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पूरी खबर को 5 पॉइंट में समझें-
शुरुआती 15 मिनट में केवल पेपर पढ़ें और आसान सवाल चुनें।
कॉपी के पहले 3 पेज साफ रखें, ओवरराइटिंग से बचें।
बिना SI यूनिट के फिजिक्स का आंसर अधूरा माना जाता है।
डायग्राम के लिए केवल पेंसिल का उपयोग करें और लेबलिंग करें।
न्यूमेरिकल्स में स्टेप-मार्किंग का फायदा उठाएं, सवाल न छोड़ें।
मध्य प्रदेश बोर्ड की 12वीं की वार्षिक परीक्षा जल्द ही शुरु होने वाली है। अक्सर देखा गया है कि साल भर मेहनत करने वाले स्टूडेंट्स भी बोर्ड एग्जाम में उम्मीद के मुताबिक मार्क्स नहीं ला पाते। आखिर ऐसा क्यों होता है? इसका सबसे बड़ा कारण, आंसर लिखने का तरीका है।
हमने बोर्ड के पिछले सालों के टॉपर्स की कॉपियों की बारीकी से जांच की है। इस से ये सामने आया कि एग्जामिनर केवल यह नहीं देखता। यह भी देखता है कि आपने उसे कैसे प्रजेंट किया है। आइए जानते हैं वे जरूरी बातें जो आपको एग्जाम में टॉप करने में मदद करेगी।
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पेपर की शुरुआत कैसे करें?
जैसे ही आपको एग्जाम हॉल में प्रश्न पेपर मिलता है, तुरंत पेन न उठाएं। सबसे पहले उन 15 मिनटों का सही इस्तेमाल करें जो बोर्ड आपको पेपर पढ़ने के लिए देता है।
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सही प्रश्नों का सिलेक्शन
सबसे पहले उन सवालों पर टिक लगा लें जो आपको अच्छे से आते हैं। अक्सर स्टूडेंट कठिन सवालों में उलझकर अपना समय बर्बाद कर देते हैं। टॉपर हमेशा उन सवालों को पहले हल करते हैं जिनमें उन्हें 100% आत्मविश्वास होता है।
फर्स्ट इम्प्रेशन
आपकी कॉपी के शुरुआती 2-3 पेज बिल्कुल साफ-सुथरे होने चाहिए। कोशिश करें कि यहां कोई कांट-छांट या ओवर राइटिंग न हो। जब एग्जामिनर शुरू के पन्ने देखता है, तो उसके मन में आपकी एक अच्छी छवि बन जाती है।
आंसर लिखने की ट्रिक
फिजिक्स कोई इतिहास या हिंदी का विषय नहीं है जहां आप लंबी कहानियां लिखेंगे। यहां सटीक आंसर के ही नंबर मिलते हैं।
टू द पॉइंट लिखें: अगर सवाल 2 नंबर का है, तो सीधे परिभाषा लिखें। फिजूल की बातें लिखने से एग्जामिनर चिढ़ सकता है।
SI यूनिट : फिजिक्स में कोई भी आंसर बिना मात्रक के अधूरा है। मान लीजिए आपने प्रतिरोध निकाला है, तो R = 5\ Omega लिखना न भूलें। सिर्फ 5 लिखने पर आधा नंबर काटा जा सकता है।
की-वर्ड्स को चमकाएं: अपने आंसर के मेन वर्ड्स या फार्मूले को काले पेन से अंडरलाइन करें। इससे एग्जामिनर को आपकी मेहनत तुरंत दिख जाती है।
डेरिवेशन और डायग्राम
MP Board में डेरिवेशन का बहुत बड़ा रोल होता है। इन्हें सॉल्व करने का एक खास तरीका होता है जिसे टॉपर्स फॉलो करते हैं।
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पेंसिल से बनाएं साफ चित्र
फिजिक्स में चित्र हमेशा पेंसिल से ही बनाएं। चित्र के हर हिस्से का नाम साफ अक्षरों में लिखें। चित्र के बिना डेरिवेशन अक्सर अधूरा माना जाता है।
स्टेप-बाय-स्टेप गणित का हिसाब
गणितीय गणना करते समय हर स्टेप के बगल में उसका कारण जरूर लिखें। जैसे, ब्रैकेट में लिखें ओम के नियम से या किरचॉफ के नियम से। अंत में जब फॉर्मूला सिद्ध हो जाए, तो उसे एक सुंदर बॉक्स में बंद करें। नीचे इति सिद्धम या Hence Proved लिखें।
न्यूमेरिकल्स का डर कैसे भगाएं?
बहुत से छात्र न्यूमेरिकल्स छोड़ देते हैं, जबकि ये पूरे नंबर दिलाने वाले होते हैं। इन्हें हल करने के लिए इस स्टेप-मार्किंग तरीके को अपनाएं।
सबसे पहले लिखें: दिया है (Given) - प्रश्न में दी गई सभी वैल्यूज।
फिर लिखें: सूत्र (Formula) - जो इस्तेमाल होने वाला है।
अंत में कैलकुलेशन करें और उत्तर को मात्रक (Unit) के साथ लिखें।
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3 घंटे की प्लानिंग
अपने 3 घंटे के एग्जाम टाइम को इस टाइप से डिवाइड करें।
ऑब्जेक्टिव सवाल: 25 से 30 मिनट में खत्म करें।
छोटे उत्तर (Short Answers): इसके लिए 1 घंटा पर्याप्त है।
लॉन्ग आंसर और डेरिवेशन: 1 घंटा पूरे फोकस के साथ दें।
रिवीजन: आखिरी के 15 मिनट केवल कॉपी चेक करने के लिए रखें। इसमें देखें कि कहीं कोई प्रश्न छूट तो नहीं गया या रोल नंबर सही है या नहीं।
इन छोटी गलतियों से बचें
परीक्षा के दबाव में छात्र अक्सर छोटी गलतियां कर बैठते हैं। हमेशा याद रखें कि नया बड़ा प्रश्न हमेशा नए पेज से शुरू करें। प्रश्न क्रमांक को कॉपी के बिल्कुल बीचों-बीच और बड़े अक्षरों में लिखें। कुछ गलत हो जाए, तो उसे बस एक लाइन से काट दें, उसे ज्यादा गंदा न करें।
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