संजय गुप्ता, INDORE. राज्य पात्रता परीक्षा यानी सेट 2022 के लिए नोटिफिकेशन रविवार रात को पीएससी ने जारी कर दिया है। इसके लिए उम्मीदवार 27 जनवरी से 26 फरवरी 2023 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। परीक्षा ऑफलाइन प्रक्रिया से 4 जून को प्रदेश के 10 शहरों में होगी।
2018 के बाद अब होगी राज्य पात्रता परीक्षा
राज्य पात्रता परीक्षा उन उम्मीदवारों के लिए काफी अहम है जो नेट क्वालीफाई नहीं हैं, क्योंकि बिना नेट या सेट क्वालीफाई किए वे पीएससी द्वारा नोटिफाई की गई 1669 असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बन पाएंगे। इसके पहले साल 2018 में सेट परीक्षा आयोजित हुई थी। इसके बाद अब हो रही है।
परीक्षा में होंगे 2 प्रश्न पत्र
राज्य पात्रता परीक्षा में 2 प्रश्न पत्र होंगे। पहला प्रश्न पत्र सामान्य अध्ययन व शोध अभिवृत्ति का होगा जिसमें 50 प्रश्न होंगे और प्रश्न पत्र 100 अंकों का होगा और समय 1 घंटा रहेगा। दूसरा प्रश्न पत्र उम्मीदवारों द्वारा 36 में से चुने गए एक विषय में का होगा, ये 200 अंकों का होगा और इसमें 100 प्रश्न होंगे। इसके लिए 2 घंटे रहेंगे। नेगेटिव मार्किंग नहीं होगी।
पीजी कर रहे अभ्यर्थी भी दे सकेंगे सेट
पीजी (स्नातकोत्तर) के अंतिम साल में अध्ययनरत अभ्यर्थी भी इसमें शामिल हो सकते हैं। हालांकि अनराक्षित वर्ग का होने पर 55 फीसदी अंक से और अन्य कैटेगरी में होने पर 50 फीसदी अंक से डिग्री लेना जरूरी है।
तो होगी दंडात्मक कार्रवाई
पीएससी ने साफ कर दिया है कि जो साल 2017-18 की सेट या फिर नेट 2021 क्वालीफाई कर चुके हैं, वे फिर से आवेदन नहीं कर सकते हैं। ऐसा पाए जाने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। सेट परीक्षा पास होने पर भी किसी स्तर पर पाया जाता है कि वे इस परीक्षा के लिए योग्य नहीं थे तो प्रमाण-पत्र नहीं दिया जाएगा।
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अभ्यर्थियों की मांग असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए मिले ये छूट
पीएससी द्वारा मार्च से मई तक असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के फॉर्म भराए जाएंगे। बिना नेट या सेट क्वालीफाई किए हुए अभ्यर्थी ये फॉर्म नहीं भर पाएंगे। ऐसे में अभ्यर्थियों की लगातार ये मांग है कि सेट 5 साल बाद हो रही है, एक बार ये छूट दी जाए कि बिना सेट क्वालीफाई किए हुए भी असिस्टेंट प्रोफेसर का फॉर्म भर पाएं और परीक्षा दे पाएं, तब तक सेट हो जाएगी और रिजल्ट आ जाएगा, इसके बाद अंतिम चयन भले ही सेट क्वालीफाई का प्रमाण-पत्र लेने के बाद ही किया जाए। वैसे भी आयोग की देरी के चलते ही ये स्थिति बनी है क्योंकि साल 2018 के बाद उन्होंने सेट ही नहीं ली है और अब सेट की परीक्षा असिस्टेंट प्रोफेसर के पहले लेने की जल्दबाजी कर रहे हैं।