BHOPAL. मध्यप्रदेश में शिक्षक समूह के मेरा विद्यालय, मेरी पहचान अभियान के तहत 1500 से ज्यादा शिक्षकों ने अपने विद्यालय को आनंद घर बनाने में सफलता हासिल की है। शिक्षक संदर्भ समूह के समन्वयक डॉ. दामोदर जैन की प्रेरणा से ये अनोखा काम पूरा हो रहा है। ये कहना था शासकीय प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रमेश जोशी का, जिन्होंने शिक्षक संदर्भ समूह के समन्वयक डॉ. दामोदर जैन की निरपेक्ष कार्य पद्धति की सराहना की। शिक्षाविद गिजू भाई के जन्मदिन पर गांधी भवन में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। शिक्षक संदर्भ समूह के समन्वयक डॉ. दामोदर जैन ने गिजू भाई की कविता प्रस्तुत करते हुए संगोष्ठी का शुभारम्भ किया।
'जो काम सरकार को करना चाहिए वो शिक्षक संदर्भ समूह कर रहा'
संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे रमेश जोशी ने बताया कि डॉ. दामोदर जैन एकला चलो की तर्ज पर शैक्षिक कार्यक्रम कर रहे हैं। हम सभी को अपने-अपने स्तर पर अब इस अभियान को सहयोग करना चाहिए ताकि ये और अधिक प्रभावी रूप धारण कर सके। जो काम सरकार को करना चाहिए, वो शिक्षक संदर्भ समूह द्वारा किया जा रहा है।
शिक्षक संदर्भ समूह के कार्यों की सराहना
संगोष्ठी में डॉ. शान्ति टेम्हरे, डॉ. श्रीनिवासन, डॉ. बिजेंद्र सिंह भदौरिया, घनश्याम तिवारी, अवनीश श्रीवास्तव और पुरानी पेंशन योजना के लिए संघर्ष करने वाले प्रेम नारायण डेहरिया ने अपने विचार व्यक्त किए। सभी वक्ताओं ने अपने वक्तव्य में समूह के कार्यों को प्रासंगिक बताते हुए कहा कि शिक्षकों का रचनात्मक मैत्री समूह शिक्षक हितैषी भूमिका निभा रहा है। गांधी भवन न्यास के सचिव दयाराम नामदेव ने सभी को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी शिक्षकों को शिक्षाविद गिजू भाई के दर्शन और विचारों को समझना चाहिए।