सागर ग्रुप के स्कूल से भिड़ गई एक महिला टीचर, फिर सागर पब्लिक स्कूल को क्यों मांगनी पड़ी हाईकोर्ट में माफी

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Rahul Sharma
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सागर ग्रुप के स्कूल से भिड़ गई एक महिला टीचर, फिर सागर पब्लिक स्कूल को क्यों मांगनी पड़ी हाईकोर्ट में माफी

Bhopal. कवि कुंअर नारायण की एक प्रसिद्ध कविता है कि कोई दुख मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं, वही हारा जो लड़ा नहीं। यह लाइन अपने हक का पैसा लेने के लिए सागर ग्रुप जैसे बड़े ब्रांड से भिड़ जाने वाली एक म्यूजिक टीचर पर बिल्कुल ही सटीक बैठती है। मामला म्यूजिक टीचर को प्रताड़ित कर स्कूल से निकालने और फिर वेतन नहीं देने से जुड़ा हुआ है। राजधानी भोपाल के टॉप—10 प्राइवेट स्कूल में शुमार सागर ग्रुप के सागर पब्लिक स्कूल ने इसी मामले में अपने लिखित जवाब में हाईकोर्ट में दो बार लिखित माफी मांगी है। कुल मिलाकर सागर पब्लिक स्कूल की एक बार फिर किरकिरी हुई है। बता दें कि इससे पहले भी कोरोनाकाल में बच्चों से अधिक फीस वसूलने के मामले में सागर पब्लिक स्कूल को हाईकोर्ट में माफी मांगनी पड़ी थी। वहीं अब एक और मामले में सागर पब्लिक स्कूल ने हाईकोर्ट में माफी मांगते हुए म्यूजिक टीचर को उसका वेतन लौटाया है। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट शैलेष बावा ने बताया कि 16 दिसंबर 2022 को हाईकोर्ट में अवमानना याचिका लगाई गई थी और 28 अप्रैल 2023 को हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने निर्णय देते हुए टीचर्स की काटी गई सैलरी 1 लाख 54 हजार रूपए की रिकवरी करवाई और स्कूल प्रबंधन ने हाईकोर्ट और टीचर्स से माफी भी मांगी हैं। 





पहले समझिए पूरा मामला क्या है 





म्यूजिक टीचर अनिता पठोदिया सागर पब्लिक स्कूल की रोहित नगर ब्रांच में 8 साल से पदस्थ थी। जिन्हें अचानक 25 अगस्त 2022 को निकाल दिया गया। हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से वकील हितेंद्र गोलहानी ने बताया कि हाईकोर्ट ने याचिका क्रमांक 8463/2020 के अंतर्गत 4 नवंबर 2020 को यह आदेश दिया था कि किसी भी प्राइवेट स्कूल टीचर्स की सैलरी में 20 प्रतिशत से अधिक की कटौती न हो और यदि इससे ज्यादा की कटौती की जा रही है तो लॉकडाउन खत्म होने के बाद यह राशि 6 किश्तों के माध्यम से टीचर्स को लौटा दी जाएगी। जब अनिता पठोदिया ने जनवरी 2022 से यह सैलरी मांगी तो प्रबंधन उनके साथ वाद—विवाद करने लगा और 25 अगस्त 2022 को उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया। जिसके बाद कोर्ट में अवमानना याचिका प्रस्तुत की, जिसे स्वीकारते हुए कोर्ट ने सागर ग्रुप के चेयरमेन सुधीर अग्रवाल और रोहित नगर ब्रांच की प्रिंसिपल मधुबाला चौहान को नोटिस जारी किए थे।   





सैलरी मांगने पर प्रताड़ित करने लगा था स्कूल प्रबंधन





प्राइवेट स्कूल भले ही अच्छी शिक्षा के नाम पर पेरेंट्स से मोटी रकम वसूलते हो, लेकिन  जिन टीचर्स पर बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी होती है उन्हें सम्माजनक वेतन नहीं मिल पाता है। अनिता पठोदिया ने बताया कि जैसे ही उन्होंने कोरोनाकाल में काटी गई सैलरी की मांग की, उन्हें प्रताड़ित किया जाने लगा। अचानक ही उनका ट्रांसफर गांधीनगर वाले स्कूल में कर दिया गया और फिर जब ट्रांसपोर्ट की मांग की तो प्रबंधन ने साफ तौर पर इनकार करते हुए उन्हें जॉब से टरमिनेट कर दिया। अनिता पठोदिया का कहना है कि सागर पब्लिक स्कूल हो या कोई अन्य स्कूल उसे ब्रांड टीचर्स ही बनाते हैं और जब आप उस टीचर्स की कद्र नहीं करते हो तो आपकी रेपोटेशन तो वैसे ही डाउन हो जाती है। 





राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग तक ले चुका है संज्ञान





अनिता पठोदिया ने इसकी शिकायत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) से की थी। जिसके बाद आयोग ने मामले में 3 अक्टूबर को संज्ञान लेकर भोपाल कलेक्टर, एसपी समेत स्कूल शिक्षा विभाग को नाटिस जारी कर रिपोर्ट तलब की। 14 अक्टूबर को रिपोर्ट सबमिट भी हो गई, पर यह सार्वजनिक नहीं हो सकी। अनिता पठोदिया बताती है ककि उन्होंने न्याय की गुहार जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों से की, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की और हाईकोर्ट से 4 महीने में ही उन्हें न्याय मिल गया। वे बताती है कि इस पूरे समय में उनका परिवार काफी मुश्किलों के दौर से गुजरा है। वे अब प्राइवेट म्यूजिक क्लास चलाती है। 





सागर पब्लिक स्कूल के मामले में बौने हो जाते हैं अधिकारी 





आम व्यक्ति कोई छोटा सा भी नियम तोड़े तो उस पर कार्रवाई करने के लिए अधिकारी हमेशा तैयार हो जाते हैं, लेकिन सागर पब्लिक स्कूल के मामले में ये अधिकारी हमेशा बौने साबित होते हैं। जिस स्कूल पर दो बार कोर्ट की अवमानना की याचिका लग चुकी है, जिस स्कूल ने अलग—अलग मामलों में हाईकोर्ट से माफी मांगी, उस स्कूल पर कार्रवाई करने में हमेशा जिम्मेदार अधिकारियों ने परहेज ही किया है। 





कोरोनाकाल में फीस वसूली मामले में माफी मांग चुका है SPS





सागर पब्लिक स्कूल द्वारा कोर्ट की आवमानना को यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले कोरोनाकाल में फीस वसूली मामले में सागर पब्लिक स्कूल को हाईकोर्ट लताड़ चुका है। मामले में अपनी गलती मानते हुए SPS को कोर्ट में माफी मांगी थी और 118 बच्चों की 20 लाख 62 हजार 430 रूपए की अतिरिक्त फीस तक लौटाई थी। जिसके बाद 22 सितंबर 2022 को मामले का पटाक्षेप हुआ था।





वीडियो देखें- 







Sagar Public School Bhopal Contempt petition in High Court apologized in High Court Sagar Group Chairman Sudhir Agarwal सागर पब्लिक स्कूल भोपाल हाईकोर्ट में अवमानना याचिका हाईकोर्ट में मांगी माफी सागर ग्रुप चेयरमेन सुधीर अग्रवाल