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BHOPAL. मध्यप्रदेश में पेपर लीक कांड में सरकार ने आखिर गड़बड़ी स्वीकार कर ली। प्रिंसिपल, टीचर से लेकर बाबू-चपरासी तक पेपर लीक में शामिल थे। 10वीं-12वीं के पेपर लीक मामले में मध्यप्रदेश सरकार ने भले ही परीक्षाएं रद्द नहीं की, लेकिन गड़बड़ी स्वीकार कर ली है। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने भोपाल समेत 9 जिलों के 4 प्रिंसिपल, 23 टीचर, 2 पर्यवेक्षक, एक लिपिक और 1 चपरासी को पेपर लीक करने में शामिल माना है।
निलंबन की गाज गिरी
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 9 परीक्षा केंद्रों को अगले 10 साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। सभी प्रिंसिपल और टीचरों पर परीक्षा के दौरान ही पुलिस ने कार्रवाई की थी। ये सभी जेल जा चुके हैं। फिलहाल जमानत पर हैं और कोर्ट में केस चल रहा है। इन टीचरों पर संवैधानिक प्रक्रिया के बाद बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। परीक्षा के दौरान 6 केंद्र अध्यक्ष, 7 सहायक केंद्र अध्यक्ष, 5 शिक्षकों और एक अन्य सहित 19 शिक्षक सस्पेंड किए गए थे। FIR के बाद पुलिस ने सभी को अरेस्ट कर लिया था।
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9 परीक्षा केंद्र 10 साल के लिए निलंबित
- विद्या हायर सेकंडरी स्कूल, भानपुर
इन्होंने भंग की प्रश्न-पत्र की गोपनीयता
भोपाल
- राजकुमार सक्सेना, प्रिंसिपल, शा. हाई स्कूल निपनिया जाट
ग्वालियर
- हुकुमचंद्र लथौरिया, प्रिंसिपल, शा. हाई स्कूल सिंगौरा, ब्लॉक घाटीगांव
रायसेन
- रमाशंकर अहिरवार, उमाशि, शा. उमावि, ईंटखेड़ी
मुरैना
- प्रताप सिंह नरवरिया, शाउमावि, भैंसरोली, बागचीनी
उमरिया
- विनायक तिवारी, उमाशि, अशा. सेंट जेवियर स्कूल, कोयलारी
दमोह
- फागूलाल पटेल, प्रिंसिपल, शाउमावि, सर्रा
बड़वानी
- बलसिंह चौहान, उमाशि, शा. उमावि, बोकराटा
राजगढ़
- रेखा बैरागी, उमाशि, शा. उत्कृष्ट उमावि, जीरापुर
धार
- रामेशचंद्र भंवेर, प्रिंसिपल, शा, मॉडल स्कूल, नालछा
कब होगी सेवा समाप्ति ?
माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव केडी त्रिपाठी का कहना है कि मंडल में इन सभी से अब कोई काम नहीं लिया जाएगा। कार्रवाई चल रही है, उसके बाद आगे मंडल इनकी सेवा समाप्ति के बारे में फैसला लेगा।