UGC New Anti Ragging Guidelines हुई जारी, अब बिहारी या जाट कहना पड़ेगा महंगा

12वीं के बाद अच्छे कॉलेज में एडमिशन का सपना टूट सकता है रैगिंग के कारण। यूजीसी ने सभी प्रमुख संस्थानों के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें शारीरिक, मानसिक और जातीय अपमान को भी रैगिंग माना जाएगा। अब सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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Manya Jain
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हर स्टूडेंट के लिए 12th पास करने के बाद का सपना अच्छे कॉलेज में जाना होता है। लेकिन कई बार उनके कॉलेज का अच्छा एक्सपीरियंस रैगिंग के कारण बुरे एक्सपीरियंस में बदल जाता है।

इसके साथ ही भारत के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में रैगिंग का मुद्दा अक्सर चर्चा का विषय बनता है। कई बार छात्र प्रशासन से शिकायत करते हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती।

इसी पर ध्यान देते हुए, UGC ने सभी प्रमुख संस्थानों के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी छात्र को शारीरिक या मानसिक या "बिहारी," "जाट," या "चिंकी-पिंकी" जैसे शब्दों का इस्तेमाल अब रैगिंग के दायरे में आएगा।

नए सेशन से पहले इंस्टिट्यूट अलर्ट 

देशभर के यूनिवर्सिटी में नए सेशन की एडमिशन प्रोसेस जून से ही शुरू हो जाती है । इसी को ध्यान में रखकर यूजीसी ने सभी संस्थानों जैसे IIT, IIM, NIT, मेडिकल, लॉ, इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों एंटी-रैगिंग रेग्युलेशन 2009 और नई संशोधित गाइडलाइन को पालन करने का कहा है।

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कैंपस में होगी सख्ती

अब हर इंस्टिट्यूट को अपने कैंपस में एंटी-रैगिंग कमेटी बनानी होगी। ये कमेटी कैंटीन, हॉस्टल, वॉशरूम, बस स्टैंड जैसे स्थानों का सरप्राइज इंस्पेक्शन करेगी।

इसके अलावा अब डार्क प्लेस यानी ऐसे कोने में अब सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे जहां रोशनी नही पहुंचती हैं। साथ ही स्टूडेंट्स की रेगुलर काउंसलिंग की जाएगी। ताकि रैगिंग की शुरुआत में ही खतरे का पता लगाया जा सके।

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चलाए जाएंगे अवेयरनेस कैंपेन 

पहले कॉलेजों में सिर्फ पोस्टर और वर्कशॉप के जरिए स्टूडेंट्स को अवेयर किया जाता था, लेकिन अब यूजीसी के निर्देश के बाद छोटे-छोटे वीडियो के जरिए पैरेंट्स स्टूडेंट्स और टीचर्स तक एंटी-रैगिंग का संदेश पहुंचाया जाएगा।

इस कदम का उद्देश्य स्टूडेंट्स को इमोशनल और मेंटली स्ट्रांग बनाना है।

पैरेंट्स को देना होगा एफिडेविट

अब कॉलेजों को एडमिशन फॉर्म एंटी-रैगिंग की जानकारी देनी होगी। साथ ही स्टूडेंट्स और उनके माता-पिता को रैगिंग न करने का एफिडेविट देना जरूरी होगा ।

यह एक कानूनी डाक्यूमेंट्स होगा। जिसमें छात्र यह लिखित रूप में वादा करेगा कि वह किसी भी प्रकार की रैगिंग में शामिल नहीं होगा।

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वेबसाइट पर शिकायत करना होगा आसान 

हर इंस्टिट्यूट की वेबसाइट पर एंटी-रैगिंग कमेटी के मेबंर के नाम, मोबाइल नंबर, लैंडलाइन, ईमेल आदि की जानकारी पब्लिक करनी होगी।

यदि किसी भी तरह की कंप्लेंट आती है तो फौरन एक्शन लिया जाएगा।

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