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Bhopal. सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता सीजू के निलंबन को बहाल कर दिया है। 6 महीने पहले मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा मामले में एमपी नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता सीजू को निलंबित करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। इस आदेश के खिलाफ सुनीता सीजू ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। जहां सुप्रीम कोर्ट ने सुनीता सीजू के निलंबन को बहाल करने का आदेश दिया। आदेश के परिपालन में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 22 फरवरी 2023 को सुनीता सीजू के निलंबन को बहाल कर दिया है।
यह था पूरा मामला
मध्य प्रदेश में फर्जी तरीके से खुले नर्सिंग कॉलेजों को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में एमपी लॉ स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा याचिका दायर की गई थी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया था कि प्रदेश में फर्जी तरीके से कई नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में 23 अगस्त 2022 को रजिस्ट्रार की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए सुनीता सीजू को पद से हटाने का निर्देश दिए थे। इस आदेश के विरूद्ध सुनीता सीजू ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जहां 10 फरवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने निलंबन बहाल करने के आदेश दिए।
241 नर्सिंग कॉलेज डीरिकगनाइज
मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज का फर्जीवाड़ा किस कदर तक पैर पसार चुका है इसका अंदाजा इस बात ये लगाया जा सकता है कि अगस्त 2022 में इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने मध्य प्रदेश के 241 नर्सिंग कॉलेजों की लिस्ट जारी की थी, जिन्हें मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने डीरिकगनाइज कर दिया है। इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने भी इन कॉलेजों से नर्सिंग प्रोग्राम को विड्रा कर दिया था। प्रदेश में ऐसे कई नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं जिनके पास न इंफ्रास्ट्रक्चर है और न फैकल्टी, बावजूद इसके ये कॉलेज खुलेआम संचालित होते हैं और स्टूडेंट को प्रवेश देकर उनके साथ धोखाधड़ी करते हैं।