राहुल शर्मा, BHOPAL. कवि कुंवर नारायण की एक प्रसिद्ध कविता है.. कोई दुख मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं.. वही हारा जो लड़ा नहीं.. ये लाइन राजधानी भोपाल के सागर ग्रुप के सागर पब्लिक स्कूल यानी SPS द्वारा वसूली गई अवैध फीस और पेरेंट्स द्वारा लड़ी गई अपने हक की लड़ाई के लिए बिल्कुल सटीक बैठती है। कोरोना काल में बच्चों से ऑनलाइन तैराकी और स्मार्ट और कम्प्यूटर क्लास के बहाने एसपीएस स्कूल ने पेरेंट्स से जमकर अवैध वसूली की।
सागर पब्लिक स्कूल ने हाईकोर्ट में मांगी माफी
जी हां..अवैध वसूली। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अवैध वसूली सागर पब्लिक स्कूल में ही पढ़ने वाले बच्चों के पेरेंट्स द्वारा बनाई गई माय पेरेंट्स एसोसिएशन को कतई मंजूर नहीं थी। वह ना तो सागर ग्रुप के आगे झुके और ना ही उसके रसूख के आगे। कोर्ट की अवमानना की याचिका एसोसिएशन ने लगाई और करीब 21 महीने की लड़ाई के बाद पेरेंट्स की जीत हुई। माय पेरेंट्स एसोसिएशन ने अपने 118 बच्चों की बढ़ी हुई फीस ना केवल वापस ले ली बल्कि कोर्ट के आदेश की अवमानना करने पर कोर्ट के सामने सागर ग्रुप को झुकना तक पड़ा। सागर पब्लिक स्कूल की ओर से कोर्ट में जो जवाब पेश किया गया उसमें उन्होंने इसके लिए माफी मांगी। साथ ही 118 बच्चों की 20 लाख 62 हजार 430 रुपए फीस भी वापस लौटाने की बात कही है। हाईकोर्ट में माफी मांगने और फीस लौटाने की बात के बाद एसपीएस के खिलाफ ये केस अब बंद हो गया है।
SPS में 20 हजार बच्चे, सिर्फ 118 की फीस लौटाई
राजधानी भोपाल में सागर ग्रुप के स्कूल सागर पब्लिक स्कूल के नाम से संचालित है। ये रोहित नगर, साकेत नगर, रातीबड़, कटारा हिल्स और गांधीनगर अयोध्या बायपास में संचालित हो रहे हैं। इन सभी ब्रांचों में करीब 20 हजार बच्चे रजिस्टर्ड होने का अनुमान है। अभी स्कूल ने सिर्फ उन 118 बच्चों की फीस वापस की है जो माय पेरेंट्स एसोसिएशन में रजिस्टर्ड पेरेंट्स हैं। मतलब 19 हजार से ज्यादा बच्चों की फीस इसमें शामिल नहीं है। हमने शुरुआत में एक लाइन कही थी..वही हारा जो लड़ा नहीं। जाहिर सी बात है SPS ने सिर्फ इन 118 बच्चों से ही अतिरिक्त फीस नहीं वसूली होगी। लेकिन जिसने अपने हक की लड़ाई लड़ी, उनकी जीत हुई।
जिनसे हुई अवैध वसूली वे पेंरेट्स क्या करें ?
माय पेरेंट्स एसोसिएशन की ओर से केस की पैरवी कर रहे अधिवक्ता शैलेष बावा ने कहा कि कोर्ट का ये निर्णय मील का पत्थर साबित होगा। पेरेंट्स इस आदेश का हवाला देकर अपने साथ अन्याय की शिकायत संबंधित एजेंसी जैसे जिला शिक्षा अधिकारी, लोक शिक्षण संचालनालय से कर सकते हैं। तब भी सुनवाई न हो तो वे न्यायालय की शरण भी ले सकते हैं।
द सूत्र के सर्वे में हुआ था खुलासा : फीस वसूली में एसपीएस नंबर वन
कोरोना काल में स्कूलों ने बेतहाशा फीस वृद्धि कर पेरेंट्स को जमकर लूटा। सिर्फ द सूत्र ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को निभाते हुए पेरेंट्स एसोसिएशन के साथ मिलकर किए सर्वे में पूरा खुलासा किया। हर मीडिया संस्थान के शैक्षणिक संस्थानों से विज्ञापन के रूप में अपने आर्थिक हित जुड़े रहते हैं। लाखों के विज्ञापन लिए जाते हैं इसलिए द सूत्र के खुलासे से पहले तक ये पता ही नहीं था कि सरकार की नाक के नीचे ही राजधानी भोपाल में वे कौन-कौन से स्कूल हैं जिन्होंने कोरोना काल में मानवीयता दिखाने की जगह फीस वसूली के नाम पर लूटखसोट की। पर द सूत्र ने अपनी नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी को निभाते हुए 12 अप्रैल 2022 को ही पूरे मामले का खुलासा कर दिया था। इसमें सबसे पहले पायदान पर सागर पब्लिक स्कूल ही था। भोपाल में अधिक फीस वसूली मामले में पहले और तीसरे नंबर पर एसपीएस की साकेत नगर और रोहित नगर ब्रांच ही थी।
इन स्कूलों ने किया एक्ट का उल्लंघन
अयोध्या बायपास के बोनी फाई स्कूल की 2019-20 में 12वीं कॉमर्स की ट्यूशन फीस 27 हजार 990 रुपए सालाना थी, जिसे 2020-21 में 60 फीसदी बढ़ाकर 44 हजार 865 रुपए कर दिया गया। इसी तरह साकेत नगर के सागर पब्लिक स्कूल की 2019-20 में सालाना ट्यूशन फीस 41 हजार 160 रुपए थी जिसे 2020—21 में 39 फीसदी बढ़ाकर 57 हजार 360 और 2021-22 में 20 फीसदी बढ़ाकर 68 हजार 880 कर दिया गया। सिल्वर बेल कॉन्वेंट स्कूल की 2020-21 में सालाना ट्यूशन फीस 16 हजार रुपए थी जिसे 2021-22 में 68 फीसदी बढ़ाकर 27 हजार कर दिया गया। जवाहरलाल नेहरू भेल स्कूल की 12वी कॉमर्स की सालाना ट्यूशन फीस 2019-20 में 21 हजार 660 रुपए थी जिसे 2020-21 में 16 प्रतिशत बढ़ाकर 25 हजार 90 रुपए कर दिया गया।
जिम्मेदार कलेक्टर और DEO के लिए आत्म विश्लेषण का समय
प्राइवेट स्कूलों ने कोरोना काल में पेरेंट्स से फीस वसूलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस विनियम अधिनियम 2017 मध्यप्रदेश में 2020 से लागू है। जिसके अनुसार प्राइवेट स्कूल हर साल सिर्फ 10 फीसदी ही फीस बढ़ाने के लिए स्वतंत्र हैं। मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस विनियम अधिनियम 2017 की धारा 9 की उपधारा 1 और 7 के अनुसार यदि कोई पेरेंट्स फीस वृद्धि संबंधी शिकायत करता है और वो शिकायत सही पाई जाती है तो स्कूल को बढ़ी हुई फीस स्टूडेंट को वापस करनी होगी। जिला समिति उस स्कूल पर 2 से 6 लाख तक का जुर्माना भी लगा सकती है। अधिनियिम की धारा-9 की उपधारा-2 डीईओ यानी जिला शिक्षा अधिकारी को यह अधिकार देती है कि वो ऐसे मामलों का स्वयं संज्ञान लेकर उसका निराकरण करें, पर भोपाल के जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना को इन स्कूलों पर स्वयं संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की फुर्सत ही नहीं। एसपीएस स्कूल तो एक उदाहरण है जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सख्ती दिखाई पर सवाल यही खड़ा होता है कि क्या शिक्षा माफिया बन बैठे अन्य निजी स्कूल पर डीईओ कार्रवाई करेंगे जिन्होंने कोरोना काल में फीस वृद्धि कर पेरेंट्स को जमकर लूटा। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना से संपर्क करने की कोशिश की गई पर संपर्क नहीं हो सका।
सागर पब्लिक स्कूल ने इस तरह आपदा को अवसर में बदला
1. सागर पब्लिक स्कूल साकेत नगर
क्लास : 12वीं कॉमर्स
2019-20 में ट्यूशन फीस : 41 हजार 160
2021-22 में ली फीस : 68 हजार 880 ट्यूशन फीस, 14 हजार 390 अन्य फीस, कुल 83 हजार 810 यानी 2019-20 की ट्यूशन फीस के मुकाबले 103 प्रतिशत अधिक
2020-21 में ली फीस : 57 हजार 360 ट्यूशन फीस, 8 हजार 270 अन्य फीस, कुल 65 हजार 630 यानी 2019-20 की ट्यूशन फीस के मुकाबले 59 प्रतिशत अधिक
2. सागर पब्लिक स्कूल रोहित नगर
क्लास : 12वीं कॉमर्स
2019-20 में ट्यूशन फीस : 48 हजार 720
2021-22 में ली फीस : 79 हजार 440 ट्यूशन फीस, 14 हजार 560 अन्य फीस, कुल 94 हजार यानी 2019-20 की ट्यूशन फीस के मुकाबले 92.94 प्रतिशत अधिक
2020-21 में ली फीस : 64 हजार 560 ट्यूशन फीस, 8 हजार 160 अन्य फीस, कुल 72 हजार 720 यानी 2019-20 की ट्यूशन फीस के मुकाबले 49.26 प्रतिशत अधिक
3. सागर पब्लिक स्कूल एयरपोर्ट रोड
क्लास : 12वीं कॉमर्स
2019-20 में ट्यूशन फीस : 40 हजार 920
2020-21 में ली फीस : 55 हजार 500 ट्यूशन फीस, 6 हजार 830 अन्य फीस, कुल 62 हजार 330 यानी 2019-20 की ट्यूशन फीस के मुकाबले 52.32 प्रतिशत अधिक
2021-22 में ली फीस : 64 हजार 920 ट्यूशन फीस, 13 हजार 360 अन्य फीस, कुल 78 हजार 280 यानी 2019-20 की ट्यूशन फीस के मुकाबले 91.30 प्रतिशत अधिक