कर्नाटक विजय के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस भी बजरंग बली वाले मुद्दे पर, जगह-जगह हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे कार्यकर्ता

author-image
Sushil Trivedi
एडिट
New Update
कर्नाटक विजय के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस भी बजरंग बली वाले मुद्दे पर, जगह-जगह हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे कार्यकर्ता

RAIPUR. ऐसा लगता है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने कर्नाटक विजय के बाद बजरंग बली के नाम पर हिंदुत्व का मुद्दा अपने नाम कर लिया है। छत्तीसगढ़ में एकाएक धर्म और भक्ति की धारा पहले की अपेक्षा कहीं अधिक तेज गति से बहाई जा रही है। कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता मंदिर-मंदिर में सुंदर कांड और हनुमान चालीसा के पाठ करते नजर आ रहे हैं। चारों ओर रामायण और हनुमान चालीसा की चौपाइयां और दोहे गूंज रहे हैं। 



कांग्रेस सरकारी आयोजनों का सहारा लेकर छद्म धर्म प्रेम दिखा रही



राज्य सरकार ने चंदखुरी में, कौशल्या माता धाम के पुनरूद्धार की योजना क्रियान्वित कर, उसे एक प्रमुख तीर्थ के रूप में स्थापित कर दिया है। अब वहां एक के बाद एक बड़े धार्मिक सांस्कृतिक समारोह आयोजित कर माता कौशल्या और भगवान राम के प्रति श्रद्धा-भाव प्रकट किया जा रहा है। इसी चंदखुरी में छत्तीसगढ़ में भाजपा के वरिष्ठतम नेता और महाराष्ट्र राज्यपाल के परिवार ने अपनी पारिवारिक संपत्ति पर एक विशाल राम मंदिर का निर्माण कराया हैं। पिछले दिनों इस राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा का भव्य समारोह हुआ जिसमें भाजपा के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। भाजपा नेता के पारिवारिक धार्मिक आयोजन में शामिल होकर भाजपा नेतागण यह आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस सरकारी आयोजनों का सहारा लेकर छद्म धर्म प्रेम प्रदर्शित कर रही हैं। 



राज्य सरकार 1 जून से 3 जून तक रायगढ़ में करेगी राष्ट्रीय रामायण महोत्सव 



कांग्रेस सरकार ने राज्य में 2226 किमी लंबे राम वनगमन पथ के निर्माण और इस पथ पर श्री राम से जुड़े 75 विशिष्ट स्थानों के विकास के काम को तेज कर दिया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने रायगढ़ में 1 जून से 3 जून तक राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन करने की घोषणा कर दी है। इस महोत्सव में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंडलियां रामलीला प्रस्तुत करेंगी। रामलीला का केंद्रीय विषय अरण्य कांड रखा गया है क्योंकि श्री राम के वनवास का अधिकतम वर्णन अरण्य काण्ड में है और उनका वनवास का यह काल छत्तीसगढ़ में बीता था। रायगढ़ में आयोजित होन वाले रामायण महोत्सव को भी भाजपा ने चुनावपूर्व कांग्रेस का प्रचार निरूपित किया हैं।



बीजेपी भ्रष्टाचार के आरोपों का दांव कांग्रेस के विरुद्ध चला रही है



कर्नाटक के चुनाव में कांग्रेस ने वहां की भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और चुनाव विश्लेषकों का मत है कि वहां के चुनाव में कांग्रेस की सफलता का एक कारण यह भी है। कर्नाटक में अपनी असफलता के कारक को अपना हथियार बनाकर छत्तीसगढ़ में भाजपा भ्रष्टाचार के आरोपों का दांव कांग्रेस के विरूद्ध चला रही है। इस बीच छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने राज्य प्रशासनिक सेवाओं के लिए चयनित उम्मीदवारों की सूची जारी की। इस सूची में प्रदेश के कुछ वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, कांग्रेस के नेताओं और लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के बेटे-बेटियों तथा अन्य रिश्तेदारों के कई नाम मेरिट लिस्ट में आए हैं। इस बात को लेकर भाजपा ने लोक सेवा आयोग पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है। इतना ही नहीं, इस मामले को लेकर भाजपा ने आयोग कार्यालय तथा राजभवन पर बड़े प्रदर्शन किए। भाजपा इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रही है और इस मुद्दे को लेकर राज्य के युवाओं के बड़े आंदोलन की तैयारी कर रही है। कांग्रेस ने आरोप को निराधार बताया है और पिछले वर्षों में लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित उम्मीदवारों की सूची में अधिकारियों और भाजपा नेताओं के रिश्तेदारों के नाम जाहिर किए हैं। बहरहाल, यह तय है कि भाजपा लोक सेवा आयोग में चयन की तथाकथित गड़बड़ी से अधिकतम चुनावी लाभ लेना चाहती है।



सरकार की कोशिश अधिक से अधिक युवा सरकारी पदों पर हों



इस बीच राज्य सरकार ने एक विज्ञापन जारी कर विभिन्न विभागों में होने वाली 19 हजार से अधिक नियुक्तियों की सूचना दी है। इसके साथ ही, विभिन्न सरकारी विभागों में नियुक्ति के लिए प्रक्रिया बहुत तेज कर दी गई है। राज्य सरकार की कोशिश से ऐसा लगता है कि वह चुनाव की घोषणा होने के पहले, आचार संहिता लागू होने के पहले, अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी पदों पर नियुक्त कर देना चाहती है। सरकार इस प्रक्रिया के द्वारा उस असंतोष को न्यूनतम करना चाहती है जो आरक्षण के मामले में अस्पष्टता होने के कारण नियुक्तियां न होने से उभर कर सामने आया था।



कांग्रेस की ‘गोधन न्याय योजना’ में भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है बीजेपी

 

कोयला, शराब और चावल को लेकर बड़ी गड़बड़ियों के उजागर होने के बाद, भाजपा अब कांग्रेस सरकार की एक सबसे सफल योजना ‘गोधन न्याय योजना’ में भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है। भाजपा नेतागण राज्य में गांव-गांव में बने हजारों गौठानों में जा रहे हैं। भाजपा ने गोबर की खरीद और वहां निर्माण में गड़बड़ी के मामले को लेकर राज्य सरकार के विरुद्ध बड़ा प्रचार अभियान चलाया है। गौठान में भाजपा नेताओं के जाने पर कुछ स्थानों पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से झड़प भी हुई। भाजपा के इन आरोपों को राज्य सरकार निराधार बता रही है। अनुमान यह है कि इस मामले में भाजपा अपने अभियान से ज्यादा कुछ हासिल नहीं कर पाएगी। 



बीजेपी के बड़े नेताओं ने पुराने नेताओं की पूछपरख बढ़ाई



कर्नाटक चुनाव में भाजपा की हार का एक बड़ा कारण यह माना गया कि वहां भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने क्षेत्रीय नेताओं को दरकिनार किया था और जमीनी कार्यकर्ताओं को अनदेखा किया था। इस घटना का सीधा प्रभाव छत्तीसगढ़ में दिखाई दे रहा है। बीजेपी के केंद्रीय नेताओं ने छत्तीसगढ़ के पुराने नेताओं की पूछपरख बढ़ा दी है और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ अधिक-से-अधिक संबंध स्थापित करने का सिलसिला नए सिरे से शुरू किया है। यह सिलसिला बूथ स्तर पर संगठन मजबूत करने के लिए नेताओं के वहां रात्रि विश्राम और सामूहिक भोजन के रूप में शुरू किया जा रहा है।



मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर बीजेपी चलाएगी बड़ा अभियान

 

नरेंद्र मोदी सरकार के नौ साल पूरा होने पर भाजपा पूरे देश में एक माह तक चलने वाले वृहद प्रचार कार्यक्रम की शुरुआत 30 मई से कर रही है। इस वृहद प्रचार कार्यक्रम में केंद्र सरकार की योजनाओं से लाभांवित होने वाले व्यक्तियों से संपर्क करने के साथ ही गांव-गांव में भाजपा के प्रति समर्थन की भावना रखने वाले लोगों से जुड़ने पर जोर दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम में भाजपा के संसद सदस्यों को विशेष जिम्मेदारी दी गई है। इस जिम्मेदारी के निर्वाह के परिणाम के आधार पर अगले चुनाव में उनकी जमीनी पकड़ की जांच की जाएगी।



कांग्रेस-बीजेपी दोनों ही सर्व आदिवासी समाज को नहीं मानते चुनौती



कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के गठन आने वाली वर्गगत कठिनाइयों और राजस्थान में एक वर्ग के खुले विद्रोह को देखते हुए कांग्रेस में भी कार्यकर्ताओं से जुड़ने और उनकी नाराजगी का पता कर नाराजगी को दूर करने का बड़ा सिलसिला शुरू दिल्ली में शुरू हुआ है। छत्तीसगढ़ में यह सिलसिला कांग्रेस के हाई कमान के प्रतिनिधियों के नेतृत्व में संभागीय सम्मेलनों के आयोजन और कार्यकर्ता संपर्क अभियान के द्वारा चलाया जाएगा। चुनावी-राजनीति के मैदान में नई किंतु बड़ी महत्वाकांक्षा प्रदर्शित करने वाले सर्व आदिवासी समाज ने बस्तर से बाहर निकलकर रायपुर और बिलासपुर संभाग में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही सर्व आदिवासी समाज की संगठन शक्ति पर शंका व्यक्त की है। दोनों ही दल सर्व आदिवासी समाज को बड़ी राजनीतिक या चुनावी चुनौती नहीं मान रहे हैं। 



आम आदमी पार्टी अपना प्रचार अभियान किया तेज



आम आदमी पार्टी अपने राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को छत्तीसगढ़ लाकर अपना प्रचार अभियान तेज करने में लगी है। बहरहाल, ऐसा कोई संकेत नहीं है कि वह छत्तीसगढ़ में अपनी संगठन शक्ति बढ़ा पाएगी। उसकी भी चुनावी राजनीतिक संभावनाएं क्षीण ही बनी हुई हैं। दिलचस्प बात यह है कि पूरे राज्य में कांग्रेस और छत्तीसगढ़ के नेताओं ने विधानसभा चुनाव में टिकट की आस में बड़े पैमाने पर वॉल पेंटिंग करवा दी है। हर क्षेत्र में दोनों ही पार्टियों के नेतागण पार्टी को जिताने की अपील करने के नाम पर अपने-अपने दावे को आगे बढ़ा रहे हैं।



स्थिति यह है कि राज्य में अब भी कांग्रेस की जीत के आसार कुछ ज्यादा नजर आ रहे हैं। भाजपा में हल्की निराशा का भाव आया है। दस बिंदुओं के स्केल पर कांग्रेस 5.50 और भाजपा 4.50 पर नजर आती है।


गर्भ में सरकार-किसकी होगी जय-जयकार एमपी में किसकी बनेगी सरकार एमपी विधानसभा चुनाव 2023 Assembly Election MP-2023 एमपी में कांग्रेस की चुनौती एमपी में बीजेपी की चुनौती Scindia-Chambal and JYAS will decide the results in MP एमपी में सिंधिया-चंबल और जयस तय करेंगे नतीजे MP Assembly Election 2023 सीजी के लिए Whose government will be formed in MP
Advertisment