रोचक होगी सीकर की सियासत; दांतारामगढ़ में पति के सामने पत्नी तो BJP के सामने उसी की दोस्त पार्टी JJP का मुकाबला

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Chakresh
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रोचक होगी सीकर की सियासत; दांतारामगढ़ में पति के सामने पत्नी तो BJP के सामने उसी की दोस्त पार्टी JJP का मुकाबला

SIKAR. सीकर जिले की दांतारामगढ़ विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला रोचक हो सकता है। इस सीट पर विधायकी के लिए पति- पत्नी आमने- सामने हो सकते हैं। दरअसल दांतारामगढ़ से कांग्रेस LA वीरेंद्र सिंह की पत्नी रीटा सिंह ने दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी (JJP) जॉइन कर सबको चौंका दिया है। JJP ज्वाइन होते ही रीटा सिंह को पार्टी की प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष का पद भी दिया गया है।





अब विधानसभा सीट की उम्मीदवार





रीटा सिंह ने JJP पार्टी जॉइन करते ही दांतारामगढ़ सीट से अपनी दावेदारी जताई है। अभी उनके पति वीरेंद्र सिंह विधायक हैं। अगर कांग्रेस इस बार भी वीरेंद्र सिंह को टिकट देकर चुनाव लड़वाती है तो उनका सामना अपनी पत्नी से ही होगा। शेखावाटी में दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व पीसीसी अध्यक्ष चौधरी नारायण सिंह की बहू रीटा के इस फैसले के साथ ही सीकर की सियासत रोचक हो चुकी है। रीटा के ससुर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री नारायण सिंह दांतारामगढ़ सीट से कई बार विधायक रहे हैं। अब पति के सामने ही मैदान में उतरने की बात पर रीटा का कहना है कि किसी को तो पहल करनी होगी। पूरी तरह से बदलाव करने के लिए आगे आना होता है।  वे बताती हैं कि दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला मिलकर पार्टी को आगे बढ़ा रहे हैं। अब हम राजस्थान में आए हैं। हरियाणा और राजस्थान का कल्चर एक जैसा ही है। राजस्थान में भी पूरे जोश से काम करेंगे।





दांतारामगढ़ से ही की सियासी पारी की शुरुआत





रीटा सिंह ने पहली बार 1995 में पंचायत समिति का दांतारामगढ़ से ही चुनाव लड़ा और बड़ी जीत दर्ज की थी। तब उन्होंने प्रधान की दावेदारी भी जताई थी, लेकिन दो वोटों से वह हार गई थीं। 2010 में उन्होंने जिला परिषद का चुनाव लड़ा और इस बार वे जिला प्रमुख बनने में कामयाब हुईं। वे वर्ष 2015 तक सीकर की जिला प्रमुख रहीं। वर्ष 2014 में सचिन पायलट के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रहने के दौरान प्रदेश सचिव का पद संभाला। वर्ष 2018 में उनके पति वीरेंद्र सिंह दांतारामगढ़ से चुनाव जीत कर विधायक बने।





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हरियाणा में BJP गठबंधन, अब राजस्थान में एंट्री





इंडियन नेशनल लोकदल (IND) से अलग होकर दुष्यंत चौटाला ने 9 सितंबर 2018 को जननायक जनता पार्टी (JJP) बनाई थी। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के पौत्र और अजय सिंह चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला की पार्टी पहली बार चुनाव में उतरी और धमाकेदार एंट्री की। दुष्यंत सहित पार्टी के 10 विधायक जीते। हरियाणा में भाजपा को समर्थन देकर गठबंधन सरकार बनाने वाले दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। अब JJP की नजर राजस्थान की कई सीटों पर है। दुष्यंत चौटाला चुनाव से पहले राजस्थान के कई दौरे कर चुके हैं। जेजेपी का फोकस उन सीटों पर ज्यादा है, जो हरियाणा बॉर्डर से लगती हैं और बीजेपी वहां कमजोर है। हरियाणा से सटे श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, अलवर, झुंझुनूं और सीकर सहित कई जिलों में 15 से 20 सीटों पर पार्टी फोकस कर रही है। जाट बेल्ट होने के कारण नागौर पर भी इसका फोकस है। पहले इन जिलों की कुछ सीटों पर चौटाला परिवार की इनेलो पार्टी का भी दबदबा रहा है।



 



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