DHAR. धार के पूर्व विधायक को हत्या के केस में सजा के बाद यहां के चुनावी समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं। क्षेत्र में अपना अलग ही दबदबा रखने वाले बालमुकुंद सिंह गौतम के चुनाव के कुछ महीने पहले ही सजा ने रानीतिक गलियारों में कई सवालों और दूसरे नेताओं को टिकट की संभावनाओं को जन्म दे दिया है।
क्षेत्र में थी अच्छी पकड़
बालमुकुंद सिंह गौतम 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में सिर्फ 1 वोट से पराजित हुए थे। लेकिन बाद में कोर्ट द्वारा बालमुकुंद सिंह गौतम के पक्ष में फैसला सुनाया गया था। इसके बाद वे क्षेत्र से विजयी घोषित कर दिए गए थे। 2013 के चुनाव में बालमुकुंद सिंह गौतम भाजपा की नीना वर्मा से चुनाव हारे थे। 2018 के चुनाव में उनकी पत्नी प्रभा गौतम को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था। लेकिन उन्हें भी भाजपा की नीना वर्मा के सामने हार का सामना करना पड़ा था।
पत्नी को टिकट मिलने की संभावना कम
हालांकि बालमुकुंद गौतम की पत्नी दो बार धार से चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन इस बार उनको यहां से टिकट मिलने की संभावना काफी कम नजर आ रही है। इसका कारण सीधे तौर पर गौतम को सजा होना है। गौतम के साथ-साथ उनकी पत्नी की छवि भी धूमिल हुई है।
दावेदारों में आगे कौन
धार के कांग्रेस से टिकट के दावेदारों की बात की जाए तो उनमें प्रमुख रूप से प्रदेश कांग्रेस सचिव कुलदीप सिंह बुंदेला को देखा जा सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि उनकी टिकट की दावेदारी यहां से काफी मजबूत है। लेकिन उनके सामने धार से ही महिला कांग्रेस नेत्री विजेता त्रिवेदी, कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष धीरज दीक्षित, वरिष्ठ कांग्रेस नेता हितेश ठाकुर मुख्य प्रतिद्वंद्वी दिखाई दे रहे हैं।
वैसे आने वाले चुनाव के पहले बालमुकुंद सिंह गौतम बदनावर से अपनी दावेदारी पेश करने की योजना बना रहे थे। वहीं उनके भाई पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज सिंह गौतम धार से टिकट के दावेदार माने जा रहे थे। लेकिन सजा के बाद इस दौड़ से वो बाहर हो गए हैं।