BHOPAL. मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती सरकार के लिए कहीं चुनावी साल में मुश्किलें खड़ी न कर दे। हालात यह है कि शिक्षक भर्ती को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। उच्चतर माध्यमिक शिक्षक भर्ती की बात हो या माध्यमिक शिक्षक भर्ती की या फिर प्राथमिक शिक्षक भर्ती की सभी जगह युवा अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं। यही कारण है कि आक्रोशित युवा अब लोक शिक्षण संचालनालय यानी DPI में प्रदर्शन कर रहे हैं। 9 मई, मंगलवार को प्राथमिक शिक्षक यानी वर्ग—3 के अभ्यर्थियों ने 51 हजार पदों पर भर्ती के लिए प्रदर्शन किया, वहीं ओबीसी के होल्ड पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर ओबीसी अभ्यर्थियों ने भी डीपीआई के सामने नारेबाजी की।
प्रदर्शन में लाड़ली बहना छोटे बच्चे के साथ पहुंची
प्रदर्शन में लाड़ली बहना योजना पर कटाक्ष करते हुए नारेबाजी की गई। वर्ग—3 के अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन के दौरान लाड़ली बहना करे पुकार, शिवराज कर दो 51 हजार, हर भांजी करे पुकार, मामा कर दो 51 हजार के नारे लगाए। वर्ग—3 के प्रदर्शन में गुना से एक महिला अभ्यर्थी अपने 1 साल के बेटे के साथ प्रदर्शन में शामिल होने आई। अभ्यर्थी का कहना था कि यदि सीएम को लाड़ली बहना की इतनी चिंता है तो वह 51 हजार पदों पर नियुक्ति दे। वहीं ओबीसी अभ्यर्थियों के प्रदर्शन में महिला अभ्यर्थियों ने भी जमकर नारेबाजी की। इस दौरान अभ्यर्थियों ने सबको दिया मौका, ओबीसी को धोखा के नारे लगाए। अभ्यर्थियों ने कहा ककि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती, तब तक वह पीछे नहीं हटेंगी।
51 हजार पदों पर भर्ती के लिए इसलिए अड़े वर्ग—3 के अभ्यर्थी
प्राथमिक शिक्षक यानी वर्ग—3 के अभ्यर्थी 51 हजार पदों पर भर्ती की मांग पर अड़े हैं। इसके पीछे का कारण 12 साल बाद नियुक्ति का होना है। अभ्यर्थियों ने बताया कि जब वर्ष 2011 में 49 हजार पदों में से भर्ती सिर्फ 25 हजार पदों पर हुई। यानी 2011 से ही 24 हजार पद खाली है। वहीं इन 10—11 सालों में भी पद रिक्त हुए हैं। अभ्यर्थी मंगल सिंह ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग में 1 लाख 25 हजार 243 पद और ट्राइबल में 49 हजार 567 पद प्राथमिक शिक्षक के खाली हैं तो इतने कम पदों पर नियुक्ति क्यों? शासन को चाहिए कि वह कम से कम 51 हजार पदों पर भर्ती करे।
होल्ड किए गए पदों की चयन सूची जारी करे
प्रदर्शन कर रहे ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों ने बताया कि वर्ग—1 और 2 शिक्षक भर्ती में अभी तक की गई नियुक्तियों में ओबीसी वर्ग की नियुक्तियां बड़ी संख्या में रोक दी गई हैं या होल्ड की गई है, शासन इनकी चयन सूची जल्द से जल्द जारी करे। ओबीसी अभ्यर्थी कमलेंद्र सिंह ने बताया कि प्रवर्ग परिवर्तन के कारण प्रभावित ओबीसी वर्ग के मेरीटोरियस अभ्यर्थियों का प्रवर्ग अनारक्षित मानते हुए उक्त क्रम में रिक्त ओबीसी पदों पर चयन सूची जारी की जाना चाहिए। हमारी मांग है कि प्रथम काउंसलिंग संयुक्त नहीं होने के कारण प्रभावित ओबीसी वर्ग की अभ्यर्थियों के लिए यथाशीघ्र चयन सूची जारी की जाए।
प्रदर्शन कर रहे वर्ग—3 के अभ्यर्थियों को गेट पर रोका
51 हजार पदों पर भर्ती की मांग को लेकर अक्टूबर 2022 से वर्ग—3 के अभ्यर्थी आंदोलन छेड़े हुए हैं। बीते 15 दिनों से सोशल मीडिया पर 9 मई के प्रदर्शन को लेकर कैंपेन भी चलाया जा रहा था। मंगलवार सुबह 10 बजे से ही प्रदेशभर से अभ्यर्थी डीपीआई पहुंचने लगे। नारेबाजी करते हुए जब अभ्यर्थी डीपीआई के अंदर जाने लगे तो मौजूद पुलिसकर्मियों ने अभ्यर्थियों को गेट पर ही रोक दिया। वहीं डीपीआई स्टाफ ने गेट को लगा दिया। अभ्यर्थियों का कहना था कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती वे पीछे नहीं हटेंगे।
415 दिनों से धरना दे रहे ओबीसी अभ्यर्थी
डीपीआई के बाहर बीते 415 दिनों से ओबीसी अभ्यर्थी धरना दे रहे हैं। 21 मार्च 2022 से यह धरना लगातार जारी है। पहले यहां करीब 1 महीने तक टेंट लगा था, लेकिन उसका किराया लगातार बढ़ने से उसे यहां से निकलवा दिया और फिर अभ्यर्थियों ने पन्नी और तिरपाल का एक अस्थायी तंबु बनाकर लिया। अब इसी तंबु में अभ्यर्थी गर्मी, ठंड, बरसात तीनों मौसम में दिनरात लगातार धरना दे रहे हैं। इस अनिश्चितकालीन धरने में अभ्यर्थी बारी—बारी से आकर एक सप्ताह तक यहां रहते हैं, फिर यह जिम्मेदारी दूसरी टीम को दे दी जाती है। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती वे डीपीआई के सामने से नहीं उठेंगे।