चंबल में बिगड़ सकता है कांग्रेस-बीजेपी का चुनावी गणित

author-image
Dev Shrimali
एडिट
New Update
चंबल में बिगड़ सकता है कांग्रेस-बीजेपी का चुनावी गणित

देव श्रीमाली, GWALIOR. दिल्ली और पंजाब में जीत के झंडे गाड़ने के बाद आम आदमी पार्टी की नजर अन्य राज्यों पर है। नगरीय निकाय चुनाव में महापौर की सीट जीतकर मध्य प्रदेश में  दस्तक देने वाली आप  की नजर अब प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों पर है। प्रदेश में आप के बढ़ते कदमों ने बीजेपी - कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है, लेकिन आप प्रदेश में अब तीसरे मोर्चे के रूप में उभरकर सामने आ रही। आम आदमी पार्टी  ग्वालियर-चंबल में स्थानीय निकाय चुनावों में एक भी मेयर या अध्यक्ष पद पर काबिज नहीं हो सकी है, लेकिन ग्वालियर चंबल अंचल में जिस तरह से उसने दस्तक देकर चुनावी समीकरण गड़बड़ाए उनसे संकेत मिल रहे है कि आगामी विधानसभा चुनावों में वह कांग्रेस और बीजेपी के समीकरण गड़बड़ा सकती है। इस बात का अहसास दोनों दलों को है और इसका भय भी लेकिन इस मामले को स्वीकारने को कोई राजी नहीं है ।





आप का फोकस ग्वालियर - चंबल में ही क्यों





 मध्य प्रदेश की सियासत में आम आदमी पार्टी ने अपनी आमद दर्ज करा दी है और आगामी दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदेश की 230 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारने का एलान ग्वालियर और भोपाल में कर चुकी है। बूथ स्तर तक अपने कार्यकर्ताओं की फौज तैयार करने के लिए आप ग्वालियर चंबल अंचल के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से संगठन का विस्तार करने में जुटी हुई है, ग्वालियर अंचल ही क्यों ? तो इसका कारण साफ है क्योंकि ग्वालियर अंचल से बीजेपी को 2018 में हार का सामना करना पड़ा था और कांग्रेस के सिर विजय का सेहरा बंधा था। अंचल के बड़े नेता सिंधिया का साथ मिलते ही बीजेपी 2020 में फिर से सत्ता में आई। अब बीजेपी और कांग्रेस का पूरा फॉकस ग्वालियर अंचल पर है और सियासत के इसी गणित को ध्यान में रखकर आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल आगामी दिनों में ग्वालियर अंचल का दौरा करने वाले हैं। आप का कहना है बीजेपी, कांग्रेस में एक बिकाऊ है एक खरीददार है, दोनों ही दलों के बूथ कार्यकर्ता, नेता, आप के संपर्क में हैं और प्रदेश में सरकार हम बनाएंगे।





आप से बीजेपी और कांग्रेस में डर का माहौल





मध्यप्रदेश में चाहे नगरीय निकाय चुनाव हो या विधानसभा-लोकसभा अब तक मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस में होता रहा है। बीच-बीच में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने मध्यप्रदेश में दस्तक दी है लेकिन मतदाताओं ने उन्हें नकार दिया। लेकिन आम आदमी पार्टी का क्रेज प्रदेश में तेजी से बढ़ा है और निकाय चुनाव में सिंगरौली में महापौर की सीट जीती और ग्वालियर-मुरैना में बीजेपी खेल बिगाड़ा। बीजेपी को डर है कि विधानसभा चुनाव में आप  उनके परंपरागत वोट काटकर फिर से खेलना बिगाड़ दे। हालांकि बीजेपी का कहना है मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी में ही होगा बीच-बीच में कुछ पार्टी सक्रिय होने का प्रयास करती हैं, लेकिन थोड़ी चमक के बाद उनकी चमक फीकी पड़ जाती है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि आप ने प्रदेश में दस्तक दी है उसका स्वागत है, लेकिन विधानसभा चुनाव में आप वोट काटने (कटुवा) के अलावा और कोई काम नहीं कर पाएगी।





ग्वालियर अंचल पर दोनों दलों की विशेष नजर





बहराल विधानसभा चुनाव में बीजेपी 2018 की गलती सिंधिया के गढ़ में दोहराना नहीं चाहती, क्योंकि इस बार बीजेपी ने ग्वालियर अंचल की कमान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथों में सौंप दी है वहीं दूसरी और कांग्रेस 2018 का तिलिस्म 2023 में दोहराना चाहती है। इसलिए दोनों दलों यह नजरें ग्वालियर अंचल पर टिकीं हैं, लेकिन तीसरे मोर्चे के रूप में दस्तक देने वाली आम आदमी पार्टी की कछुआ चाल ने बीजेपी कांग्रेस चिंता में डाल कर इनके रणनीतिकारों के दिलों की धड़कन बढ़ा दी है।



MP Assembly Election 2023 एमपी में किसकी बनेगी सरकार एमपी विधानसभा चुनाव 2023 Scindia-Chambal and JYAS will decide the results in MP Assembly Election MP-2023 गर्भ में सरकार-किसकी होगी जय-जयकार एमपी में सिंधिया-चंबल और जयस तय करेंगे नतीजे एमपी में बीजेपी की चुनौती एमपी में कांग्रेस की चुनौती Whose government will be formed in MP