New Update
/sootr/media/post_banners/4e4bec6d736b08470ebd2f7d91f481b45bce6a9bd0a3bf1e78ab27992e3e66a3.jpg)
पोहरी विधानसभा सीट पर पहला चुनाव 1962 में हुआ और कांग्रेस के तुलाराम यहां से विधायक चुने गए थे। इसके बाद 1967, 1972 और 1977 के चुनाव में भारतीय जनसंघ और जनता पार्टी के कब्जे में ये सीट रही। 1980 में हरिवल्लभ शुक्ला ने जनसंघ का प्रभाव तोड़ते हुए कांग्रेस की वापसी करवाई। 1990 में बीजेपी ने यहां पहली बार चुनाव जीता और जेपी वर्मा विधायक बने... दिलचस्प बात ये है कि 1990 के चुनाव के बाद से 2013 तक यहां निर्दलीय और बीजेपी के उम्मीदवार तो जीत दर्ज करवाते रहे लेकिन कांग्रेस को जीत नसीब नहीं हुई.. कांग्रेस की जीत का सूखा दूर हुआ था 2018 के चुनाव में... सुरेश राठखेड़ा ने ये सूखा दूर किया.. मगर ज्यादा दिनों तक कांग्रेस खुशी नहीं मना सकी और राठखेड़ा... सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हो गए और एकबार फिर बीजेपी का कब्जा हो गया