BHOPAL. मध्यप्रदेश में आदिवासियों और दलितों पर अत्याचार की एक के बाद एक घटनाओं के बाद कांग्रेस ने आंदोलन का रुख अपना लिया है। मंगलवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में तो कांग्रेस इस मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाएगी ही, विधानसभा सत्र के ठीक एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में आदिवासी और दलित विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला। राज्यपाल मंगू भाई पटेल को ज्ञापन सौंपकर कमलनाथ और विधायकों ने इस तरह की घटनाओं पर तत्काल रोक लगाने और दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
बता दें कि सीधी के पेशाब कांड के बाद से लगातार आदिवासियों और दलितों के साथ मारपीट की घटनाएं सामने आ रही हैं। इन घटनाओं को लेकर आज PCC चीफ कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविन्द सिंह आदिवासी विधायकों के साथ राज्यपाल मंगू भाई पटेल से मिले। कांग्रेस पार्टी के करीब 22 आदिवासी विधायकों के साथ राज्यपाल को ज्ञापन दिया गया। इस दौरान पूर्व मंत्री उमंंग सिंघार, बाला बच्चन, कांतिलाल भूरिया, विधायक डॉ अशोक मर्सकोले, डॉ हीरा अलावा और हर्ष विजय गहलोत सहित तमाम आदिवासी विधायक मौजूद थे।
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#Bhopal: राज्यपाल से मुलाकात कर निकले पीसीसी चीफ कमलनाथ, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह और कांग्रेस के आदिवासी विधायक रहे मौजूद। कमलनाथ ने कहा- मने राज्यपाल से मुलाकात की है और उन्हें प्रवेश शुक्ला द्वारा एक आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब करने की घटना के बारे में सूचित किया है, जिसने पूरे… pic.twitter.com/BAYaLNyPgZ
— TheSootr (@TheSootr) July 10, 2023
कांग्रेस विधायकों ने कहा, बढ़ रहा है अत्याचार
कांग्रेस विधायकों ने अपने ज्ञापन में लिखा मध्यप्रदेश में सबसे बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के नागरिक निवास करते हैं। लेकिन, देखने में आ रहा हैं कि भारतीय जनता पार्टी की 18 साल की सरकार में आदिवासी समुदाय के ऊपर अत्याचार दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है । भाजपा सरकार में आदिवासी उत्पीड़न के 30,000 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं, जबकि इससे बड़ी संख्या ऐसे मामलों की है जो प्रकाश में नहीं आ सके ।
आदिवासियों की रक्षा के लिए राज्यपाल आगे आएं: कमलनाथ
राज्यपाल से मुलाकात के बाद पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा- आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन दिया है।सीधी की घटना ने प्रदेश को देश भर में शर्मसार किया है। हम ने राज्यपाल से मांग की है आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए खुद आगे आएं। राज्यपाल खुद आदिवासी वर्ग से आते हैं। हमने मांग की है कि आगे आकर आदिवासियों की रक्षा के लिए कदम उठाएं। राज्यपाल से मांग की है कि इन तमाम घटनाओं की वो खुद जांच करें। आज नहीं कल पूरी सच्चाई सामने आएगी।