BHOPAL. मप्र सरकार की फ्लैगशिप योजना “लाड़ली बहना” की पोस्टर गर्ल के लिए सरकारी अफसरों को सवा करोड़ लाभार्थियों में एक भी महिला ऐसी नहीं मिली, जिसे योजना की पोस्टर गर्ल बनाया जा सके। 10 जुलाई को महिलाओं के खाते में याेजना की दूसरी किस्त पहुंचाने से पहले विज्ञापनों में जिस चेहरे का उपयोग किया गया, वह AI (आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस) जनरेटेड तस्वीर थी। TheSootr ने जब इसका खुलासा किया, तब जाकर जिम्मेदारों को होश आया। आनन- फानन गलती को सुधारा गया और नई महिला काे सरकारी विज्ञापनों पर लाया गया।
यह किया था पहले
10 जुलाई को महिलाओं के खाते में दूसरी किस्त पहुंचाई जाना थी। इस कार्यक्रम से पहले लाड़ली बहना योजना का एक नया पोस्टर सरकार ने लॉन्च किया। इसमें तीखे नैन नक्श वाली एक गांव की एक महिला नजर आ रही थी। ठेठ देसी अंदाज में। इस पोस्टर को देखने वालों की उत्सुकता ये थी कि कौन है ये महिला जो एक करोड़ 25 लाख लाड़ली बहनाओं का प्रतिनिधित्व कर रही है।
द सूत्र सामने लाया सच्चाई
मध्य प्रदेश में चुनावी दौर में शिवराज सरकार द्वारा शुरू की गई लाड़ली बहना योजना की दूसरी किश्त की तारीख नजदीक आने के कुछ वक़्त पहले योजना का एक नया पोस्टर जारी हुआ था, जिस पर एक वाक्य लिखा था: 10 तारीख आ रही है बहनों! साथ ही एक मुस्कुराती हुई खुशमिज़ाज़ महिला की तस्वीर भी थी। दरअसल, पोस्टर में छपी महिला की जानकारी जुटाने के लिए द सूत्र ने बातचीत की माध्यम के अधिकारियों से। तो पहले तो विभाग की HOD ने गोलमोल जवाब दिया कि उन्हें इस बारे में कुछ जानकारी नहीं है। लेकिन इसके बाद विभाग के ही अन्य सीनियर अधिकारियों से बातचीत करने पर पता चला कि ये महिला असली नहीं बल्कि 'आर्टवर्क' है! इसी बात को जांचते हुए जब हमने गूगल की दुनिया खगाली तो पोस्टर वाली महिला आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का कमाल निकली।
TheSootr के खुलासे की खबर यहां पढ़ें..
अब बदला चेहरा…
TheSootr के खुलासे के बाद जागे जिम्मेदारों ने आनन- फानन में AI जनरेटेड चेहरे को बदलते हुए वास्तविक महिला को इस योजना की पोस्टर गर्ल बनाया है और पूरे प्रदेश में जगह- जगह लगे पोस्टरों को बदलवा है। साथ ही डिजिटल माध्यमों पर भी इस तस्वीर को बदलवाया गया है।