Accounting Internship)
- जर्नलिज्म (Journalism Internship)
- मार्केटिंग (Marketing Internship)
- इंजीनियरिंग (Engineering Internship) etc.
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इसे करना क्यों जरूरी है
इंटर्नशिप से छात्रों को वर्कप्लेस का एक्सपीरियंस मिलता है, जिससे वे अपने करियर के लिए तैयार होते हैं। इसके अलावा, यह उनके सीवी को स्ट्रांग बनाती है और उन्हें नई स्किल्स सीखने का मौका मिलता है। आइए जानें कुछ जरूरी पॉइंट्स कि इंटर्नशिप करना क्यों जरूरी है...
सेल्फ ग्रोथ में सहयोगी
इंटर्नशिप के समय छात्रों को सेल्फ-वर्थ, प्रोफेशनलिज्म और टीमवर्क जैसे क्वालिटीज डेवलप्ड करने का मौका मिलता है। यह उनके पर्सनल और प्रोफेशनल डेवलपमेंट में भी मदद करता है।
एजुकेशन और करियर का सही एक्सप्लोरेशन
इंटर्नशिप से छात्रों को अपनी क्लास में सीखी गई जानकारी को एक्चुअल वर्क एरिया में एप्लीकेबल करने का मौका मिलता है। यह उन्हें अलग-अलग करियर ऑप्शन्स का एक्सपीरियंस दिलाती है।
मार्केटबिलिटी बढ़ाने करने का मौका
छात्रों को उस एरिया में काम करने का मौका मिलता है, जिसमें वे फ्यूचर में करियर बनाना चाहते हैं। यह उन्हें नौकरी के लिए कॉम्पिटिशन में बढ़त देती है।
नेटवर्किंग
इंटर्नशिप से छात्रों को प्रोफेशनल नेटवर्क बनाने का मौका मिलता है। यह उन्हें उन लोगों से मिलवाता है, जो उनके करियर एरिया में काम कर रहे होते हैं।
एफिशिएंसी और प्रोफेशनलिज्म
इस समय छात्र टीमवर्क, कम्युनिकेशन और लीडरशिप जैसे जरूरी स्किल सीखते हैं, जो उनके प्रोफेशनल लाइफ के लिए बेहद उपयोगी होते हैं।
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वर्कप्लेस के कल्चर को जानने का मौका
इंटर्नशिप छात्रों को वर्कप्लेस के कल्चर को जानने का मौका देता है। इससे आपको अपनी अपकमिंग जॉब में चैलेंजेज को फेस करने के लिए तैयारी मिलती है, जो भविष्य में उनके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
आपके सीवी का महत्व बढ़ता है
इंटर्नशिप के बाद आपके सीवी में जो एक्सपीरियंस जुड़ते हैं, वह आपको भविष्य में नौकरी मिलने में मदद करते हैं। यह आपके प्रोफाइल को नौकरी देने वालों के सामने अट्रैक्टिव बनाता है।
प्रोफेशनल फीडबैक
इंटर्नशिप में काम करते समय छात्रों को अपने प्रेजेंटेशन पर प्रोफेशनल फीडबैक मिलता है, जो उनकी वर्क एफिशिएंसी को बेहतर बनाने में मदद करता है।
नई स्किल्स सीखने का मौका
इंटर्नशिप में छात्रों को नई और कॉम्प्लेक्स कैपेबिलिटीज सीखने का मौका मिलता है, जैसे कि वेरियस सॉफ्टवेयर और दूसरे टेक्निकल स्किल का नॉलेज से सकते हैं।
सीखने और समझने का मौका
इंटर्नशिप के समय छात्र अपने सीनियर से बहुत कुछ सीख सकते हैं। वे और एम्प्लाइज की रोल को देखकर उनके काम करने के तरीके को समझ सकते हैं।इंटर्नशिप के समय छात्र अपने लिए एक ऐसा मेंटर ढूंढ सकते हैं, जो उन्हें करियर की दिशा में गाइडेंस दे सकता है।
फेवरेट काम पता करेने का मौका
इंटर्नशिप से छात्रों को यह जानने का मौका मिलता है कि वे किस तरह के काम में इंटरेस्ट रखते हैं और कौन से काम उन्हें पसंद नहीं आते, जिससे फ्यूचर में सही करियर का चयन करना आसान हो जाता है।
इंटर्नशिप के कितने टाइप के होते हैं
पेड इंटर्नशिप
पेड इंटर्नशिप आपको काम करते हुए पैसा देती है, जिससे आप अपनी जरूरी खर्चों को पूरा कर सकते हैं। ये इंटर्नशिप ज्यादा जिम्मेदारी और बेहतर वर्किंग एनवायरनमेंट देती हैं, जिससे आपका स्किल डेवलप होता है।
फायदे: आपको पैसे मिलते हैं, नेटवर्किंग के अच्छे मौके मिलते हैं, और ज्यादा जिम्मेदारी मिलती है।
नुकसान: बहुत कॉम्पिटिटिव होता हैं और कभी-कभी काम ज्यादा रूटीन या रिपीटेटिव हो सकता है।
अनपेड इंटर्नशिप
अनपेड इंटर्नशिप में आप बिना पैसे के काम करते हैं, लेकिन एक्सपीरियंस और स्किल्स सीखते हैं। इसमें छोटे आर्गेनाइजेशन और स्टार्टअप्स में ज्यादा मौके मिलते हैं।
फायदे: सीखने का अच्छा मौका और आपकी सीवी को बढ़ावा मिलता है।
नुकसान: इकनोमिक प्रेशर हो सकता है और कभी-कभी काम जरूरी नहीं होता।
पार्ट-टाइम इंटर्नशिप
पार्ट-टाइम इंटर्नशिप आपको अपनी पढ़ाई के साथ काम करने का मौका देती है, जिससे आपको लचीलापन मिलता है।
फायदे: फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है और वर्क-लाइफ बैलेंस बना रहता है।
नुकसान: कम पैसे मिलते हैं और हो सकता है कि आपको पूरे कंपनी के काम का अनुभव न मिले।
रिमोट इंटर्नशिप
रिमोट इंटर्नशिप आपको कहीं से भी काम करने की आजादी देती है, जिससे आपको स्थान की बाधा नहीं होती।
फायदे: फ्लेक्सिबिलिटी और कोई ट्रेवल एक्सपेंसेस नहीं।
नुकसान: ऑफिस में पर्सनल कॉन्टैक्ट की कमी और डायलॉग में गलतफहमियां हो सकती हैं।
फॉर-क्रेडिट इंटर्नशिप
फॉर-क्रेडिट इंटर्नशिप आपको अपने सिलेबस के तहत वर्क एक्सपीरियंस और अकादमिक क्रेडिट देती है।
फायदे: अकादमिक क्रेडिट मिलता है और यह आपकी पढ़ाई से जुड़ा होता है।
नुकसान: अधिकतर फॉर-क्रेडिट इंटर्नशिप अनपेड होती हैं और काम की सीमाएं हो सकती हैं।
एक्सटर्नशिप
एक्सटर्नशिप शॉर्ट-टर्म, अनपेड और ऑब्जरवेशन बेस्ड होती है, जहां आप किसी प्रोफेशनल के साथ काम करने का अनुभव ले सकते हैं।
फायदे: कम दबाव और लचीला कामकाजी माहौल।
नुकसान: कम अनुभव मिलता है और यह रिज्यूमे में इंटर्नशिप जितनी जरूरी नहीं होती।
फेलोशिप
फेलोशिप एक स्ट्रक्चर्ड प्रोग्राम है, जो स्पेशल टास्क और स्टडी के ओप्पोर्तुनिटी देता है।
फायदे: विशेष ट्रेनिंग मिलती है और फाइनेंसियल हेल्प भी मिल सकती है।
नुकसान: हाइली कॉम्पिटिटिव होती है और समय की बड़ी कमिटमेंट हो सकती है।
को-ऑप शिक्षा
को-ऑप शिक्षा एक अकादमिक प्रोग्राम्स है, जिसमें छात्र पढ़ाई के साथ काम करते हैं।
फायदे: ज्यादा अनुभव मिलता है और आपकी सीवी को अच्छा बनाता है।
नुकसान: टाइम मैनेजमेंट में कठिनाई हो सकती है और डिग्री पूरी होने में ज्यादा समय लग सकता है।
सर्विस स्टडी
सर्विस स्टडी एक एजुकेशनल तरीका है, जिसमें आप कम्युनिटी सर्विस के साथ एजुकेशनल एक्सपीरियंस भी ले सकते हैं।
फायदे: कम्युनिटी में पॉजिटिव चेंज लाने का मौका मिलता है और सोशल रिस्पांसिबिलिटी का एहसास होता है।
नुकसान: रिजल्ट्स का मेजरमेंट करना डिफिकल्ट हो सकता है और एजुकेशनल बेनिफिट्स कभी-कभी लिमिटेड होते हैं।
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