भैंसदेही सीट: पुराने चेहरे पर BJP का दांव, महेंद्र सिंह को फिर मौका, जयस बिगाड़ सकती है कांग्रेस का हिसाब-किताब

author-image
Vikram Jain
एडिट
New Update
भैंसदेही सीट: पुराने चेहरे पर BJP का दांव, महेंद्र सिंह को फिर मौका, जयस बिगाड़ सकती है कांग्रेस का हिसाब-किताब

BHOPAL. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है, इसको लेकर कई तरह की बातें, दावे किए जा रहे हैं, कोई कह रहा है कि यह अमित शाह की सूची है, तो कोई इसे संगठन और सरकार के आपसी समन्वय से जारी निर्विवाद नामों वाली पहली सूची बता रहा है। अब लोगों के मन में सवाल इसको लेकर ये उठ रहा है कि जो टिकट दिए गए हैं, आखिर उसके पैमाने क्या हैं, मतलब पैरामीटर्स क्या हैं, आखिर इसमें कुछ ऐसे भी नाम हैं जिन्हें लेकर लोग चैंक रहे हैं जैसे की बैतूल की भैंसदेही सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट से बीजेपी ने पुराने प्रत्याशी यानी 2018 में चुनाव लड़ चुके महेंद्र सिंह चौहान को फिर मौका दिया है। 





2018 में बड़े अंतर से हारे थे महेंद्र सिंह चौहान





अब सवाल ये है कि पहली लिस्ट में ज्यादातर तो पिछला चुनाव हारने वाले लोग ही शामिल हैं, तो इसमें चौंकाने वाली क्या बात है, बात दरअसल, ये है कि महेंद्र सिंह चौहान पिछला चुनाव कांग्रेस के धरमूसिंह सिरराम से बड़े अंतर से हारे थे, कांग्रेस के धरमूसिंह ने महेंद्र सिंह चौहान को 30 हजार 880 वोटों से हराया था। चौहान इससे पहले 2013 में जब वह विधायक चुने गए थे, तब उन्होंने कांग्रेस के धरमूसिंह सिरराम को 13 हजार 276 वोट से हराया था। 





निर्णायक भूमिका में कोरकू आदिवासी





अब 2018 के रिजल्ट को देखते हुए विधानसभा क्षेत्र में उम्मीद की जा रही थी कि बीजेपी कोई नया चेहरा देगी, लेकिन पार्टी ने महेंद्र सिंह चौहान को फिर उम्मीदवार बना दिया, उसके पीछे जयस की ओर से बन रहे स्थानीय समीकरण बताए जा रहे हैं। दरअसल, क्षेत्र का वोटवार विश्लेषण करने पर पता चलता है कि आदिवासी बाहुल इस क्षेत्र में कोरकू आदिवासियों के वोट निर्णायक भूमिका में रहते हैं, और महेंद्र सिंह चौहान भी कोरकू जनजाति से ही हैं। 





कांग्रेस और जयस के समीकरण पर नजर





ये तो हुई बीजेपी के महेंद्र सिंह चौहान की बात, अब जरा कांग्रेस और जयस के समीकरणों पर भी नजर डालते हैं, कांग्रेस के पास अभी यहां से मौजूदा विधायक धरमूसिंह सिरसाम हैं, जो गोंड जनजाति से आते हैं, वहीं कांग्रेस से अन्य दावेदार जिला पंचायत सदस्य रामचरण,जयस से दावेदारी कर रहे जिला पंचायत सदस्य संदीप धुर्वे, जयस के प्रदेश संयोजक जामवंत सिंह कुमरे भी गोंड जनजाति से ही आते हैं। अब इस समीकरण में ही उस सवाल का जवाब छिपा है, जो उपर उठा था, आखिर 30 हजार वोटों से हारने के बाद भी बीजेपी ने महेंद्र सिंह चौहान पर भरोसा क्यों जताया। दरअसल, आपको जो जमीनी समीकरण बताए गए, उस हिसाब से कांग्रेस और जयस की ओर से गोंड उम्मीदवार इस बार मैदान में होगा। इससे बीजेपी को उम्मीद है कि गोंड वोटों का बंटवारा होगा, जिसका उसे फायदा मिलेगा।





क्या जयस को साथ लेगी कांग्रेस





भैंसदेही में जिस प्रकार से जयस के संभवित गोंड प्रत्याशी द्वारा कांग्रेस के वोट काटने की बात कही जा रही है, उससे दो सवाल पैदा हो रहे हैं, पहला ये कि क्या इस बार कांग्रेस प्रत्याशी बदल सकती है। हालांकि, 30 हजार वोट से जीत हासिल करने वाले प्रत्याशी को बदलना पार्टी के लिए इतना सहज भी नहीं होगा। अब दूसरी बात ये है कि क्या कांग्रेस अब जयस को चुनाव के लिए साथ लेकर चल सकती है यानी चुनाव में गठबंधन हो सकता है क्या अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस क्या रणनीति बनाती है। आखिर, कांग्रेस को अपनी सीट जो बचानी है।





ऐसा रहा था 2018 का रिजल्ट





साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भैंसदेही सीट से कांग्रेस को बड़ी जीत मिली था। इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी धरमूसिंह सिसराम जीते थे। सिरसाम को 1 लाख 4 हजार  126 वोट मिले थे। जिसका प्रतिशत 52.10 रहा था। वहीं बीजेपी के महेंद्र सिंह चौहान को हार का सामना करना पड़ा था। चौहान को 73 हजार 455 वोट मिले थे। जिसका प्रतिशत 36.72 था।



मप्र विधानसभा चुनाव 2023 MP Assembly Election 2023 Bhainsdehi Vidhan Sabha seat ticket to Mahendra Singh Chauhan MLA Dharmusinh Sirram Jayas Bhainsdehi भैंसदेही विधानभा सीट महेंद्र सिंह चौहान को टिकट MLA धरमूसिंह सिरराम जयस भैंसदेही