चंबल का ये वो इलाका है जो बागियों के लिए मशहूर रहा है....ये भिंड जिला है जिसका नाम ऋषि भिंडी के नाम पर भिंड का नाम पड़ा ...एक समय यहां डाकुओ का ऐसा आतंक था कि पुलिस और सुरक्षा बल चंबल के बीहड़ों में जाने से कतराते थे.. सरकारी दस्तावेजों के मुताबकि 1959 से 1963 के दौरान अकेले भिंड जिले में पुलिस ने 216 डाकू मार गिराए थे और 697 गिरफ्तार किए थे.... अब भिंड में बागी नहीं बल्कि सैनिक ज्यादा है..... यहां के ज्यादातर युवा सेना में भर्ती होते हैं...सियासी रूप से देखे तो भिंड विधानसभा सीट काफी अहमियत रखती है... 2018 के चुनाव में यहां से बहुजन समाज पार्टी के संजीव सिंह कुशवाह ने जीत दर्ज की...2023 में कौन यहां से सदन तक का सफर तय करेगा जानने के लिए देखिए....
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