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मेडिकल फील्ड अब सिर्फ डॉक्टरों और MBBS छात्रों तक सीमित नहीं है। इस फील्ड में छात्रों के लिए और भी कई ऑप्शन हैं। ऐसे में इस फील्ड से ही रिलेटेड एक बेस्ट ऑप्शन कोर्स है मेडिकल कोडिंग जो आजकल बहुत पॉपुलर हो रहा है।
इसमें आपको मेडिकल के वर्ड्स और प्रोसीजर को कोड्स में बदलने का काम करना होता है, जिससे हेल्थ सर्विसेज को बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सके।
इसके लिए आपको डॉक्टर बनने की जरूरत नहीं है। इसमें आपको सिर्फ कोर्स, ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन की जरूरत होती है। इस क्षेत्र में आप मेडिकल कोडर, मेडिकल बिलर जैसे आसान और इंटरेस्टिंग रोल्स में काम कर सकते हैं।
यह एक तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है, जिसमें अच्छी सैलरी और करियर के मौके हैं। तो ऐसे में अगर आप मेडिकल फील्ड में काम करना चाहते हैं, तो मेडिकल कोडिंग एक बेटर और इंटरेस्टिंग करियर ऑप्शन हो सकता है।
🩺 मेडिकल कोडिंग क्या है
मेडिकल कोडिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े तरह-तरह के डिटेल्स को स्टैण्डर्ड कोड्स के रूप में बदल दिया जाता है। यह कोड्स मेडिकल, दवाओं, प्रोसेसेज और इलाज से संबंधित होते हैं।
इसका पर्पस मेडिकल डेटा को इकट्ठा करना, सुरक्षित रूप से स्टोर करना और स्वास्थ्य सेवाओं के बिलिंग और क्लेम प्रोसेसिंग के लिए उसे उचित कोड्स में बदलना होता है।
ये कोड्स स्वास्थ्य सेवाओं को समझने, ओर्गनइज करने और क्लेम्स को सही तरीके से प्रोसेस करने में मदद करते हैं। जैसे- जब एक मरीज किसी बीमारी का इलाज करवाता है, तो डॉक्टर उस बीमारी और इलाज को रिकॉर्ड करते हैं।
मेडिकल कोडिंग में इन सभी जानकारी को डिटेल कोड्स में बदला जाता है, जैसे कि उस बीमारी का नाम, दी गई दवाइयां, उपचार, ऑपरेशन आदि। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि स्वास्थ्य सेवाओं का सही तरीके से बिलिंग किया जाए और बीमा कंपनियां सही क्लेम्स का पेमेंट करें।
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👨⚕️🧠 क्या-क्या स्किल्स चाहिए
मेडिकल कोडिंग एक स्पेशलाइज्ड और टेक्निकल फील्ड है, जिसमें कुछ खास स्किल्स की जरूरत होती है। जैसे-
🧠 मेडिकल टर्मिनोलॉजी का ज्ञान (Medical Terminology Knowledge):
- मेडिकल कोडिंग में काम करने के लिए मेडिकल टर्मिनोलॉजी का अच्छे से ज्ञान होना जरूरी है।
- आपको शरीर के अंगों, रोगों, प्रक्रियाओं और दवाओं के नाम और उनके अर्थ के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
🧠 कोडिंग सिस्टम का ज्ञान (Knowledge of Coding Systems):
- मेडिकल कोडिंग में ICD (International Classification of Diseases), CPT (Current Procedural Terminology) और HCPCS (Healthcare Common Procedure Coding System) जैसी कोडिंग सिस्टम का ज्ञान जरूरी है।
🧠 विज्ञप्ति और ध्यान (Attention to Detail):
- मेडिकल कोडिंग में एक छोटी सी गलती भी बड़ी समस्याओं का कारण बन सकती है। इसलिए एक कोडर को बहुत ध्यान से काम करना होता है।
🧠 कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर का ज्ञान (Computer and Software Knowledge):
- मेडिकल कोडिंग के लिए कंप्यूटर और संबंधित सॉफ्टवेयर का उपयोग होता है।
- कोडिंग सॉफ्टवेयर जैसे 3M और Optum360 का इस्तेमाल होता है, इसलिए इनका ज्ञान होना चाहिए।
🧠 समझ और विश्लेषण क्षमता (Understanding and Analytical Skills):
- मेडिकल कोडर को मरीज के मेडिकल रिकॉर्ड को समझकर सही कोड्स का चयन करना होता है। इसके लिए एनालिटिकल स्किल्स की जरूरत होती है।
👩⚕️🎓 मेडिकल कोडिंग में करियर कैसे बनाएं
अगर आप मेडिकल कोडिंग में करियर बनाने के इच्छुक हैं तो आपको इन स्टेप्स को फॉलो करना होगा:
- 🎓 शैक्षिक योग्यता (Educational Qualifications): मेडिकल कोडिंग में करियर बनाने के लिए आपको कम से कम 12वीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त करनी होती है। मेडिकल क्षेत्र से संबंधित डिग्री (जैसे बायोलॉजी) और मेडिकल कोडिंग सर्टिफिकेट कोर्स भी मददगार हो सकते हैं।
- 🎓 कोर्स और ट्रेनिंग (Courses and Training): मेडिकल कोडिंग के लिए कई संस्थान विशेष कोर्स और ट्रेनिंग प्रोग्राम्स कराते हैं। कुछ जरूरी कोर्स जैसे:
- 🎓 मेडिकल कोडिंग सर्टिफिकेट कोर्स: यह कोर्स आपको मेडिकल कोडिंग की बेसिक जानकारी देता है, जिसमें आप स्वास्थ्य सेवाओं को मानक कोड्स में बदलने की प्रक्रिया सीखते हैं।
- 🎓 मेडिकल टर्मिनोलॉजी कोर्स: इस कोर्स में आप मेडिकल शब्दावली (जैसे रोगों, उपचारों और दवाओं के नाम) को समझने और उपयोग करने की जानकारी प्राप्त करते हैं।
- 🎓 ICD और CPT कोडिंग कोर्स: ICD (International Classification of Diseases) और CPT (Current Procedural Terminology) कोडिंग कोर्स में, आप इन मानक कोडिंग सिस्टम्स की पढ़ाई करते हैं, जो मेडिकल डेटा को व्यवस्थित और वर्गीकृत (organize and classify) करते हैं।
- 🎓 प्रोफेशनल सर्टिफिकेशन (Professional Certification): मेडिकल कोडिंग में करियर बनाने के लिए आपको सर्टिफिकेशन की जरूरत हो सकती है। AAPC (American Academy of Professional Coders) और AHIMA (American Health Information Management Association) जैसी संस्थाएं कोडिंग में सर्टिफिकेशन देती हैं।
- 🎓 इंटर्नशिप (Internship): यदि आपने कोडिंग का कोर्स किया है, तो इंटर्नशिप के समय आप प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस सीख सकते हैं। यह अनुभव आपकी नौकरी की संभावनाओं को बढ़ाता है।
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💼💉 इसमें करियर ऑप्शन कौन-कौन से हैं
मेडिकल कोडिंग में कई प्रकार की जॉब्स हैं और हर एक की अपनी फीचर्स, जिम्मेदारियां और सैलरी स्ट्रक्चर होती हैं। यहां हम कुछ जॉब्स के बारे में चर्चा करेंगे, जिन्हें आप मेडिकल कोडिंग में कर सकते हैं:
🧑⚕️ मेडिकल कोडर (Medical Coder)
मेडिकल कोडर का काम मरीजों के चिकित्सा रिकॉर्ड से संबंधित जानकारी को सही कोड में बदलना होता है। यह कोड मरीज के ट्रीटमेंट्स, टेस्ट्स, ड्रग्स और अन्य मेडिकल प्रोसीजर से संबंधित होते हैं। कोडिंग के समय इन कोड्स का सही तरीके से चयन करना बहुत जरूरी होता है ताकि बाद में स्वास्थ्य बीमा कंपनियां और अस्पताल सही क्लेम प्रोसेस कर सकें।
- सैलरी:
शुरुआत में: ₹20,000 - ₹30,000 प्रति माह
एक्सपेरिएंस्ड कोडर: ₹40,000 - ₹60,000 प्रति माह - काम करने के स्थान:
अस्पताल, क्लीनिक, हेल्थकेयर आउटसोर्सिंग कंपनियां
💳 मेडिकल बिलिंग (Medical Billing)
मेडिकल बिलिंग का काम मेडिकल कोडिंग के साथ जुड़ा हुआ होता है। मेडिकल बिलिंग स्पेशलिस्ट मेडिकल प्रोसीजर और ट्रीटमेंट्स के लिए बिल तैयार करते हैं और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के साथ क्लेम प्रोसेस करते हैं। इस नौकरी में आपको डाक्यूमेंट्स की तैयारी, क्लेम फाइलिंग और पेमेंट रिसीप्ट जैसे काम करने होते हैं।
- सैलरी:
शुरुआत में: ₹25,000 - ₹35,000 प्रति माह
एक्सपेरिएंस्ड बिलर: ₹45,000 - ₹70,000 प्रति माह - काम करने के स्थान:
अस्पताल, क्लिनिक, हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां, मेडिकल प्रैक्टिस
🔍 कोडिंग ऑडिटर (Coding Auditor)
कोडिंग ऑडिटर को यह सुनिश्चित करना होता है कि सभी मेडिकल कोड सही तरीके से लागू किए गए हैं और ऑडिटिंग प्रोसेसेज में किसी भी तरह की गलती नहीं है। वे कोडिंग की सटीकता की समीक्षा करते हैं और ये सुनिश्चित करते हैं कि सभी बिलिंग और क्लेम सही तरीके से फाइल किए गए हैं या नहीं।
- सैलरी:
शुरुआत में: ₹40,000 - ₹50,000 प्रति माह
एक्सपेरिएंस्ड ऑडिटर: ₹60,000 - ₹1,00,000 प्रति माह - काम करने के स्थान:
अस्पताल, हेल्थकेयर संगठन, हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां
👨⚕️ मेडिकल कोडिंग स्पेशलिस्ट (Medical Coding Specialist)
यह एक हाई लेवल का कोडिंग प्रोफेशनल होता है जो विशेष रूप से मेडिकल प्रोसीजर, टेस्ट्स और जटिल मामलों के कोडिंग में माहिर होता है। इस नौकरी में काम करने वाले प्रोफेशनल वेरियस मेडिकल कंडीशंस और प्रोसेसेज के लिए एक्सपर्ट कोड देते हैं और कॉम्प्लेक्स मेडिकल डेटा की एक्सप्लनेशन करते हैं।
- सैलरी:
शुरुआत में: ₹35,000 - ₹50,000 प्रति माह
एक्सपेरिएंस्ड स्पेशलिस्ट: ₹70,000 - ₹1,00,000 प्रति माह - काम करने के स्थान:
बड़े अस्पताल, मेडिकल रिसर्च संस्थान, हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां
💻 हेल्थ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजिस्ट (Health Information Technologist)
हेल्थ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजिस्ट का काम हेल्थकेयर डेटा को ऑर्गनाइज्ड और सेफ करना होता है। इसमें आपको मरीजों के मेडिकल रिकॉर्ड को सुरक्षित तरीके से व्यवस्थित करना और उनकी गोपनीयता को बनाए रखना होता है। साथ ही, हेल्थकेयर सॉफ्टवेयर के जरिए इन सूचनाओं का मैनेजमेंट करना भी इस नौकरी का हिस्सा होता है।
- सैलरी:
शुरुआत में: ₹30,000 - ₹40,000 प्रति माह
एक्सपेरिएंस्ड टेक्नोलॉजिस्ट: ₹50,000 - ₹80,000 प्रति माह - काम करने के स्थान:
अस्पताल, क्लिनिक, हेल्थकेयर IT कंपनियां
💻🏡 ऑनलाइन मेडिकल कोडर (Online Medical Coder)
ऑनलाइन मेडिकल कोडिंग में, आपको घर से काम करने का अवसर मिलता है। इस जॉब में आप अस्पतालों या अन्य हेल्थकेयर संस्थाओं के लिए मेडिकल रिकॉर्ड कोडिंग करते हैं। इस जॉब में आपको अपने कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल करके मेडिकल रिकॉर्ड्स और प्रक्रियाओं का सही तरीके से कोडिंग करना होता है।
- सैलरी:
शुरुआत में: ₹20,000 - ₹30,000 प्रति माह
अनुभवी ऑनलाइन कोडर: ₹40,000 - ₹60,000 प्रति माह - काम करने के स्थान:
वर्क फ्रॉम होम, हेल्थकेयर कंपनियां, क्लिनिक्स
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💸🤒 मेडिकल कोडिंग के बेनिफिट्स
- सुरक्षित और स्थिर करियर: हेल्थकेयर इंडस्ट्री में हमेशा मेडिकल कोडर्स की जरूरत रहती है।
- हाई सैलरी की संभावना: मेडिकल कोडिंग में मेहनत और अनुभव के आधार पर अच्छा वेतन मिल सकता है।
- लचीलापन: कई मेडिकल कोडिंग जॉब्स में वर्क फ्रॉम होम का विकल्प भी होता है।
- विकास के अवसर: मेडिकल कोडिंग में विशेषज्ञ बनने के बाद आप उच्च स्तर की जिम्मेदारियों को संभाल सकते हैं।
🤕👨⚕️ तो मेडिकल कोडिंग एक बेहद इम्पोर्टेन्ट और वाइड एरिया है जो हेल्थ सर्विसेज की मैनेजमेंट प्रोसेस को सरल बनाता है। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए हाईएस्ट लेवल की शिक्षा, ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन की जरूरत होती है।
अगर आपको मेडिकल के क्षेत्र में काम करने का शौक है और आप इसकी तकनीकी रूप से समझ रखते हैं, तो मेडिकल कोडिंग आपके लिए एक शानदार करियर विकल्प हो सकता है।
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