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MP में किसकी सरकार? रवीन्द्र व्यास का विश्लेषण  मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं बीजेपी में जारी है रूठने मनाने का सिलसिला
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5/29/23, 4:00 AM (अपडेटेड 5/28/23, 12:39 AM)

BHOPAL. इन दिनों बुंदेलखंड प्रकृति के प्रचंड ताप से तप रहा है, वहीं राजनेता चुनावी ताप और अंतरकलह की आग से तप रहे हैं। बीजेपी जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं रूठने मनाने का सिलसिला जारी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बीते 9 दिनों में बुंदेलखंड के 3 दौरे कर यह जताने का प्रयास किया है कि हर कीमत पर चुनाव जीतना है। इस दौरान उन्होंने सैकड़ों करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया। महाकाल लोक की तर्ज पर बुंदेलखंड में भी कई लोक बनाए जाने के सब्ज बाग भी दिखाए। असल में कर्नाटक का करेंट इतना तेज लगा है कि कांग्रेसी बौरा गए हैं तो बीजेपी विचलित हो गई है, जिसका असर लोक व्यवहार में दिखने लगा है।


बीजेपी के नेताओं असंतोष अब खुलकर सामने आने लगा है


सागर जिला संभाग का सबसे बड़ा जिला है यहां से तीन कैबिनेट मंत्री सरकार में हैं। यहां पिछले एक दशक से जिस तरह के हालात बीजेपी के नेताओं ने देखे और समझे उसको लेकर असंतोष अब खुलकर सामने आने लगा है।  यहां की खुरई विधानसभा से चुने गए बीजेपी के प्रमुख नेता और मंत्री भूपेंद्र सिंह की अपने ही जिले के मंत्री गोपाल भार्गव और गोविंद राजपूत और विधायक प्रदीप लारिया, शैलेंद्र जैन और महेश राय से नहीं बनती। असंतोष इतना बड़ा कि पिछले दिनों भोपाल में हुई केबिनेट बैठक के बाद लोकनिर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत और विधायक शैलेंद्र जैन, प्रदीप लारिया मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने पहुंच गए। इन लोगों ने नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह पर अनेकों गंभीर आरोप लगाते हुए साफ कह दिया कि सागर के हालात अगर नहीं सुधरे और भूपेंद्र सिंह को नहीं समझाया गया तो हम लोग सामूहिक इस्तीफा देने को मजबूर होंगे। बीजेपी के ये नाराज नेता प्रदेश संगठन मंत्री हितानंद और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा से भी मिले।


बीजेपी के सभी मंत्री विधायक एक मुट्ठी की तरह हैं


हालांकि, बाद में मंत्री गोपाल भार्गव ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि बैठक में चुनावी चर्चा हुई, हमने बीते 43 वर्षों में पार्टी की सेवा अपनी मां की तरह से की है, बीजेपी के सभी मंत्री विधायक एक मुट्ठी की तरह हैं। उनका यह बयान जारी होने के दूसरे ही दिन गोविंद राजपूत के पुत्र आकाश राजपूत का एक स्क्रीन शॉट वायरल होने लगा कि अच्छा है हम खुरई में नहीं हैं, वरना बात करने पर जेल चले जाते। हालांकि, बाद में आकाश ने अपनी यह पोस्ट डिलीट कर दी। इस पर गोविंद राजपूत ने साफ कहा कि ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। आकाश का यह विवाद शांत भी नहीं हुआ था कि सागर बीजेपी के जिला मंत्री देवेंद्र फुसकेले ने फेसबुक पर खुरई में चल रही तालिबानी विचारधारा पर लिख डाला। उन्होंने लिखा, “श्री बागेश्वर धाम की कृपा से खुरई क्षेत्र में चल रही तालिबानी विचारधारा से शीघ्र मुक्ति, आप सभी का कल्याण, साधु जी सीताराम।” 


बीजेपी के सामने इधर गिरे तो कुआं उधर गिरे तो खाई वाली स्थिति


दरअसल सागर में जो कुछ भी होता है उसका असर देर सवेर संभाग के अन्य जिलों में भी देखने को मिलता है।  सागर के लोग और यहां के बीजेपी नेता इस बात को बहुत अच्छे से जानते हैं कि यहां मंत्री भूपेंद्र सिंह किसके इशारे पर इतने बलशाली हुए और किसके इशारे पर सागर के अन्य नेताओं और मंत्रियों को उपेक्षित किया गया। इसमें लोग सीधे तौर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान का नाम लेने से भी संकोच नहीं करते। दूसरी तरफ अगर कांग्रेस को देखा जाए तो पिछले दिनों जब यहां कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दौरा किया था उनके निशाने पर मंत्री भूपेंद्र सिंह ही थे। दिग्विजय ने खुरई विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेसियों पर दर्ज हो रहे झूठ प्रकरण के मुद्दे पर मंत्री भूपेंद्र सिंह पर निशाना साधा था। अब तो बीजेपी के नेता ही कहने लगे हैं कि खुरई में तालिबानी विचारधारा चल रही है। पिछले दिनों सागर दौरे पर आए बीजेपी के संगठन से जुड़े एक पदाधिकारी ने सागर में चल रहे इस संघर्ष को महीनों पहले समझ लिया था सूत्रों की मानें तो उन्होंने भूपेंद्र सिंह को सीधे तौर पर समझाइश और चेतावनी भी दी थी, इसकी जानकारी भी सीएम को दी गई थी। चुनाव के तीन माह पहले बीजेपी के अंदर मचे घमासान को लेकर बीजेपी के सामने स्थिति " इधर गिरें तो कुआं उधर गिरें तो खाई " वाली हो गई है? 


शिवराज सिंह चौहान ने 9 दिनों में बुंदेलखंड के तीन जिलों का दौरा किया


विवादों के बीच बुंदेलखंड के गढ़ को मजबूत बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जुटे हैं। 9 दिनों में बुंदेलखंड के तीन जिलों का दौरा कर उन्होंने करोड़ों की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। पन्ना में महाराज छत्रसाल की जयंती पर पन्ना गौरव दिवस मनाया गया। यहां उन्होंने घोषणा की पन्ना में बाबा महाकाल की तर्ज पर जुगल किशोर लोक बनाया जाएगा। पन्ना में भी लोगों ने मेडिकल कॉलेज की मांग की इस पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जब 10 लाख तक की आबादी वाले शहरों जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जाने का फैसला होगा, तब उसमें पन्ना को भी शामिल किया जाएगा। दरअसल मेडिकल कालेज की ऐसी मांग है जिसकी हर जिले से मांग उठ रही है। पन्ना आने के चार दिन पहले ही सीएम पृथ्वीपुर गए थे, वहां उन्होंने कहा की 500 करोड़ से अधिक की लागत से ओरछा में राम राजा लोक का निर्माण किया जाएगा।


करोड़ों की योजनाओं का मतदाताओं पर असर वक्त ही बताएगा


निवाड़ी आने के तीन दिन पहले ही वे सागर आए थे उन्होंने सागर में उन्होंने कुशवाहा समाज के सम्मलेन में हिस्सा लिया और यहां उन्होंने लवकुश मंदिर बनाने के लिए 10 रुपए की राशि देने की घोषणा की। जिसमें 5 करोड़ की राशि मंदिर के लिए और 5 करोड़ की राशि धर्मशाला बनाने पर व्यय होगी। कुशवाहा समाज कल्याण बोर्ड के गठन की घोषणा भी की। इसी दिन उन्होंने मुख्यमंत्री किसान ब्याज माफी योजना का भी शुभारंभ किया। सागर जिले की 866 करोड़ की तीन नल जल योजना का भूमि पूजन किया। करोड़ों की योजनाओं के माया जाल का कितना असर होगा मतदाताओं पर होगा यह आने वाला वक्त ही बताएगा।


कांग्रेस में भी अंतर्कलह खुलकर सामने आने लगा है


बीजेपी में विवाद के हालातों के बाद कांग्रेस के नेता जरूर खुश हैं, पर अंदरूनी हालात कांग्रेस के भी कुछ कम नहीं है। कांग्रेस में भी अंतर्कलह खुलकर सामने आने लगा है। इसकी बानगी संभाग के प्रभारी के सामने भी कई जिलों में देखन को मिले हैं। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से तो कांग्रेस के नेता कुछ ज्यादा ही उत्साहित हो गए हैं, यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों में चुनावी रण में उतरने वाले दावेदारों की संख्या बड़ी है, जो ना सिर्फ दीवार लेखन कर रहे हैं। बल्कि, गांव-गांव जनसंपर्क अभियान में भी जुटे हैं। कांग्रेस में बढ़ते दावेदारों के कारण अब कांग्रेस में गुटबाजी भी खुलकर सामने आने लगी है जिसका नुकसान कांग्रेस को उठाना पढ़ सकता है। 


दरअसल इन दिनों बुंदेलखंड में सत्ता के समीकरण  कांग्रेस के अनुकूल माने जा रहे हैं इसके पीछे लोग अपने अपने तरह से कारण भी बताते हैं।


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